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श्री.श्वेतांबर जैन तीर्थ दर्शन : भाग-१ F-HD
उपाध्याय श्री यशोविजयजी महाराज की जन्मभूमि उत्तर गुजरात में मेहसाना जिले में, मेहसाना मोढेरा रोड़ पर मुख्य मार्ग से २ कि.मी. अंदर कनोडा नाम का गाँव है। केवल २०००-२२०० मनुष्यों की आबादी वाला गाँव है। यहाँ से प्रसिद्ध तीर्थ गांभू-जहाँ श्री गंभीरा पार्श्वनाथ भगवान है। वह तीर्थ मात्र ६ कि.मी. होता है। और धीणोजा गाँव ८ कि.मी. होता है। इस गांव में विक्रम के १६७७ के आसपास पूज्यपाद, उपाध्याय यशोविजयजी महाराज का जन्म हुआ था। पिता का नाम नारायण और माता का नाम सौभाग्यदेवी था। उनका एक बड़ा भाई पद्मसिंह था। दोनों भाइयों ने पूज्यपाद जगद्गुरु श्री हीरसूरिजी महा. के उपाध्याय श्री कल्याणविजयजी म. के शिष्य श्री लाभविजयजी म. के शिष्य पूज्य पं. श्री नयविजयजी महाराज के चरणों में जीवन समर्पण किया एवं पूज्यपाद आ. श्री विजयदेवसूरिजी महाराज के वरद हस्त से वि. सं. १६८९ में पाटण में दीक्षा को स्वीकार किया।
पश्चात् गुरु म. के साथ काशी पधारे और वहाँ पर मुनिवेश में रहकर भट्टाचार्य पंडित के पास तीन वर्ष तक षट्दर्शनों का अभ्यास किया। अनेक ग्रन्थ बनाये। वि. सं. १७१८ में अहमदाबाद में उनको उपाध्याय पद अर्पण करने में आया। "लघु हरिभद्र" का यश मिला।
(वि. सं. १६६६ की लिखी पू. महो. हस्त मिलती है और उसमें यशो वि. गणि' ने लिखी ऐसा है। इससे सं. १६४५ में जन्म का संभव है।
वि. सं. १७४३ में डभोई में वे स्वर्गवासी हुए। कालधर्म प्राप्त किया। जिनशासान के ज्योतिर्धर पुरुष की यह जन्मभूमि है। वर्तमान में यहाँ पर एक गृह जिन मंदिर है। गांव वाले पटेलभाई एवं ब्राह्मण भाई भावुक हैं। विहार में पधारते पूज्य साधु-साध्वी महाराज की वैयावृत्य सुन्दर होती है। गाँव वालों ने तथा पूज्यपाद शासन सम्राट श्री के समुदाय ने पू. आ. भ. श्री देवसूरिजी म. पू. आ. भ. श्री विजयहेमचन्द्र सूरिजी महाराज तथा पू. पं. श्री प्रद्युम्न विजयजी महाराज के सदुपदेश से यहाँ श्री युत् के.एल. सेठ परिवार (साँवरकुंडला वाला) प्रेरित उपाध्याय श्री यशोविजयजी सरस्वती सदन का निर्माण किया है। उसमें काँच का प्रार्थना मंदिर बनवाने में आया है। उसमें पूज्यपाद उपाध्याय यशोविजयजी महाराज की गुरुमूर्ति तथा सरस्वती देवी की मूर्ति पधरवाने में आयी है। तथा दोनों दीवालों के ऊपर उपाध्यायजी महाराज के जीवन-प्रसंगों के १२ चित्र सुन्दर मनोहर शैली में अंकित करने में आये हैं।
यहाँ की पावन भूमि का स्पर्श करने से एक सरस्वती पूज्य पुरुष के परमाणुओं का लाभ होता है।
मेहसाना से केवल १५ कि.मी. ही है। पक्का रास्ता है। घर मन्दिर तथा उपाश्रय रमणीय है। मेहसाना गांभू जाने वाले इस तीर्थ के दर्शन का भी अवश्य लाभ लें।
0909 909 89
१४. धीणोज
मूलनायक श्री शीतलनाथजी
धीणोज जैन मन्दिर