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अह थोवे खुड्डागा,
अह भरहचक्कवट्टिप्पमुहेहिं अह थोवे खुड्डागा,
अह न समत्तधरो जइ (आरा.१)२३१ अह पुव्वि चिअ केणइ, (गाथा.) ३०३ अह दव्वखेत्तकालं वियारि- (गु.श.) ६३ अहनाउमभिप्पायं धणुणा (न.मा.) ११५७ अह पेया दुद्धट्टी दुद्धवलेही (प्र.सा.) २२७ अह दाण-लाभ-भोगोप- (जी.क.)२८ अह निच्चो सव्वन्नू उसहो (ध.सं.) ११६० अह पेया दुद्धट्ठी दुद्धवलेही (प.भा.) ३९ अह दाणि सो नरिंदो (ति.गा) ६५१ अह निज्जामयगुरुणो (आरा.१)१५२ अह फलमुद्दिस्स तयं (ध.सं.) ५९१ अह दिक्खमाइ गुरुणा (प.वि.) २१ अह नियमयवुड्किए (यु.प्र.) ११ अह फालिअम्मि उ अरे (धूर्ता.) ११४ अह दिवसरयणिचरियं, (स.शा.) ३७ अह नु सभावकयं चिय (ध.सं.) ७० अह बहुवित्तवएणं (प्र.प.) ७३५ अह दीहनिवभडेहि गहिओ (न.मा.) ११८७ अह नेहो न वहिज्जइ, (उ.को.) १४ अह बाहिरभूमीओ दिसाइ (य.च.) ११३ अह दीहभवब्भासा सेह- (ध.सं.) १०५३ अहन्नं ते सालीणं वीहि (र.सं.) ४०९ अह बिति दुव्वियड्डा, (गु.त.) २२१२६ अह दीहरायपुरिसा भामं (न.मा.) १८५ अह पंचनमोकाराइयाण- (उ.पं.) २२ अह बीजामयकुमयं (प्र.प.) ८८१ अह दुक्कडगरिहानलझामिय- (आरा.१)३०१ अह पंडरे पहायम्मि (ति.गा) २७३ अह बीयमहिअकिरियं (ओ.) ९ अह दुक्खियाई तह (वै.श.) २९ अह पक्खियं चउद्दसि- (स.शा.) १८९ अह बीया वरवरिआ, (व्या.वि.) ३२ अह दुक्खियाई तह (वि.मं.) १११ अह पक्खियं चउद्दसि- ___ (प्र.स.) ३४ अह भंतं अपहुं वा तम्मि (ध.सं.) ४२६ अह दुब्बलया मणसा (प्र.प.) १२२ अह पगयं दंसेमो (प्र.प.) १०१ अह भणइ एलसाढो- (धूर्ता.) ११९ अह दुब्बलिसूरीणं, (उ.पं.) ७ अह पडिमा पडिवक्खं (प्र.प.) ६६७ अह भणइ एलसाढो अहयं (धूर्ता.) १६९ अह दुब्बलिसूरीणं परा- (पंचा.) ९४७ अह पडिया तस्स गिहे (प्रत्या.) २८५ अह भणइ एलसाढो कह (धूर्ता.) २५७ अह दूसमाए कालो (ति.गा) २२ अह पडिवत्तिविसेसा (ध.सं.) ८२९ अह भणइ कंडरीओ- (धूर्ता.) ३१ अह दूसमाए कालो वास- (प्र.सा.) १०३७ अह पढमं वत्तव्वो पयडिय- (श.भा.) २०२ अह भणइ कंडरीओ- (धूर्ता.) ९५ अह दूसमाए तीसे वीति- (ति.गा) ९३१ अह पढमसमयसिद्धा- (वि.वि.)२५ अह भणइ कंडरीओ कुंती (धूर्ता.) ३८३ अह दूसमाए सेसे होही (ति.गा) ८२१ । अह पणइणिपरिकिण्णो (धूर्ता.) १७५ अह भणइ कंडरीओ चिब्भ- (धूर्ता.) १३५ अह दूसमातोवीसे(?दूसमाइ-(ति.गा) १००४ अह पणसयबारुत्तर,- (लो.द्वा.)१० अह भणइ कंडरीओ-'जं (धूर्ता.) ३५ अह देइ वज्जपाणी पराए (ति.गा) २६९ अह पत्ताणुवगरणं पडिलेहिय (य.च.) १२० अह भणइ कंडरीओ पोराण- (धूर्ता.) १४४ अह देववायगाओ समइ- (ध.मा.) १२० अह पयडीण ठिईणं (श.भा.)९८९ अह भणइ खंडवाणा (धूर्ता.) ३६१ अह देसणाइ णेवंसहावओ (पंच.) १०५६ अह परपीडाकरणे ईसिं (श्रा.प्र.) २४५ अह भणइ खंडवाणा तुब्भे (धूर्ता.) ३९८ अह देसणाणदसणविगमे (ध.सं.) १३५४ अह परमत्थं भणिमो (प.द.) ९६ अह भणइ णरवरिंदो (धूर्ता.) ११३ अह देसणाणदंसणविगमे (वि.ण.) १५२ अह परसिद्धणं चिय पर- (ध.सं.) १२५ अह भणइ थूलभद्दो (ति.गा) ७६९ अह देसो सब्भावे (स.सू.) ३७ अह परिणामाभावे वहे (श्रा.प्र.) २३० अह भणइ थूलभद्दो (ति.गा) ७८५ अह दो वि लद्धिमंता (सामा.) ९५ अह पहरिउमारद्धा सीसे (धूर्ता.) ४५९ अह भणइ थूलभद्दो (ति.गा) ८०० अह धम्मकायपरिवालणेण (ध.सं.) १०२६ अह पाढोऽभिमउ च्चिअ (पंच.) १२३५ अह भणइ नंदराया (ति.गा) ७८३ अह धम्मदेसणत्थं च, तत्थ (श्रा.दि.)८० 'अह पाढोऽभिमओ च्चिय, (स्त.) १२६ अह भणइ नंदराया (ति.गा) ७९३ अह धम्मदेसणत्थं, तत्थ . (श्रा.दि.)१४६ अह पाणगं पि होज्जा (प्रत्या.) १२४ अह भणइ भद्दबाहू (ति.गा) ७४६ अह धम्ममबाहंतो, हेउं (उ.चि.) २०९ अह पायं बहु खायं (प्र.प.) ४०५ अह भणइ भद्दबाहू (ति.गा) ७५७ अहधम्मसत्थपरमत्थ- (उ.चि.) २१७ अह पासचंदकुमयं (प्र.प.) ८९३ अह भणइ भद्दबाहू (ति.गा) ७६८ अह धम्मसाहणं सो वत्थं (ध.सं.) १०३४ अह पासे ठाऊणं भणंति (ति.गा) २०५ अह भणइ मूलदेवो- (धूर्ता.) १७ अह धम्मिधम्मभावो एत्थं (ध.सं.) २४८ अह पुच्छइ कुमर-नराहिराउ, (द्वा.भा.)१ अह भणइ मूलदेवो-'जं (धूर्ता.) १२ अह धम्मिधम्मभावो एसो (ध.सं.) २४७ अह पुण अविज्जमाणो (जी.अ.)२२६ अह भणइ वाउपुत्तो जं (धूर्ता.) १६४ अह धम्मी तत्तंतरसिद्धो (ध.सं.) ६२ अह पुण उवएसविसय- (प्र.प.) ५४९ अह भणइ ससो अहयं (धूर्ता.) २६७ अह न किलेसो ति मती (ध.सं.) १६७ अह पुण जिणवयणं (प्र.कु.२)५ अह भणति एवभणितो (जो.प.) ५ अह नत्थि गुरू अहवा (पो.वि.) ४२ अह पुण पुव्वपउत्तो (स.सू.) ९३ अह भणति नंदराया (ति.गा) ७८६ अह नत्थि सरीरबलं (सं.दो.) १२४ अह पुन्नपुंजजोगेण (द्वा.कु.) ५।२० अह भणति नंदराया (ति.गा) ७९४ अह नयणदत्तनरवइ- (साधु.) ५० अह पुष्फचूलरण्णो (न.मा.) ११६७ अह भणति सुत्तवुत्तं, (चे.म.) १२१ अह नवमम्मि अईए (ति.गा) १३२ अह पुव्वं चिय केणइ, (चे.म.) १९६ अह भणसी सव्वं चिय (वि.ण.) २२९ अह न वि इमं पि सक्कसि (आरा.५)७२ अहपुव्वं चिय केणइ हविज्ज (सं.प्र.) १५८ अह भणियं च जिणमए (वि.ण.) १७२ अह न सक्कइ काउं, जे (श्रा.दि.)२२७ अह पुव्वकयं कम्मं तस्सुदए (ध.सं.) ९३७ अह भन्नइ अणुभागो (श.भा.) ४५५ अह न सक्केइ काउं, (गाथा.) ४०८ अह पुव्वपओएणं बंधण- (आरा.३) ३२९ अह भरहचक्कवट्टिप्पमुहेहिं (प्र.प.) ८१५
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