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अह भागा सग पुढवी,
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अहवा तिगुणाईए, पत्तेयं अह भागा सग पुढवी, (बृ.सं.) १३७ अहरुत्तरवासावास कज्ज- (जी.अ.) २७२ अहवा आहारादी, दाहिइ (गु.त.) २०६३ अह भावत्थयहेऊ दव्वथओ (प्र.प.) १८५ अहरूव पंकपूरिय असार (र.प.) ५३ अहवा इग दुग चउ पंच, (ल.शु.) १२६ अह भित्ति-छज्ज ओवम (प्रा.वि.)५५ अहरेसु अत्थि लाहो, (ज.पा.) २१९ अहवा-उभयमुहं रासिदुगं (पंच.) ४०३ अह भुंजिऊण पच्छा जोग्गा (पंच.) ३८८ अहरो अखमे, अजुओ (दे.ना.) १७ अहवाऽऽऊ जमुच्चत्तं (वि.ण.) ४५ अह भूरि मयविरोहा (उ.पं.) ११ अहलंदिआण गच्छे- (प्र.सा.) ६१५ अहवा एक्कपईया, दो (पं.सं.) ४२ अह भूरिमयविरोहा पमाणया (पंचा.) ९५० अह लुंपगसिद्धंतो (प्र.प.) ८०० अहवा ओहेणं चिय भणिय- (यो.श.) ७८ अह मंतपुव्वगं चिय (ध.सं.) ८८२ अह लुंपगस्सरूवं १ (प्र.प.) ६९० अहवा कक्कडसंकंतिदिणे (प्र.प.) २५९ अह मंदरस्स हिट्ठा पुढवी (र.सं.) १५५ अहलोइ निरयअसुरा, (लो.द्वा.) १२ अहवा कज्जाकज्जे, (गु.त.) २।३२० अह मज्झपिहाणेसुं पयमज्जे (उप.) ११२३ अह लोउत्तर-लोइयभेएणं (पिं.लो.)१४ अहवा काल-सहावाणुमओ (आरा.१)९४ अह मज्झिममाराहण- (आरा.२)८४७ अहलोयवासिणीओ दिसी- (ल.क्षे.) १२८ अहवा किरिआमित्ता जीव- (स.श.) ३२ अह मणुआण सरूवं, (जी.सं.) १५८ अहवंगुलप्पएसा, समूल- (पं.सं.) ५३ अहवा कुडुबमज्झे, (दे.श.) १० अहमण्णया कयाइ रयणिए (न.मा.) ११२७ अह वंदिउं पुणो सो (पंच.) १३८ अहवा केवलसुत्तं सिद्धतं. (प.द.) ३७ अह मनसि होइ च्चिय, (श्रा.ध.) ४३ अह वंदिऊण सूरी, पुच्छइ (उ.चि.) ३५५ अहवा को जुवईणं जाणइ (स्त्री.प्र.)१३ अहमवि अणवरि पुरओ (धूर्ता.) २५ । अहव इमो दव्वाई ओराल- (प्र.सा.) १०४२ अहवा खओवसमियत्तणेण (वि.ण.) १५८ अहमवि खामेमि तुमे (बृ.व.) २७ अह वक्खाणेअव्वं जहा (पंच.) ९९१ अहवा खित्ताईणं, (पु.ष.) ३० अहमवि सीअट्ठाए जुझंतो (धूर्ता.) १६३ अहव चिइवंदणाओ, सिद्धत्तं (चे.म.) ७०८ अहवा खीणावरणे जिम्म (वि.ण.) २०५ अहमस्स अहियमुल्लं उत्तम- (र.प.) ११० अहव जओ च्चिय सुबहु (ध.सं.) ७९३ अहवा गावीओ वणम्मि (भ.भा.) ७९ अह महानिसीह तुम्हें (प्र.प.) २६५ अहव जह चित्तलिहिओ (प.द.) १०१ अहवा चंदकलाणं वुड्डी- (ल.सा.) १३ अह महुराए नयरीए (न.मा.) ८।२२ अह वट्टति त्ति भणिमो (ध.सं.) ६५६ अहवा चउदिसिधारं, चउरंतं (चे.म.) ३४३ अह माणुसुत्तरेणं (सि.सा.)१० अहवट्टि उड्डवट्टी तिरीयवट्टी (र.प.) ६८ अहवा चिंतामणि एसो, (श्रा.दि.)२८४ अहमा य सूरभीरू (ति.गा) ९५९ अह वटुंति जिणिंदा (ति.गा) २७४ अहवा चिट्ठउ एवं, जं (स्था.) ११ अहमाहओ त्ति न य (उव.) १३७ अह वड्डति सो भगवं (ति.गा) १०४७ अहवा जं जं विहियं (ल.सा.) ११ अहमाहमेहिं नामायरिय- (सु.सि.) ४८ अहवऽण्णउत्थिएहिं जीवो (प.द.) ४५ अहवा जं तग्गाहिं कुणइ । (पिं.वि.)६ अहमुहगुरुमल्लय ठिय (उ.चि.) ३२३ अहव तं भरिय नीरे (वा.सा.)४ अहवा जइ णाणेण (वि.ण.) १६५ अहमेव पढमरयणं सुपुत्तरय- (र.प.) ३२ अहव तिवेयअवेयग- (प्र.सा.) १२३४ अहवा जत्थ व तत्थ व, (गाथा.) ४४७ अह मोत्तूण सहेउं अन्नं (ध.सं.) ४४३ अह वत्थुवितहभणणं (औ.) १४ अहवा जत्थ वि तत्थ वि, (चे.म.) १.४ अहम्मअनीईअणायार- (सं.प्र.) ४५६ अहव न जिमेज्ज रोगे (पिं.वि.)९९ अहवा जत्थ वि राया, (त.त.) १३ अहयं च सारहिसुओ (वि.ण.) ३११ अहव नवकारसहियं पच्च- (प्रत्या.) ५२ अहवा जस्स पमाणं, (व्या.वि.) १८ अहयं पि एरिसो अह सुद्धं (आ.शा.)३८ । अहवऽप्पकम्महेऊ ववसाओ (उ.प.) ३५१ अहवा जह अंते वि अ (प्र.प.) ७५१ अहयं पुणो अहन्नो ता (षष्ठि.) १३६ अहव मइ सुक्कबीए (वि.ण.) २६७ अहवा जह असणाई (प्र.प.) ९२९ अह य पमाणंगुलओ (वि.ण.)१२७ अहव मई पच्छित्तं (वि.ण.) २६४ अहवा जह ऊसासे, अंसेहिँ (क्षुल्ल.). २३ अह य परिसप्प थलयर, (जी.सं.) १११ अहव मुहुत्तावलिआ, (क्षुल्ल.) २० । अहवा जह संताण वि (वि.ण.) १५७ अहर-गइ-पडियाणं, (पु.मा.) २२५ अह वयपरिआएहि लहुओ (पंच.) १०११ अहवा जह सुमिणय अहरत्त सत्तवीसं तिसत्त- (प्र.सा.) ८९८ अहव रहयंति नो जे (आरा.५)७ अहवा जिटुं अंकं, आई (नम.) २२ अहरते ऊसासा लक्खो (सि.सा.)८१ अहव रहो वा जाणं (आरा.५)६ अहवा जीवाईया जिणसमए (आरा.४)७६ अहरत्ते ऊसासा लक्खो (सू.प्र.) ४४ अह ववहारे पक्खियदिणम्मि (पा.स.) २७ अहवा जेणं सोही, (गु.त.) २२२९ अह रत्थापुरिसकओ ण (ध.सं.) ११५९ अहव विसण्णो आयुम्मि (ज.पा.) २३० अहवा जेण बहुसमा, (नि.ष.) २७ अह रविउदए वसहि सुप- (य.च.) ३४ अहवा अच्छविओ खलु, (गु.त.) ४४० अहवा ण चेव देसण्णाणा- (वि.ण.) १५४ अहरसरेहिं जुत्ता ते दृड्डा (अ.चू.) ७ अहवा अट्ठारसगं, परिसे (गु.त.) २२२७४ अहवा ण सव्वसो च्चिय (वि.ण.) २४४ अहरस(स्स)रसंयु(जुत्ते, (ज.पा.) १४५ अहवा अणिट्ठकुसुमेहिं (सं.प्र.) २५३ अहवाऽऽणाभंगाओ एसो (पंच.) १५६५ अहरसहिए उ पयो(ण्हे), (ज.पा.) ७० अहवा अणोरपारे जलनिहि- (न.मा.) १२।१४ अहवा णुमोअणिज्जं (स.श.) ६३ अहरस्सरसंजुत्ता, मूलं (ज.पा.) १४४ अहवा अण्णुण्णं पिअ (प्र.प.) २१३ अहवा णेगंतोऽयं संसारी (ध.सं.) ६२६ अहराओ अहरेसुं, मत्ताओ (ज.पा.) ११९ अहवा अरिणो सत्तू, हतारो (चे.म.) २८२ अहवा तसजोणीणं (वि.ण.) २५५ अहरासु लभे एकं, एक्कक्कं- (ज.पा.) ३०२ अहवा अरिहंताणं आसायण (आरा.१)५०७ अहवा तिगुणाईए, पत्तेयं (त्रै.दी.) २१५
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