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गुजरात विभाग: १२ - अहमदाबाद जिला
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- (१) श्री हठीसिंग का मंदिर
मूलनायक जी - श्री धर्मनाथ भगवान पेढ़ी - शेठ श्री हठीसिंग केसरीसिंह ट्रस्ट दिल्ली दरवाजा बाहर
अत्यन्त सुन्दर नागर बांधणी वाला बावन जिनालयों से युक्त भव्य मंदिर हठीभाई की वाडी-उद्यान के रूप में प्रसिद्ध अहमदाबाद में मुख्य-रोड पर आता है।
वि.सं. १९०१ में शेठ श्री हठीसिंह केशरीसिंहजी खात-मुहूर्त किया। वि. सं. १९०३ माघ वदी ११ गुरुवार को पू. आ. शान्तिसागरजी म. की निश्रआ में प्रतिष्ठा हुई है। तीन दरवाजे विशाल रंग मंडप युक्त है। जिनालय में नीचे भोयरा है जिसमें प्रतिमाजी हैं।
संभवनाथ - मंदिर (झवेरीवाड) सबसे अधिक प्राचीन मानने में आता
पतासापोल श्री महावीर स्वामी का भव्य मंदिर है। अन्य बहुत से देरासर हैं। तथा प्राचीन ग्रन्थ भंडार भी है। यहाँ पर शेठ लालभाई, दलपत भाई| भारतीय संस्कृति विद्या मंदिर है। जिसमें ग्रन्थ, प्राचीन चित्र, शिल्प कृतियाँ आदि का संग्रह है। शेठ आणंदजी कल्याणजी पेढ़ी ई. सं. १८८० में| पंजीकरण (रजिस्टर्ड) हुई, जो अनेक तीर्थों को संभालती है। श्री शंखेश्वर भोयणी, कलोल तीर्थ कारखाना पेढ़ी बहुत से मंदिरों को आरस प्रदान करती है - वे भी यहाँ पर है। जीर्णोद्धार कमेटी यहाँ पर है। जो अनेक मंदिरों के उद्धार में अभिरुचि लेती है। जैन संघ जैन शासन में मुख्य गिने जाते हैं। श्रेष्ठी गण शासन का कार्य करते है।
१. हठीभाई वाडी, २-३. मिर्ची पोल में, दो रतन गोलवड, धर्मशालायें है। पांजरापोल (रोलिफरोड) उपाश्रय के पास जैन भोजनशाला
है।
अनेक रेल्वे स्टेशन, बस डिपो एवं अन्य दूसरी व्यवस्थायें बहुत सी है।
संभवनाथ - मंदिर (उस्मानपुरा) वि. सं. २०१६ में उसकी प्रतिष्ठा हुई
मूलनायक श्री धर्मनाथजी