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अस्संघ संघं जे भांति
अस्संघ संघं जे भणंति अस्संघ संघ जे भमंति अस्संजएहि सव्वं, खहअं अस्संजमम्मि विरओ, अस्संजमम्मि सत्तारसम्म, अस्संजमे अरइरइनायं अस्संजमेण बद्धं अन्नाणेण अस्संजयाण परतित्थियाण अस्सग्गीवे १ तारए २ अस्सणि तिय भरणी तिय, अस्सणि अप्पज्जते अस्सणि अमणपचिदियंत अस्सहणा देवस्स आगमो अस्सनि धरणी कित्तग, अस्मत्रिणो उ इयरे
अस्सन्निसु पढमदुगं, अस्सलोऽपइयारो अस्स य पमाणभावं माणंतर अस्सा अस्सतरा घोडगा अस्सामित्तं पूआ इअराअस्सायजहणविणेहिं अस्सायथावरदसं नरयदुगं अस्सायमणुयदेवाउदेवअस्सायमाइआओ, जावि अस्सायवेअणिज्जं छुहअस्सावण सर्व
( अ.प.) ७९
(ध.सं.) १२८१ सिणि अणुहावि (ल.शु.) ७४ अस्सिणि पुस्स पुणवस्सु, (ल.शु.) ३२ अस्सिणि भरणि तह (य) (ज.पा.) २३६ अस्सिणि मिग अस्सा, (दि.शु.) ३५ अस्सिणि रोहिणि मूलं, (ल.शु.) ३४ अस्सिणि सर्वाभिस-पू-भा, (दि.शु.) १२६ अस्सीलो अ ण जायइ (पंच.) १३०९ अस्से मचि अणु सव (दि. शु.) १३५ अस्सेस महा चित्ता, अणु (ल.शु.) ६८ अहं खु लोए बलवं तबस्सी, (उ.स.) ६५
अह अंचलिअं कुमयं अहं पि पुवि हिवासअह अच्चुयकप्पवती अह अजहठाणकिरिया अह अन्जनागहत्थि रेवय अहअट्ठ ८ उद्धअट्ठ य ८ अह अट्ठममिच्छतं दिट्टिजुयं अह अणुभयरूवं चिय
(सं.प्र.) ४५८ (संघ) ४
(उप) ४९८
(आरा. ३) ९०
(आरा. ३) १०१ (आरा. १) ५३८ ( चं.प.) ७४ (जी.अ.) २५६ (र.सं.) ५६ (ज्यो.) ३९ (पं.सं.) ९७९ (जी.स.) ८१ (उ. प.) ६२५ (ज्यो.) ३६
(न.भा.) २४
(क-४) २३
(पं.नि.) ३५ (प.सं.) १३२ (जी.सं.) १०४ (पंच.) ९९० (पं.सं.) ४८७ (पं.सं.) ४७४ (श.मा.) ९०९
(गाथा. ) ४६९
अ
अह अणुमाणविरुद्धादिदोस- (ध.सं.) १२३ अह अणुमा चिय (ध.सं.) १२४ अह अनुरूषो धम्मीसुत (प.सं.) ११२
अह अण्णया कयाई
अह अण्णया कयाई अह अण्णया पघुट्ठे, अह अण्णया य अण्णो अह अण्णवासरे अयलअह अण्णे सुखदुक्खे अण्णे अह अत्थमंतरेण वि भावा अह अत्थवादव एवं एको अह अस्थि पयवियारोअह अन्नदिषे पलियच्छलेण अह अन्नहा सरूवं इमस्स अह अन्नाणं ण तयं णाणअह अपरोप्परपच्चासन्नत्तणमो | अह अम्हेहिं ण दिडो कोई अह अवर्धतो गोलो अह अविवेकातो तई
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अह आगमिअं कुमयं अह आगयम्म तइए, अह आगयाए तीए दवाविओ अह आभिओगियसुरा
अह आवायं विसयाण
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अह इच्छसि मरणाई, अह इत्तो उवसग्गा अह ईसाणे कप्पे अह उ अणन्नो देह व्व
(प्र.प.) ३५४ (प्र.प.) ६२१
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अहक्खायचरम चउरो
(ध.सं.) १०३० (ज.पा.) २५३ (ध.सं.) ३१८ (ति.गा) १७३
अह उत्तरिल्लभवणं नेउं
अह उ निरागारं चिय वित्राणं (ध.सं.) ६४८ (ध.सं.) ४६० (श्री. प्र. ) १४५
(आरा. १) ५६०
अह उ अणागारं चिय | अह उ अभावोति तओ
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(ति.गा) १८९ (श्रा.प्र.) १७९ (ध.सं.) ६८६ (ध.सं.) १२७७ अह उ अभेदो ता एगभावतो (प.सं.) ६८१ अह उ उवक्कमिज्जति आऊ (ध.सं.) ९४८ अह उ खणद्वितिधम्मा भावो (ध.सं.) २४६ अह उ खणट्ठितिधम्मा भावो (ध.सं.) ४४२ | अह उ गुणसेवणाए मिच्छा अह उग्गयम्मि रवि(प्र.प.) ५५९ अह उग्गयम्मि सूरे समुचिय (भा.कु. २) १५ अह उग्गहणंतगं नावसंतियं (तिगा) २२६ अह उग्गहणंतन णावठि (औ.) ११ | अह उ जहिच्छाहेतू सो (ध.मा.) ११५ अह उडिता एगो उट्ठित्ता (वि.सा.) १९६ अह उण विगप्पमाणं (सं.प्र.) १४३७ अह उ तदन्नं किं तस्स (ध.सं.) ६८३
(ध.सं.) ७६५ (न.मा.) ७७० (पो.वि.) ८६ (प्र.सा.) ५३१ (पंच.) ८२५ (ध.सं.) १४८ (स.शा.) १०८ (गा. प्र. ) ११ (ध.सं.) ४०४
अह उ तहाभावं पि हु
( श्रा. प्र. ) १६१
अह उत्तमसंघयणे
अह उत्तराणुवलिया, हस्सा अह उत्तरावरडियखण
(गु.त.) २२९३ अह उप्पत्ती दीसइ णतु (न.मा.) १।१२४ अह उभयक्खयहेऊ वहु त्ति (न.मा.) ७/३१ अह उवविसित्तु सुत्तं, (ध.सं.) २१४ (ध.सं.) ४३२ (५.सं.) ८८७
अह उ ससंवेदणसिद्धमेव अह उ ससंवेदणसिद्धमेव अह उ सहावकतं चिय
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अह उ सहेउउ च्चिय अह उस्सग्गेणेसो धूतगुणा
अह उस्सु दुविहं
(प्र.प.) ४११
| अह ऊणं उस्सुत्तं किरिआ - (प्र.प.) ४७० अह ऐति तर्हि तरियं
(ति.गा) १३८
(प्र.सा.) ७७६ (भ.भा.) ३४ (श्रुता.) ११३ (ध.सं.) ५१४ (ध.सं.) ६५२ अह एअद्दोसभया ण मयं (ध.सं.) १४९ अह एगसाडिए उत्तरसंगेण (र.सं.) ४९९ | अह एगो पहि मिलिओ (ध.सं.) १०४६ अह एगो सुयबंधी अंगे (प्र.प.) ६३१ अह एत्तियभणिएन वि (स.शा.) १११ अह एयाणं जं जं काल(न.मा.) ८।२७ अह ओवयारिओ पुण, (भ.भा.) ३६० अह ओहिनाणिनवई १ (सं.मा.) ४६ अह कच्चूरियचंदण(आरा. ३) २३५ अह को भायो पिता
अह कडुअगिहत्थाओ अह कड़िऊण सु अह कप्पिओ जिणिदो
अह कमपत्तं सिरिणाणअहकम्मे उद्देसिय चरमअह कयखामणजोगो
अह कयपरिकम्मविहिस्स | अह कयपरिकम्मविहिस्स
अह कह नज्जइ एयं, अह कहमवि जाया काकअह कहमुसभजिणो,
(प्र. स.) १५
(ध.सं.) ६८४ (ध.सं.) ४७८ (ध.सं.) ४६७
(ध.सं.) १००१
(पंच.) १०५८ (मु.कु.) ६
(न.मा.) १।८६
(जोग.) ३
(आ.हि.) २७
(ल.सा.) ६२
(पु.मा.) ४०६
(सप्त.) २५५ (उ.वि. २) २२ (ध.सं.) १५१
(प्र.प.) ८४०
(पंच.) २८९
(प.द.) ९
(दा.मा.) ९६ (पं.प.) १७ (आरा. ४) ५७
(आरा. २) १६९
(जी.अ.) २६९ ( द्वा.कु.) ९१५ (प.वि.) ४२
अह कह वि कम्मपरिणामओ (द्वा.कु.) ५२ अह कह वि किलेसा तस्स - ( द्वा.कु.) ९/६ अह कह वि जाइ दिय
(आ.शा.)४४ (उ. प.) १०१० (ध.सं.) ६७५
अह कह वि तव्विसेसो अह कह वि तस्सवगमो अह कह वि होइ बालो अह कारणं चिय तउ ण अह कोई सबुद्धीए, ण्हवेइ | अहक्खायचरम चउरो
(उ.वि. १) ७ (ध.सं.) २५३ (चे. म. ) ४२ (मा.चं.) ५६