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___ श्री श्वेतांबर जैन तीर्थ दर्शन : भाग-१ GE
मूलनायकजी - श्री महावीर स्वामी
जिनभद्र विजयजी का गुरु मंदिर है। जैनेतर जाति में जैन धर्म का प्रचार पेढी - श्री परमार क्षत्रिय जैन धर्म प्रचारक सभा
बदलने वाला सुन्दर प्रयत्न हो रहा है। प्रभु की प्रतिमा सौम्य एवं दिव्य है। यहाँ पर आदिवासी लोगों का अत्यन्त व्यापक विस्तार है। अहिंसा धर्म
____ इस परमार क्षत्रिय जाति की वस्ती के ५०० गांव है। बस्ती के पाँच का प्रचार कार्य सुन्दर रीति से श्री परमार क्षत्रिय जैन धर्म प्रचारक सभा द्वारा ।
लाख तीस हजार लोक आराधक हुए हैं । उपाश्रय, भोजनशाला, हो रहा है। इस परमार क्षत्रिय जाति में से ६० साधु भगवंत एवं ५० पंडित बने धर्मशाला, बोर्डिंग, आश्रम वगैरह है। वडोदरा से ४५ कि.मी. है। डभोई है। धर्म का प्रचार, प्रसार तथा जीवदया, सामाजिक प्रवृत्तियाँ इस सभा द्वारा वड़ोदरा से बस मिलती है। सुन्दर रीति से चल रही है। ___ यहाँ पर महावीर स्वामी का मंदिर है। नीचे भोयरे में पद्मप्रभु उपर पार्श्वनाथजी है। सामने पद्मावती मंदिर एवं परमार क्षत्रियोद्धारक मुनि श्री
८. दर्भावती (डभोइ) तीर्थ
आदीश्वरजी जैन मंदिर
मूलनायक श्री आदीश्वरजी
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श्रीमाली बागा श्री जैन मंदिर