________________
(३७७
राजस्थान विभाग : २ पाली जिला 警警觉參參參參參參參參參參參參參參參參參
७. बोया
मूलनायक श्री शांतिनाथजी
बोया जैन देरासरजी
搬搬搬搬家搬家搬家搬家躲拳盤拳擊拳纷纷纷鄧蝦蟹蟹斷
耶券频緣券餘缘聚缘纷纷拳盤拳拳拳龄杀拳紧紧紧紧券券券券察
मूलंनायक श्री शांतिनाथजी
बोया गाँव में श्री शांतिनाथजी की प्रतिष्ठा सं. १८८३ में हुई है बहुत सारे लेख है।
रंगमंडप मे दाहिनी और परिकर साथ मूर्ति में सं. १२८६ का लेख है । काउस्सग्गिया आदीनाथ में सं. १२५१ का लेख है । निकट में पूराने मूलनायक पार्श्वनाथजी के आगे धातु के चोविसी पर सं. १९४ का लेख है । रंगमंडप में दाहिनी ओर श्री वासुपूज्य स्वामी में सं. १२८६ अषाढ सुद ४ का लेख है । यह देरासर २५०० साल पूराना है । जैनों के एक भी घर नहीं है । जैन धर्मशाला है । बोया गाँव में रंगमंडप में श्री पार्श्वनाथजी है उनकी नाभी में से हररोज सवेरे १० बजे अमी झरता है । वि. सं. १२०० तक पार्श्वनाथजी मूलनायक थे । नीचे भूयहरा था १२ फूट जमीन में दिवाले हैं । पहले बावन जिनालय थे उसका एक अनुमान है । बोया का पूराना नाम बहुविया सं. १२५१ तक था उसके पहले उसका नाम बरवा था।
भवि भावे देरासर आवो,
जिणंदवर जय बोलो; पछी पूजन करी शुभ भावे,
ह्रदयपट खोलोने....१ (साखी) शिवपुर जिनथी मागजो,
___ मागी भवनो अंत; लाख चोराशी वारवा, कयारे थइशुं अमे प्रभु संत...
भवि ओम बोलोने भवि...२ (साखी) मोघी मानव जींदगी, मोंघो प्रभुनो जाप;
जपी चित्तथी दूर करो, तमे कोटी जनमनां पाप...
हृदय पट खोलोने..भवि..३ (साखी) तुं छे मारो साहिबो,
अने हुं छु तारो दास; दीनानाथ मुज पापीने, तमे आपोने शिवपुर वास...
हृदय पट खोलोने...भवि ४ (साखी) छाणी गामनो राजीयो, नामे शान्ति जिणंद;
आत्म कमलमां ध्यावतां, शुद्ध मले लब्धिनो वृंद...
हृदय पट खोलोने भवि...५
鄧肇參參參參參參參參參參參參參參參參參參參參參參參參參