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________________ जावलसकाएासे 'जधाणामते मम असालं दंडेण वा मट्ठीणवांमुट्ठीणपालेलूण वाकवालेण वा आउडिजमाणास्स षा हम्म- -- -माणस वाजिनमाणस्स वा तालिज्जमाणसवा परिताविजमाणस्स वा पाकिलामिजमा पास्स वा उपविफरमाणरस वा नाव लोमुक्खाणमातमवि हिंसाकरं दुक्खं भयं पडिसंवेदेमि, इच्चेव जाण सवे पाणा सवे भूला सलले जीवासले सत्ता दंडेण वा जाव --कवानेण वा आउबिजमाणा वा हम्ममाणाधा सजिजमाण वा सालिजमाणा वा परिताविमाणा वा परिकिलाभिज्जमावा उद्दवि RBI बाजाव लोसुक्खा METAमविहिंसाकर टुक्रबं भयं पडिस लि, एवं च्या सल्ले पाणा प्राव सपे सत्ता ण समा ण अप्जावयचा - परिघेतला ग परिलायन्या उतवेयवा। ---- - --------- ------- -------- --- से बेमिय अतीला जेय पडुप्पणा य आगमस्मा अरहला भगवंलो सवे से एष माइक्रवलि एवं भासंति एवं पण्णवेलि एवं परुति-सवे पापा जावसबैसत्ताण हलबा अमावेयवाण परिघेतवा परितावे यवाणा उद्दषयब्वा एसधम्मधुर्व णितिए सामए समेच्चलोग खेयणहिं पवेदित, एवं से भिक्खूविरत पाणालिवाला ती जाव विरते परिग्गहाती णोदलवणेणं दस धोवैज्जा,णो अंजणं जो वरण जो धूषण जो तंपिआलिएज्जा / ... से भिक्खू अकिरिए अलूसए भको हे अमाणे अमाए अलोभे उ वसंसे परिणिबुडे णो आसमं पुरतो कातुं विहरेजा इमेज मै दिवेण स सुए बामएण या विणणाएण वा इमेणना सुचरितलव-नियम
SR No.002426
Book TitleSutrakritanga Churni
Original Sutra AuthorN/A
Author
Publisher
Publication Year
Total Pages284
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size8 MB
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