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________________ ६७०) श्री श्वेतांबर जैन तीर्थ दर्शन : भाग - २ ५७. श्री गोलवाड तीर्थ गोलवाड जैन मंदिरजी मूलनायक श्री मुनिसुव्रत स्वामी यह मंदिर गोलवाड गांव में है। दहाणु से बोरडी उमरगांव जाने पर आता है। प्रथम घर मंदिर था अब दो मंजिल का भव्य मंदिर है। भोयरे में श्री शंखेश्वरा पार्श्वनाथजी है और उपर की मंजिल में श्री आदिश्वर भगवान है । प्रतिष्ठा सं. २०३० फाल्गुन वद६ को पू. आ. श्री विजयधर्मसूरीश्वरजी म. के द्वारा हुई है। (जि. थाणा) पिन- ४०१७०२। महाराष्ट्र की बोर्डर है। - मूलनायक श्री मुनिसुव्रत स्वामी ५८. श्री भायंदर तीर्थ भायदर मूलनायक श्री चिंतामणि पार्श्वनाथजी राममंदिर रोड़ पर यह मंदिर गांव में है। आरस के १३ प्रतिमाजी जहां उपाश्रय आदि हैं। यह मंदिर प्रथम शिखरबंधी इस तरफ हुआ है। प्रतिष्ठा सं. १९९९ फाल्गुन सदी १ ता. २५-२-१९४२ कर्म साहित्य निष्णांत पू. आ. श्री विजयप्रेमसूरीश्वरजी म. के द्वारा हुई है। ६ वर्ष पहले जीर्णोद्धार हुआ है। श्री बावन जिनालय - देवचंदनगर
SR No.002431
Book TitleShwetambar Jain Tirth Darshan Part 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJinendrasuri
PublisherHarshpushpamrut Jain Granthmala
Publication Year2000
Total Pages328
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size75 MB
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