________________
श्री श्वेतावर जैन तीर्थ दर्शन - भाग -
५२. श्री संगमनेर तीर्थ
DMINISTERRORa
m
a
आकुपुनाथाभगवान
HIS
संगमनेर जैन मंदिरजी
मूलनायक श्री कुंथुनाथजी
मूलनायक श्री कुंथुनाथजी अहमदनगर जिले में आया एक ऐतिहासिक शहर है।
लगभग १०० वर्ष से भी पुराना पौराणिक एक मंदिर इस गांव में है। इस गांव में पहले एक छोटी सी कोठरी में मंदिर बंधवाया था। यहां पहले श्री चिंतामणि पार्श्वनाथ भगवान मूलनायक के रूप में विराजमान थे। उसके बाद यहां मंदिर बंधवाया तब मूलनायक के रूप में श्री कुंथुनाथ भगवान विराजमान किए और प्रतिष्ठा पू. आ. यशोदेव सूरीश्वरजी म. सा. ने करवाई।
श्री अमीझरा पार्श्वनाथ भगवान की मूर्ति यहां की एक नदी में से प्रकट हुई थी।
इस मंदिर का एक बार जीर्णोद्धार करवाया था। वह सं. २०३२ में पू. आ. त्रिलोचनसूरीश्वरजी म. की प्रेरणा से हआ। अभी यहां ५० जैनों के घर है। यहां उपाश्रय, धर्मशाला और आयंबिलशाला भी है।
संगमनेर में एक घर मंदिर मुनिसुव्रत भगवान का है और दसरा नासिक रोड पर बन रहे शिखरबंधी मंदिर श्री शांतिनाथ भगवान का है।
यहां से पास में टाकेज तीर्थ लगभग १०० कि.मी. है। उसी प्रकार भंडादरा - ६५ कि.मी. राजुर ४२ कि.मी. है।।
श्री जैन श्वे. मू. संघ, पार्श्वनाथ लाईन, संगमनेर, पिन - ४२२६०५ । जि. अहमदनगर ।
कंथुजिन उदार रे भविजन आधार रे, तारी सेवा भक्ति थी, थाये सुख संचार
कंथ-१ ओ...शूर नृपतिनो व्हालो नंदन, श्री मातानो जायो रे, छाग लंछन जस चरण छाजे, केवल गुण समुदायो रे। कुंथु
ओ... हीरा माणेकनी आंगी सोहे, चक्षु मनोहार रे. रागी तने आंगीथी माने, अणसमजुगमार रे।
कुंथु-३ ओ..गजपुर नगरनां स्वामी प्रभुजी, दान अभय देनार रे. दान दया प्रभु तारे.समये (आगममा), कुमतमां अंधकार रे। कुंथु -४ ओ... कहेता तेरोपंथ प्रभुजी, विपरीत माने अपाररे, ..
तुजने भूल्या माने जिनजी, श्रद्धानुं कयां द्वार रे। कुंथु -५ ओ..यात्रा भक्ति पूजा मांहे, लाभ नो विचार रे,
ओवी सेवा जिनेन्द्र ! करतां, शिवश्री श्रीकार रे। कुंथु -६