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________________ अहक्खायस्स य एगे, अह थोवस्सावलिआ, अहक्खायस्स य एगे, (पं.प्र.) ५८ अह जहअजहट्ठाणं (प्र.प.) ५२३ अह तं विसिट्ठमेवं तेण (उ.र.) ४९ अहक्खायस्सय ठाणे, (पं.प्र.) ६३ अह जह जियसत्तुनिवो (न.मा.) ८७२ अह तं विहलं भण्णिइ (प.वि.) २४ अह खंति-मद्दव-ऽज्जव- (घ्या.श.)६९ अह जह नाणाइ गुणा (प.वि.) २७ अह तं वेअंगं खलु न (पंच.) १२४३ अह खंतिमद्दवज्जव-मुत्तीओ (सं.प्र.) १३८३ अह जागादिविहाणं मिच्छा- (ध.सं.) १२७२ ["अह तं वेय-उंगं खलु" (स्त.) १३४ अह खरयरमयमूलं उस्सुत्तं (प्र.प.) ३२० अह जाणित्तु परिणं, . (स्था.) १२अह तं सयं चिय तओ खवेइ (श्रा.प्र.) १५२ अहखाओ पुण एगं, (पं.प्र.) ७५ अह जिणदंसणवियसिय- (ति.गा) २०४ अह तक्कालं नरवइ कण्णा (न.मा.) श६६ अहखायं पुण चइउं, (पं.प्र.) ८१ अह जिणपंचंगेसु, ठावेइ (जि.प्र.) १९ । अह तत्तो सवणाओ (ध.सं.) ५०६ अहखाय-केवलदुगे (क.सं.) ६६ अह जिणपंचंगेसु ठावेइ (प्र.वि.) २० । अह तत्थ विसंवादो (ध.सं.) ८८४ अहखाय सुहुम केवलदुगि (क-४) ३७ अह जीविअंनिकितइ, हंतूण (उव.) १३५ अह तम्मि किं पमाणं (ध.सं.) १४७ अहखायस्स जहन्नं, होइ (पं.प्र.) ४२ अह जे परूवणाए, उम्मग्गा (व्या.वि.) ३० अह तम्मि हु कालगए (यु.प्र.) १९ अह गब्भयमणुयत्ते (आरा.१)४२४ अह जोअणो गिण्हई (सं.प्र.) ८१६ अह तल्लिंगसमं चिय लिंगं (ध.सं.) १११२ अह गब्भयमणुयत्ते (प.आ.) १९५ अह ठवणाभावेणं, (गु.त.) ३.१६९ अह तव्विहपरिणामो णत्थि (ध.सं.) ७३ अहगमणे जस्स सत्ती (प्र.प.) १२३ अह ठीबंधे पंच उ अणु- (श.भा.) ३२४ अह तस्स सहेऊतो एस (ध.सं.) २७४ अह गाहगरूवं चिय इय (ध.सं.) ६७८ अह ण कओ तो पच्छा, (गु.त.) २२३३ अह तस्सेव उ पीडा कि (पंच.) ८४ अह गिरिसरिउवलमाइनायओ (द्वा.कु.) ५५ अह णवरि मज्झ पिउणा (धूर्ता.) ४१८ अह तस्सेवमजुत्ती णेया (ध.सं.) ३१५ अह गीयत्थजणेहिं आगम- (यु.प्र.) २३ अह ण वि एवं तो (वि.ण.) १९८ अह तस्सेव सहावो एसो ' (ध.सं.) २०८ अह गुणरासी खंडिवि (गणि.) २९ अह णवि एवं तो सुण (ध.सं.) १३४२ अह तस्सेस सहावो अणंत- (ध.सं.) २६७ अह चंदप्पहसूरिप्पभवं (प्र.प.) १७६ अह णिच्छएण वि इमो (ध.सं.) १२३९ अह तस्सेस सहावो समुदय- (ध.सं.) ६१ अह चउदससु गुणेसुं (वि.स.) ७२ अह णिव्विगप्पगेणं (ध.सं.) ३१३ अह ता भिन्नभिन्ना विरोहतो (ध.सं.) ६९८. अह चउमासगदिवसा (प्र.प.) २४२ अहऽणुत्तरोववाइयदसा (जोग.) ४९ अह तिपयाहिणपुव्वं सम्मं (पंचा.) ७९ अह चउविहो वि संघो (उ.वि.१) ४१ अहऽणुप्पत्तिसहावं कुज्जा (ध.सं.) ४५० अह तिरियगई गइइंदि- (श.भा.) ३४ अह चत्तारि सिक्खा -वयाणि (उ.चि.) १४६ अह णेवेस उ घेप्पर (वि.ण.) १९५ अह तु अकिचिण्णु च्चिय (ध.सं.) १२७६ अह चरणमणुट्ठाणं तं (अ.प.) १३७ अह णो कुणतुवगारं (ध.सं.) २०५ अह तु अभावो सो वि (ध.सं.) ५५६ अह चामुंडिअउअट्टिखरयर- (प्र.प.) ३५२ अह णो तस्स निवित्ती, (ध.सं.) १९८ अह तु अमुत्तो ण तओ (ध.सं.) ५५२ अह चारित्तायारे, निअमग्गहणं (सं.नि.) ११ अह णो बंधइ एवं ण (ध.सं.) १७८ अह तु अविज्जाहेतू सा (ध.सं.) ७२२ अह चितो चेव ततो नाभावो (ध.सं.) ५६२ अह णो भिन्ना कह तीएँ (ध.सं.) ३३१ अह तुच्छा तीऍ कहं तद- (ध.सं.) १२.१ अह चित्तो कि मुत्तो (ध.सं.) ५५१ अहण्णया तज्जणणी (न.मा.) श६ अहऽतुच्छो पुण दोण्हं (प्रत्या.) २६३ अह चुलणीए तत्तो (न.मा.) १२६२ अहण्णया महूसव- (न.मा.) ७८ अह तु तदंतरमेसा णो (ध.सं.) १२० , अह चेययसि कइया वि हु (आ.शा.)२० अह तं अम्मा-पितरो (ति.गा) १०५० अह तु विवक्खाएँ विणा (ध.सं.) १२८४ अहछंदस्स परूवण, उस्सुत्ता (गु.त.) ३।१०३ अह तं अम्मा-पितरो (ति.गा) १०५२ अह तु सभावो जुत्ती (ध.सं.) ८५ अहछंदस्सब्भुट्ठाणंजलिकरणे- (गु.त.) ३।१२४ अह तं अहेउगं चिय कहं (श्रा.प्र.) १४८ अह तु सहावो हेऊ भावो- (ध.सं.)७०१ अहछंदे पडिवत्ती, उस्सुत्त- (गु.त.) ३३१०२ "अह "तं ण एत्थ रूढं" (स्त.) १३३ अह तेत्तीगाहाए ठिई (श.भा.)३३० अह छगसत्तमअट्ठमनव- (श.भा.) ११० अह तं ण एत्थ रूढं एअं (पंच.) १२४२ अह ते देवाण पई (ति.गा) २०७ अह छट्ठसंपयाए, धम्माईयाणि (चे.म.) ३३३ अह तं ण तओ, इतरं (ध.सं.) १२६१ अह ते धरणीवीढलुढंत- (आरा.२)२२९ अह जं लग्गं सुहगह (ज्यो.सा.) १२३ अह तं न करेसि तुमं, (चे.म.) ९५ अह ते न पसीयंति हु, (चे.म.) ६२७ अह जइ खंडियचरणो (आरा.१)२२५ अह तं न होइ एयं एवं (पंचा.) ९४६ अह ते नो जिणलिंगे (साधु.) १८ अह जइ खवगसरीरे दाहाई- (प.आ.) २४४ अह तं न होइ एयं एवं (उ.पं.) ६ "अह, तेसिं परिणाम (स्त.) १२१ अह जइ जंपंति सो (जी.अ.)२७७ अह तं पइ हेउस्सा अहेउगत्तं (ध.सं.) ४४४ अह तेसिं परिणामे सुहं (पंच.) १२३० अह जइ जिणस्स खइअं (अ.प.) ७५ अह तं पि ठियं कहमवि (सं.मा.) ५१ अह तेसि वयणपंकयमय- (हि.उ.) १४३ अह जइ दोण्हं पंता (प्र.प.) ७१० अहतं पि वायपित्तोदएण (स्व.) २२ अहताह भाणयमय (यु.प्र.) ७ अह जइ सव्वणयमयं (अ.प.) ६३ अह तं पि सदोसं चिय (पंचा.) ७८१ अह तोरसि रज्जकए (न.मा.) ४९ अह जइ सावगखवगो (आरा.१)५४६ अह तं पुव्वं रूवं चइऊण (ध.सं.) ४१९ अह थावरत्तकालो, अह जण निसुज्जउ (ध.ध.) १ अह तं भूमिवइणा (न.मा.) ८५६ अह थुइवाओ एसो, थुव्वइ (चे.म.) ७४६ अह जस्स एरिसो खलु देहो (ध.सं.) १०३९ अह तं विसिट्ठगं चिय (ध.सं.) ७०४ अह थोवस्सावलिआ, (क्षुल्ल.) १७ 24
SR No.002422
Book TitlePrakrit Padyanam Akaradikramen Anukramanika 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorVinayrakshitvijay
PublisherShastra Sandesh Mala
Publication Year2009
Total Pages446
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size22 MB
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