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________________ १२०) for मूलनायक श्री बाहुस्वामी शांतिनाथजी जैन मंदिर ४. लींबडी OR OL श्री श्वेतांबर जैन तीर्थ दर्शन : भाग-9 श्री ક્યોરિ य रा inext मूलनायक श्री शान्तिनाथजी मूलनायक श्री बाहुजिन स्वामी सेठ आणंदवी कल्याणजी की पेढी लींबडी पाँचगर्भयुक्त तीन शिखरों युक्त ऊंची बांधणी का भव्य मंदिर है। उसका जीर्णोद्धार पू. अमृतसूरि म. के उपदेश से २०२२ में हुआ। प्रतिष्ठा पू. पं. श्री राजेन्द्र वि. म. तथा पं. जिनेन्द्र वि. म. की निश्रा में वि.सं. २०२३ मापसुदी १० को हुई है। टावर के पास श्री शान्तिनाथजी के मंदिर का जीर्णोद्धार कर वि. सं... २०२९ में पू. आ. श्री चन्द्रोदय सू. म. की निश्रा में प्रतिष्ठा हुई बोटिंग में भी शिखरबंद मंदिर है। यहाँ पर भव्य प्राचीन हस्तलिखित ज्ञान भंडार हैं। पूरबाई उपाश्रय में १९४७ पं. आनंद वि. म. और आ. कमल सू. म. की पं. पदवी झवेर सागरजी म. की निश्रा में अहमदाबाद के नगर सेठ आदि की उपस्थिति में हुई। उसकी पेन्टिंग तथा लेख है। तथा ७५ वर्ष बाद आनंद वि. म. के शिष्य हर्ष वि. म. के शिष्य कर्पूर सू. म., उनके शिष्य जिनेन्द्र सू. म. की गणि पं. पदवी २०२३ पौष सुदी १० को उसी स्थान पर हुई है। नेशनल हाईवे रोड पर आता है। बहुत से शहरों से बसें मिलती हैं। रेल्वे स्टेशन भी हैं। बढ़वाण से २१ कि.मी. दूर हैं। बगल में १५ कि.मी. शियाणी तीर्थ है।
SR No.002430
Book TitleShwetambar Jain Tirth Darshan Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJinendrasuri
PublisherHarshpushpamrut Jain Granthmala
Publication Year1999
Total Pages548
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size114 MB
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