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श्री श्वेत
यात्रा सफल है । जैसा अहेसास होता है और पहले के जमाने के सांकलचंद परिवार ह. श्री हेमचंदभाई छबीलदास द्वारा यह वर्षगांठ लोगों की श्रध्धा भक्ति की अनुमोदना करके आश्चर्य चक्ति हो की अद्वितीय उत्साह के साथ उत्सव मनाया जाता है । दोनों बावन जाते है। यहाँ धर्मशाला भोजनशाला आदि है। पेढी की व्यवस्था जिनालयों और देरीओं को ध्वजा आरोपण होता है और इस लिये सुंदर है। वहाँ सेंकडों कुटुंब आते है। आबुरोड से देलवाडा ३४ कि.मी. है। आयुरोड से तलहटी ७ कि.मी. दूर है। आबुरोड से माउन्ट आबु ३२ कि.मी. है। देलवाडा २ कि.मी. और वहाँ से अचलगढ तीर्थ कि.मी. है।
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यह सब देरासरों का जीर्णोद्धार शेठ श्री आनंदजी कल्याणजी की पेढी द्वारा शेठ श्री कस्तुरभाई लालभाई ने दक्षता और मार्गदर्शन अनुसार मूल कलामें भेद न रहे। इस बात को ध्यान में रखकर कराया है। सब जिन मंदिरों की और मूर्तियों की प्रतिष्ठा अत्यंत भव्य महोत्सव पूर्वक परम शासन प्रभावक तपागच्छ गणाधिश पू. आचार्य देव श्रीमद् विजयरामचंद्र सू. महाराजा की "पूनित छाया में 'उनके वरद् हस्तों से सेंकडो साधु-साध्वी और जारों श्रावक-श्राविका की हाजरी में वि. सं. २०३४ के ज्येष्ठ सुद ४ के दिन करवाई है और वह अद्भुत प्रसंग को देखनेवाले उसे भूल न शकेंगे। इतना ही नहीं परंतु शेठ श्री छबीलदास
दर्शन
यह स्थल हवा खाने का स्थल बन चुका है। अब यहाँ होटल रहेणांक सब कुछ होने के कारण यह स्थल पहले जैसा शांत नहीं है । जिनमंदिर प्रवासीओं के लिए दो पहर १२ से ६ बजे तक दर्शन के लिये खुले रहते है ।
३९. आबु-अचलगढ तीर्थ
शेठ श्री कल्याणजी परमानंदजी पेढी मु. देलवाडा पो. माउन्ट आबु ३०७५०१. जि. सिरोही. फोन मा. आबु- २४
आबु- अचलगढ़ जैन देरासरजी