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________________ गुजरात विभाग : ६ - सुरेन्द्रनगर जिला (११९ ३. शियाणी तीर्थ IAN मूलनायक श्री शान्तिनाथजी शियाणी तीर्थ जैन मंदिर मूलनायक श्री शान्तिनाथजी लगभग १००० वर्ष पूर्व का यह मंदिर हैं। परम्परा से चली आने वाली श्रुति अनुसार सम्प्रति राजा ने मन्दिर का निर्माण कराया है। काठियावाड सर्वसंग्रह नाम की पुस्तक में इस प्राचीन तीर्थ का उल्लेख मिलता है। सं. १९९५ पू. आ. विजयसिद्धि सूरिजी के द्वारा लींबड़ी-वढ़वाण सुरेन्द्र नगर के संघों ने जीर्णोद्धार करवाया हैं। ___ यहाँ पर भोयरे में शान्तिनाथ प्रभु, ऊपर के भाग में पार्श्वनाथजी एवं चौमुखी जी की प्रतिमायें हैं। यहाँ पर धर्मनाथ प्रभुजी मेहमान रूप हैं जो टोकराणा गाँव में खुदाई करते समय मिली हैं, आज से पाँच वर्ष पूर्व खेत में से मिली थी। वह भी संप्रति राजा के समय की है। शंखेश्वर से पालीताणा जाते हुए यात्री गण संघ यहाँ से निकलते हैं। धर्मशाला है भोजनशाला है। लखतर - लींबड़ी रोड पर है। लींबड़ी से १४ कि.मी. यह तीर्थ हैं। सुरेन्द्रनगर जिला का यह प्राचीन तीर्थ है। सेठ आणंदजी कल्याण जी की पेढ़ी शाखा लीं बड़ी शियाणी तीर्थ कमेटी द्वारा व्यवस्था होती है। मु. लींबड़ी जिला सुरेन्द्रनगर
SR No.002430
Book TitleShwetambar Jain Tirth Darshan Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJinendrasuri
PublisherHarshpushpamrut Jain Granthmala
Publication Year1999
Total Pages548
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size114 MB
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