________________
गुजरात विभाग : ९ - महेसाणा जिला
(२०९
कविवर उदयरत्न जी आये उस समय मंदिर बन्द था, उन्होंने स्तुति की और द्वार खुल गया-यह प्रसंग प्रसिद्ध है। यह अत्यन्त प्राचीन एवं प्रभाविक शंखेश्वर तीर्थ है। आज प्रगट रूप में हजारों यात्रीगण इस तीर्थ का लाभ प्राप्त कर रहे हैं। ___यहाँ पर चैत्र एवं कार्तिक की पूनम तथा मगसिर वदी १० का मेला भरता है। वदी १० को हजारों अट्ठम और नवकारशी होती है।
नये वर्ष प्रारंभ दिन को और पूनम को हजारों यात्रिक आते हैं। चैत्री ओली की भी सामुदायिक आराधना होती है। प्रत्येक वर्ष में स्वतंत्र हजारों यात्रिक अट्ठम करते हैं।
प्राचीन बावन जिनालयों के स्थान आज समीप में मौजूद है।
(२) श्री महावीर स्वामी का शिखरबन्दी भव्य जिनालय नवीन ही बना है। परिक्रमा में चोकी मंदिर तीन हैं । तेरह वर्ष हुए यह नवीन आगम मंदिर बना है। भोजनशाला, उपाश्रय, धर्मशाला वि. की.व्यवस्था है।
आगम मंदिर मूलनायक श्री महावीर स्वामी
0000000000
आगम मंदिर जैन मंदिर जी