________________ वैशिच मह एी राटा भवइ महताहिमवंत-मलयन्मंदर-महिंदसारे अच्वंतावसुद्धायकुलवंसप्तसूते निरंतररायनकरून णाविरलियंगामगे बहुजणबहुमाण पूलित सव्वगुणसमिद खातिए मुदिए मुद्धानिमित्त माउँ-पिउँसुमाए दयप्पत सीमकरे-सीमधेरे - खेमाकरे धरे मणुस्सिंदै जावदपिया जणवदपुरोहित सेठकरै उकरे जारपवरे पुरिसपवरे पुरिससी है प्लरिसासीसिसे पुरिसवण्ये पुरिसवरपीडीए पुरिसवरगंधहत्थी अड्डे दिले विसे विधिण्णा-विउलभवणा-सयणा - SAण-आण- वाहणाइण्णे बहुजण-बहुजात-रव-रतए आओगापौगसंपले विच्छिड्डिय परत-पाणे बहुदा सी-दास-गो-महिस-गवेनाप्पभूत पडिपुणणाको स-कोहारा ऽऽऽहाघरे बलव दुब्ब पचामिले ओहयकटयनिहयकत्यं मलियकंट्य उद्वियकंत्य अकरयं औहयस्तू मिहयसतूमलियसत्तू उद्धियससू निनियसन पराद्धयससू ववगटादुभिक्स-मारि-भयविप्पीछे रोमं शिवं सुभिक्रया मिलबि-उमरं रक्तरं पसरीमा विहरति / तश्स रणौ परिसाभवति-ग्गा उग्णपुत्ताभाग भोगपुताईक्खागा इयरवारापुता नासानायपुत्ता कोरल्ला को स्वपत्ता भाभहप्ता लेहगा नेहमपुत्ता सत्यारी सत्यपुत्ता लच्छवी लक्षतिपुत्ता माहणा माहणफुत्ता इडा इमपुत्ता सैणावती सेणावतिपुता | - सिंच एगतिए सड्डी भवइ / काम से ममा वा माहता वा पहारसु माणाएIRELESoलरे| धम्मेणं पण्णसारी का इमेणं * | 4 नु राय 31 उ4३ आब पसंद. रय१॥ 2 उपसं सर र मदा० // 3. पसाडेमाणे पु५ पुर॥४. शादिमा दिसा / / 5 मा मह पुन 2.6 पु२॥ ताना मागता जच्छई अच्छता पसत्यारा पसस्थापनासेगावला या युदपुर वृदयायला सवा संपधारिंसु खं२ 165 // ९वसरवंदाचयले लेगसंपुश्पुसा नाहोडभF४॥६१ अडाने सावर 13TTAR एसय 32 आया पर्वखे // 13 मा पुर.दी। एवं सरपुरदी०॥ 15-16 असतो असचिमचंद ख