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श्री श्वेतांबर जैन तीर्थ दर्शन : भाग-१
६. वडाली
वडाली जैन मन्दिर
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मूलनायक श्री अमीझरा पार्श्वनाथजी
मूलनायक जी- श्री अमीझरा पार्श्वनाथजी पार्श्वनाथ प्रभु का यह मंदिर लगभग १२ वीं शताब्दी के पूर्व का है। प्रतिमाजी अत्यन्त चमत्कारी है। इस प्रतिमा से अमृत झरता है इससे अमृत झरने वाली अमीझरा पार्श्वनाथ प्रतिमा के रूप में जानी जाती है।
उपरान्तः (१) आदिनाथजी जिनालय (२) शान्तिनाथ जिनालय है।
शान्तिनाथ जी के बावन जिनालयों में एक देरी के पबासन में १२७५ वै. सु. ४ का जीर्णोद्धार एवं श्री आ. श्री सोमुन्दर सूरिजी म. की निश्रा में प्रतिष्ठा होने का लेख है। एक मन्दिर खण्डहर अवस्था में है। वह भी शान्तिनाथजी का कहलाता है।
उपाश्रय एवं आयंबिल भवन है।
ईडर से खेडब्रह्मा रोड के मध्य वडाली गाँव का स्टेशन एक कि.मी. है। ईडर से वडाली १४ कि.मी. है।