________________
राजस्थान विभाग १ सिरोही जिला
१४. अजारी तीर्थ
अजारी तीर्थ सन्मुख देरासरजी का दृश्य
मूलनायक श्री महावीर स्वामीजी
शेठ कल्याणजी सौभागचंदजी की पेढी, पींडवाडा(जि-सिरोही) यह तीर्थ के मूलनायक श्री महावीर स्वामी अति सुंदर और दर्शनीय है। विशाल बावन जिनालय है। मूलनायकजी की प्रतिमा प्राचीन है । यह २५०० साल पुराना मंदिर राजा संप्रति का बनाया हुआ है। गर्भगृह में बाजु में दो आरस की चोबिसी है। जीसमें से एक का वि. सं. १२४३ का लेख है। दस साल पहले इसका जिर्णोद्धार हुआ है। जैनों के १५ घर है जैन उपाश्रय भी है। भमती के पीछे श्री आदीनाथजी के नीचे सं. १५२३ का लेख है । यहाँ के पुजारी प्रतापजी पूंजमाजी रावल आज चौथी पीढी से पूजारी के रूपमें है। श्री महावीर स्वामी आदि की बहुत अच्छी सेवा पूजा करते है और बहुत अच्छी सफाई भी रखते है । देवी सरस्वति की प्राचीन मूर्ति पहले. मूलनायक श्री महावीर स्वामी के पीछे हाल में जहाँ बड़े
आदीश्वर है। उनकी सामने हाथ जोड़कर बैठे हुओ जैसे दिखाई देते है । वहाँ से देवी को सं. २०२७ में जब यह देरासरजी का जीर्णोद्धार हुआ तब प्रवेशद्वार के दाहिने हाथ की पास एक कोने में स्वतंत्र मंदिर बनाकर उनमें स्थापना की है। इस मूर्ति पर सं. १२६१ का लेख मौजूद है। इस देरासर के नीचे उपर के देरासर जैसा पर थोड़ा छोटा एक मूंहरा (ई) है उसे अभी ताला लगाया हुआ है। हरे में भी बहुत सी प्रतिमाजी है।
इस तीर्थ का जीर्णोद्धार करके सं. २०२७ में पू. आ. श्री विजयरामचंद्र सूरीश्वरजी म. ने ईसकी प्रतिष्ठा की थी। यहाँ कलिकाल सर्वज्ञ श्री हेमचंद्राचार्यजी पर माताश्री सरस्वतिजी प्रसन्न हुए थे । गाम अजारी पींडवारा से २ कि. मी. की दुरी पर है।
**
(३४५