SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 208
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ महाराष्ट्र विभाग एजाजाला कुवयान શ્રી ચિંતામાગી પાર્શ્વનાથ मूलनायक श्री चिंतामणि पार्श्वनाथजी (पुराना मंदिर) भायंदर जैन मंदिरजी (पुराना मंदिर) भायंदर देवचंदनगर मूलनायकश्री शंखेश्वरा पार्श्वनाथजी यह बावन जिनालय है और भव्य है । देवचंदनगर में जिनालय सेठ देवचंदभाई जेठालालभाई ने मलाड देवचंदनगर में जिनालय के बाद तैयार करवाया है। १८० से ज्यादह जिन प्रतिमा है। पास में उपाश्रय धर्मशाला है। सं. २०४३ वैशाख सुदी ११ को पू. आ. श्री विजयजयानंदसूरीश्वरजी म. के द्वारा प्रतिष्ठा हुई है। बस्ती बढ़ने से पूजा करने वालों की संख्या तीर्थ में होती है। यह बावन जिनालय महाराष्ट्र में प्रथम और अद्भुत है। रोड पर भटेवा पार्श्वनाथजी सुंदर जिनालय है। VAAV मूलनायकश्री शंवेश्वरा पार्श्वनाथजी-देवचंद नगर
SR No.002431
Book TitleShwetambar Jain Tirth Darshan Part 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJinendrasuri
PublisherHarshpushpamrut Jain Granthmala
Publication Year2000
Total Pages328
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size75 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy