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________________ महाराष्ट्र विभाग NAO मूलनायक श्री ऋषभदेवजी अहमदनगर प्राचीन शहर है। अभी चार मंदिर है। १. श्री आदिश्वर भगवान का मंदिर - लगभग ८५ से १० वर्ष प्राचीन भव्य मंदिर है। २. श्री संभवनाथ जैन मंदिर - इस मंदिर की प्रतिमा श्री संभवनाथ भगवान मूलनायक की है। यह दौलताबाद में पेथडशाह द्वारा निर्माण किया हुआ देशभर का सबसे विशाल रंगमंडप वाले मंदिर में से यह प्रभुजी यहां लाने में आए हैं। यह मंदिर लगभग ९० वर्ष प्राचीन जिनालय है उपर गर्भगृह में संवत २ अर्थात् २०५० वर्ष पुरानी प्रतिमा है। यह २ भव्य जिनालय है इस जिनालय में २४ जिनालय पीछे से लगभग आठ वर्ष पहले अंजनशलाका प्रतिष्ठा हुई है। पूरे महाराष्ट्र में २४ जिनालय का यह एक ही मंदिर है। २. श्री आदिश्वर भगवान का मंदिर सोसायटी में है। ४. श्री वासुपूज्य स्वामी शिखरबंधी जिनालय लगभग ५-६ वर्ष पहले बनवाकर अंजनशलाका प्रतिष्ठा हुई है। और जनों की बहुत बस्ती वाला यह शहर है। यहां बड़े-बड़े भगवतों के चातुर्मास होने से मंदिरों में सेवा, पूजा, दर्शन का लोग अच्छा लाभ लेते हैं। श्री कृषभ संभव जैन जिन श्वेताम्बर संघ कपड़ा बाजार - अहमदनगर ४१४ ००१ (महाराष्ट्र) ADSENSATING बुधाय M 3शुक्राय नमः चंदाय 3 गुखे उस्याय नामाय रासस केलवे सनवराय नमः नमः सूसासरुब... श्री नवगट-पटाखा
SR No.002431
Book TitleShwetambar Jain Tirth Darshan Part 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJinendrasuri
PublisherHarshpushpamrut Jain Granthmala
Publication Year2000
Total Pages328
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size75 MB
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