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गुजरात विभाग : ६ - सुरेन्द्रनगर जिला 686
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१२. पाटडी
LAMASTRA
मूलनायक श्री जीरावला पार्श्वनाथ जी
पाटडी जैन मंदिर
मूलनायक - श्री जीरावल पार्श्वनाथ जी
इतिहास - बहुत प्राचीन गाँव है। वस्तुपाल मंत्री के समय में तेजपाल की पत्नी अनुपमादेवी ने धातु की प्राचीन प्रतिमाजी वि.सं. १२५८ में भराइ ऐसा लेख है। १२ वीं शताब्दी का मंदिर है। वारंवार जीर्णोद्धार हुए हैं। पास में नीचे श्री शान्तिनाथजी का मंदिर हैं, उसके बाजु में यहाँ पर सं.१९९२ में स्वर्गवास प्राप्त हुए प.पू.आ. श्री विजयदान सूरीश्वर जी म. का गुरु मंदिर हैं। गाँव के उत्तरी भाग में उनकी अग्नि संस्कार भूमि हैं। वहाँ पर पादुका देरी है।
झाला राजपूतों का उत्पत्ति स्थान कहलाता है। व्यापार का केन्द्र है। बाबरा भूत यहीं पर हो गया है ऐसा कहा जाता है।
यहाँ जैनियों के ६० घर है। उपरियालाजी तथा शंखेश्वरजी समीप में तीर्थ है।
- परमगुल
वारा
सहित
पू.आ. श्री विजयदान सू.म. गुरु मूर्ति
पषमा जकन्द्रिय
लेयिनिजीन्द्रिय चक्रीनि
स्वता
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