SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 268
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ गुजरात विभाग : १०- साबरकांठा जिला (२२७ -E- E EEEEEEEEEEEEEEECH ५. ईडर तीर्थ શ્રી શાંતિનાથ ભગવાન मूलनायकजी - श्री शान्तिनाथजी श्री महावीर स्वामी भगवन्त के २८५ वर्ष बाद श्री संप्रति महाराज ने इस तीर्थ पर शान्तिनाथ प्रभु की प्रतिष्ठा कराई होगी, इस प्रकार का उल्लेख जानने को मिलता है। श्री कुमारपाल राजा ने इन तीर्थों का जीर्णोद्धार एवं श्री आदिनाथ भगवन्त की प्रतिमाजी की प्रतिष्ठा करायी थी। शान्तिनाथ भगवन्त की भी प्रतिष्ठा करायी थी। यह तीर्थ विराट नगर के ऊंचे स्थान पर सुशोभित हो रहा है। पहाड़ों के किले में आया यह तीर्थ अत्यन्त रमणीय है। इस पहाड़ की ६०० सीढ़ियाँ है। ईडर का यह गढ़ खूब ही विख्यात है। गाँव में कुल ५ जिनालय विद्यमान है। यहाँ पर ईडर में लाख की बस्ती है। जैन बस्ती के १०० घर है। कुमारपाल के जीर्णोद्धार कराने के पश्चात उन मंदिरों का जीर्णोद्धार गोविन्द सेठ श्री के बाद चम्पक श्रेष्ठी ने जीर्णोद्धार करवाया १६८१ में विजयदेव सूरिजी म. ने आदीश्वरजी की नवीन प्रतिमा स्थापन की। अन्तिम १९७० में पू. आ. श्री लब्धिसूरिजी महा. के उपदेश से जीर्णोद्धार हुआ। उन्होंने इस तीर्थ के विकास हेतु उत्तम प्रेरणा की थी। आ. श्री आणंद विमल सूरिजी का १५४७ में एवं आ. श्री विजय देव सूरिजी का १६६५ में यहाँ पर ही जन्म हुआ था। मूलनायकश्री शांतिनाथजी ईडर श्री शान्तिनाथजी जैन मन्दिरजी 噢噢噢噢噢噢噢噢噢噢噢來噢來噢來噢噢麼
SR No.002430
Book TitleShwetambar Jain Tirth Darshan Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJinendrasuri
PublisherHarshpushpamrut Jain Granthmala
Publication Year1999
Total Pages548
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size114 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy