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जइ ता एते एवं अणगारा
जइ मंगलाण जुयलं जइ ता एते एवं अणगारा (आरा.२)७५४ जइ दुक्करदुक्करकारउ त्ति (उव.) ६६ जइ पुग्गला न हुज्जा (पं.लि.)८५ जइ ता कया पमाणं . (आरा.२)७८७ जइ देओलिआई उवरि (पि.क.)७ जइ पुच्छह निच्छयओ न (आ.शा.)२८ जइ ता जणसंववहार- (जी.अ.) १७९ जइ देज्जा दरवज्जिय तो (प्रत्या.) २६४ जइ पुण इह लोगट्ठो, (स्था.) २६
जइ देहस्सऽह पीडा नियय- (ध.सं.) १०४९ जइ पुण करेइ साहू (प.आ.) २१ जइ ता तणकंचणलुट्ठ (उव.) ४५८ जइधम्मम्मि वि कुसलो, (पु.मा.) १२१ जइ पुण कहंचि संचियमेही (आरा.२)६६१ जइ ता तत्तगवेसी ता (सं.मा.) ९३ जइ धम्मामयपाणं मुहाए (भ.भा.) ४९० जइ पुण किचि वि (प.वि.) १३ जइ ता तह अन्नाणी (आरा.१)७८० जइ नइसलिले न (स.शा.) २७४ जइ पुण छवग्गसुद्धी, (ल.शु.) ८० जइ ता तारिसयाओ (आरा.१) ८७८ जइ न कस्सावि धारेइ, (श्रा.दि.)७८ जइ पुण तह कायव्वं (जी.अ.)१९५ जइ ता तिलोअनाहो, (उव.) ४ जइ न कुणसि तव चरणं, (षष्ठि.) २ जइ पुण ताई थेवं पि (सं.मं.) १८ जइ ता दुगुंछइ नरो (आरा.२)६१७ जइ न कुणसि तवचरणं, (मिथ्या.)१४ जइ पुण तुमं पि एमेय (जी.अ.) ११९ जइ ता पिआमहो से (प.वि.) ८२ जइ न कुणसि तवचरणं (र.सं.) २०९ जइ पुण तुरियं कज्जं, (ल.शु.) १२८ जइ तारिसिया तण्हा . (आरा.१)८८१ जइ नणु न होइ ठवणा, (स्था.) ५१ जइ पुण तुरियं कज्जं (ज्यो.सा.)२५ जइ तारिसिया तण्हा (आरा.२)७८४ जइ न तरसि धारेउं मूलगुण- (उव.) ५०१ जइ पुण तुह निब्बंधो (न.मा.) ८1५५ जइ ता लवसत्तमसुरविमाण- (उव.) २९ जइ नत्थि च्चिय गुरुणो (गु.श.) ६२ । जइ पुण निव्वाघाओ (पंच.) ४४५ जइ ताव एगरूवो निच्चो- (ध.सं.) ५५० जइ न पमाणं तो (जी.अ.)२५० जइ पुण निसिभत्तवयं (प्रत्या.) १६६ जड़ ताव जार-चोरा, मंसासी (चे.म.) ११६ जइ न सकसि काउं सम्मं (र.सं.) १६२ जइ पुण नेवं नेयं
(जी.अ.)२३४ जइ ताव तव्वहु च्चिय अलं (श्रा.प्र.) २३८ जइ नाणाइमओ वि (आरा.१)६३६ जइ पुण पासवणं से हविज्ज (पंच.) ३१५ जइ ताव सव्वओ सुंदरु (उव.) ६७ जइ नाणाइ मओ वि हु, (पु.मा.) २९८ जइ पुण पुव्विं लद्धो (आरा.३)३१५ जइ ताव सावयाऽऽकुल- (आरा.१)८११ जइ नाम गुणसमिद्धं (सं.प्र.) २८६ जइ पुण भत्तपरिनं (आरा.१)२२९ जइ ताव सावयाकुलगिरि- (आरा.१)८९ जइ नाम तहऽण्णाणी (आरा.२)७३७ जइ पुण समत्तकप्पो, (गु.त.) २२१९९ जइ ताव सावियाहि वि (आरा.१)८३० जइ नाम परमधम्मो (आरा.२)५०२ जइ पुण सयणनिसेहाइ- (आरा.१)१५८ जइ ताव साहुणीहि (आरा.१)८१७ जइ नाम हासभावो सव्वा- (ध.सं.) ११६५ जइ पुण सहस्सगुणिए (अं.स.) ६७ जइ-ता-सद्दब्भंतो, संसय- (व्या.वि.) ९७ जइ निविण्णउ दुहपचुरि (संय.) ८ जइ पुण होइ न पुत्तो (भ.भा.) २८६ जइ ता ससरीराण वि, पडि- (चे.म.) ७६ जइ नो ठविआ हुंता (प.वि.) ७३ जइ पुण्णमासि इच्छसि (जो.प.) ३४७ जइ ता सुभावियप्पा (आरा.२)८५७ जइ नो ता खलु एवं (सं.प्र.) ३११ जइ पुत्तियाइ फासो, सो (स्था.) ४५ जइ तित्थयरा अण्णो (प्र.प.) ८०४ जइ नो नज्जइ जम्मण- (ल.शु.) १२ जइ पुत्थयाउ तित्थं (प्र.प.) ८०३ जइ ति वि कालु च्चियगुणि (उ.रा.) ६६ जइ पउरउत्तरद्धं ता रयणं (अ.चू.) ५६ जइ पुव्वपुरिसपरिवाडियागयं (मि.म.)६ जइ तुल्ला सामग्गी (प्र.प.) ८७० जइ पक्खिअंपि पुण्णिम (प्र.प.) २४४ जइ पुव्वपुरिसवाहा मारिता (मि.म.) १० जइ तुह गुणरागाओ, (य.शि.)९ जइ पच्चउ जिणवर (बा.बो.) ५५ जइ पुव्वपुरिसा अलिया (मि.म.) ११ जइ तुहऽहिमओ धम्मो . (प्र.प.) ६९९ जइ पडिबिबनिमित्ता, (चे.म.) ९२ जइ पुव्वपुरिसा चोरत्तणं (मि.म.) १२ जइ तेण तहा अकए तं (श्रा.प्र.) २११ जइ पडिवत्तिणिमित्तं (ध.सं.) १२७ जइ पोग्गलपरियट्टा (वि.ण.) ४६ . जइ तेण समुक्खित्ता ण (धूर्ता.) २६५ जइ पढमं पि न रज्जसि (सं.मा.) ४४ जइ पोसहसहिओ, तव (वि.कु.)२ जइ ते फुडं अजोगा (साधु.) १७ जइ पढमक्खरमहरं अवसाणे (अ.चू.) २३ जइ पोसहसालाए सड्ढासड्डी (सं.दो.) ५१ जइ ते महंतरुक्खा (धूर्ता.) ३५९ जइ पढम-तइय-पञ्चम- (ज.पा.) ७९ जइ बगरक्खसभत्तं भुत्तं (धूर्ता.) २९० जइ ते रुट्ठो अप्पा, तो (य.शि.) ८ जइ पत्तम्मि निहत्ते पत्तफलं (दा.वि.) १७ जइ बायरस्स बारस (वि.ण.)९१ जइ ते लिंग पमाणं, (गु.त.) ३।१३६ जइ परगुणगहणेण वि, (य.शि.) १४ जइ बालो जंपंतो कज्जम- (वि.वि) २७६ जइ तेसिं जीवाणं, तत्त्थ- (गाथा.) २२३ जइ पवयणस्स सारो (आरा.२)३४ जइ भंगयसाहारणसंजोगा (गा.भ) २३ जइ थुणइ देवयाओ (ना.वृ.) ६५ जइ पाणई संसइ पडइ (संय.) ७ जइ भव कम्मनिरुद्धान (सं.प्र.) १३०६ जइ थुणइ देवयाओ लोए (ना.प्र) ६५ जइ पासंडी वि इमं (आरा.१)८३२ जइभागगया मत्ता रागाईणं (पंच.) ३६३ जइ दव्वत्थयरसिओ हविज्ज (सं.प्र.) २८० जइपासे जिणभवणे, घरे (उ.चि.) १४८ जइभागगया मत्ता रागाईणं (प्रत्या.) २४५ जइ दाइयम्मि वि पहे, (उव.) ४१६ जइ पिअइ कुंभयण्णो (धूर्ता.) २९२ जइ भिन्नो उवगारो (ध.सं.) २०३ जइ दारयस्स उअरे ससुरा- (धूर्ता.) १३२ जइ पित्ताई रोगो सो (सं.दो.) १३५ जइमं इच्छसि फडं (पं.सं.) ४२१ जइ दारु चिय पडिमं (उ.प.) ३४४ जइ पियसि ओसहाई बंधसि (भ.भा.) ४९ जइमं इच्छसि सेणि, (दे.प्र) ४१ जइ दिवसे संचिक्खइ (आरा.२)८८६ जइ पीडाए तुझं विहुरत्तं (पर्य.) ५ जइ मंगलाण जुयलं (ग.हो.) २१
पसारा
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