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________________ राजस्थान विभाग ९ ब्यावर जिला 樂樂樂樂 11101089109010999 श्री पार्श्वनाथजी •樂樂樂樂樂樂樂樂樂樂樂樂樂樂樂樂 ब्यावर जिला 1000-1 श्रीशतायजी १. ब्यावर मूलनायक श्री शांतिनाथजी १५० साल पूराना यह देरासरजी है । प्रतिष्ठा पू.आ. श्री विजय कलापूर्ण सू. म. के वरद् हस्तों से संपन्न हुई है । यहाँ से ३ कि.मी. दूर बालाड़ तालाब में से यह प्रतिमाजी मिली थी । यह शहर पहले जंगल के विस्तार में था। अंग्रेजो ने इसका विकास किया । बालाड गाँव पहले नगर था । वहाँ से ५ प्रतिमाजी जमीन में से मिली थी उंचा सुंदर जिनालय बनाकर प्रतिष्ठा संपन्न कराई थी । जैनों के १५०० (सब गच्छ के) घर है । दूसरा पार्श्वनाथका देरासर जो २० साल पहले बना है । यह नहेरु दरवाजा बाहर है, धर्मशाला है । शांतिनाथ देरासर जो मुख्य है और वह पाली बाझार में है । २ पाकिस्तान के हाला गाँव से लाया हुआ पार्श्वनाथजी का देरासर संभवनाथजी हाला जैन संघ नहेरु गेईट बाहर । ३ श्री चंद्रप्रभु देरासरजी स्टेशन रोड । ४ जैन स्कूल में शांतिनाथजी मंदिर पीपलीया बाझार । ५ दादावाडी में श्री महावीर स्वामी मंदिर विजयनगर रोड पर है । ← मूलनायक श्री शांतिनाथजी ब्यावर जैन देरासरजी || ※乘乘乘乘乘乘乘乘乘乘乘乘國乘乘乘乘乘乘乘 樂樂樂樂 來來來來來來來來來來來來來來來來來來來來來來來來必
SR No.002430
Book TitleShwetambar Jain Tirth Darshan Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJinendrasuri
PublisherHarshpushpamrut Jain Granthmala
Publication Year1999
Total Pages548
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size114 MB
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