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________________ राजस्थान विभाग : १ सिरोही जिला (३६९ मूलनायक श्री आदीश्वरजी म मूलनायक श्री आदीश्वरजी पंच धातु के चौमुख प्रतिमाजी है । उंचाई ५९ ईंच लगभग है। शेठश्री अचलसिंह अमरसिंह जैन श्वेतांबर पेढी-अचलगढ पो. ओरिया (मा. आबु) जी. सिरोही-राजस्थान | आबु पर्वत के सब से उंचे शिखर (उंची चोटी) पर राणा कुंभाने बनाये हुए किल्ले में समुद्र की सपाटी से १४०२ मीटर उंचाई पर है १ श्री आदीनाथ भगवान २ श्री शांतिनाथ भगवान ३ श्री कुंथुनाथ भगवान और अन्य मंदिर है श्री आदीनाथ भगवान का यह प्रसिध्ध चौमुखी मंदिर का निर्माण राणकपुर तीर्थ के निर्माता शेठ श्री धरणाशाह के बड़े भाई रत्नाशाह के पौत्र और बादशाह ग्यासुद्दिन के महामंत्री शूरवीर-दानवीर श्री सहसा शाहने पू.आ.श्री सुमति सू. म. से उपदेश पाकर उस समय यहाँ के | महाराजा की अनुमति लेकर बनवाया था वि. सं. १५६६ फाल्गुन शु.१० के दिन १२० मन वजन की विशालकाय धातु के श्री आदीनाथ प्रभुजी की प्रतिमा की प्रतिष्ठा पू.आ. श्री जनकल्याण सू. म. के शुभ हस्तों से संपन्न हुई । चौमुखी में पूर्व दिशा के श्री आदीश्वर प्रभुजी और दक्षिण दिशा के श्री शांतिनाथ प्रभुजी की प्रतिमाएं डुंगरपुर के राजा सोमदास के मंत्री ओसवाल श्रेष्ठी श्री साल्हाशाह ने १५१८ में पू. आ. श्री लक्ष्मीसागर सू. म. के वरद हस्तों से अंजनशलाका प्रतिष्ठा करवाई थी। LAM SC
SR No.002430
Book TitleShwetambar Jain Tirth Darshan Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJinendrasuri
PublisherHarshpushpamrut Jain Granthmala
Publication Year1999
Total Pages548
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size114 MB
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