________________ इल्ले तिताकममाकारे ति वा भोगपुरिसेलि वा तैसि पि यणं अन्नयंसि वा अहाल हुसांसि अवराहसि सयमेवगरुयं दंडं णिव्यत्तेइ लजहा - -इम भेध दुम मुंडेह इन तज्जेह दुर्म सालेह इमं अदुयलंधणं करेह इमं गिटालबंधणं करेह दम हडिबंधणं करेह इमंचारागबंधणं करेह इमं जमलणियलसंकोडियमीडियं करेह इमं हत्याठिण्णर्य करेह इन पायछिण्णायं करेह दसणुपमाडिययं वसणुप्पायर्य जिभुप्पा डियर्य औलं विलयं करेह उल्लं वित्यं करेह घंसिटा करेह धोलियटा करेह -सूलातयं करेह संला भिन्नयं करेह रखारवतियं करेह वज्झयलियं करेह सीहपुच्छिया। करेह वसभपुच्छियां करेह कम्गिदट्टा कामानिमसरवादियगंभत्त-पाणानिरुद्धा इमजावज्जीव बह बंध करेह इमं अण्णतरेणं असुभेण कुमारणं मारेह / / जावियसे अभितरिया परिसा भवति तनहा माताति वा पिता ति वा भाताति वा भगिनी लिवाभमा ति वा पुत्ताति बाधूता ति वा सुण्डा लिया, लेसि पियणं अण्णायरंसि अहालांसि अवराहसि सयमेव मां दंड गिबत्तेइ, सीओदगवियर्डन (सि) ओबोले साभवति महा मित दोसवलिए जाव अहिते परसि लोमि,दुर्खलि सोयंति "जूसि लिप्यति पिटुंसि परिलपति से दुक्खणा- सोयण-जूरण-तिप्पा-पिट्टण-परितप्पण-वह-बंधण (परितप्पति ते दुखणा-सोयण जूरण-लिप्याण-पितृण-पश्लिप्पण-वह-बंध परिकलेसाती अपडिविरता भवति॥एवामेव ले इस्थिकामे हि मुच्छियागिहा गदिता भज्योववण्णा जाव वामाईचउपंचमाई उस्माई वा अप्पनरो वा भुज्जलरो वा काल भुजितु भोग भोगाईपसक्लिा वेगमगाई - वेरायताई