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________________ जं जीअं सावज्जे, ण जं जीअं सावज्जं ण जं जीअं सोहिकरं सोहिरं, जंजी अमसोहिकरं, ज (गु.त.) २।४७ जंति तिरिय मणुय दाणव (गु.त.) २२५३ जं तित्थपरिहिं भासियं (गु.त.) २२५१ जति न सिद्धिमभव्वा, (मु.स.) २२५२ तिमिठे कार्ड नो किरिआ वओगी (प्र.प.) २८२ जंति समुच्छिम तिरिया, जति सुरा संखा य (दं.प.) १९४ जं तुमए नरए नारएणं, जं तुमए रयणत्तयमिणमो जंतू य दुक्खविमुहा स जंतू सत्ता भूआ य जं तेण संजमेणं जं जीयं सोहिकरं, संवेग जं जीयं सोहीकरं संविग्गजंजीदाणमुतं एवं जं जीयमसोहिकरं, पासत्थ जंजीयमसोहिकरं पासत्थ जं जीवकम्मजोए जुञ्ज जं जीवपायजणयं अहिगरणं जं जीववहेण विणा जं जीवियमित्तं पिहु जं जोग्गं चेवं पिहू जं जोणिलक्खागहणम्मि जं जोयणविच्छिन्नं तं जं जोयणवित्थिणं जं जोयणवित्थिण्णं झाया तो जं णं आणायरणा जंणं सुतझयणं जंगर-तिरिक्ख-दिवे जंणारगाण दुक्खं जं जं निअयं तमणिअर्थ, जं णियणियकज्जम्मी जं णिहियमा पुगो जं पेण जलं पीयं, घम्माय पुरा पूर जं तं चिय परिणमए पति जंतंतपंचरत्तं पाओवगयं जं तं परितमसंखं जहप्रयं जं तं साभिग्गहिअं जं तं सेवंतस्स उ केवलिणी जं तक्खणभवणम्मि वि जं तत्तलोहपडिमा55जं तमाणाइसरूवं एक्कं जं तवसंजमहीणं नियमजं तस्स मए कत्थ वि जं तस्स रामदेवो सीसो जंतहलमुसल आठह ताओ किरिआओ, जंताणि जं जंतु दुहावहाई, जंति अमुच्छिममणुया, ( आ.अ.) १९ (पिं.लो. ) ६८ (पं.प.) १९३ (आ.अ.) १६ ( श्रा. प्र. ) ८ (च.प.) ९ (आरा. २) ५०३ ( षष्ठि.) १५९ (न.प्र.) १२४ (मू.शु.) ७२ (प्र.सा.) १०१९ (जी. स.) ११८ (जो. प.) ८८ (न.प.) १०५ (त.त.) २१ (ई.प.) ३४ (आरा. ३) ४९ (विष) ८ (व्या. वि.) १०१ (सामा.) ६ (पंचा.) ४७७ (उव.) २०० ( उव.) १०९ (ध.सं.) ४१८ (ऋषि) प्र. । १० (सि.सा.) १७४ (प्र.प.) ६०४ तेण सुगुरुवयणा जं ते बुद्धिबलाओ धुत्तजणो जं तेसिं माणसिअं पावं जंतेसु न वावारो जं ते हासरइदुगं जंतेहि पीलिया वि हु, जं तो तिहिं जिणाणं, जं थिरमज्झवसाणं तं जं थिरमज्झवसाणं, तं (वि.मं.) ६६ (प्र.प.) २८२ (उ.चि.) १४२ (व्या. वि.) ५१ (आ.प्र.) ५० (गाथा.) १७ जं दंसणणाणाई सामन्नजं दक्खो वि न पेक्खइ जं दलियमन्त्रपगई | जं दव्वखेत्तकालाइसंगयं जंदव्य छकाइ सु सहाणं जं दव्वभावगाहगसुद्धं जं दव्वलिंगकिरियाऽ णंता जं दाणलाभभोगोवभोगवि जं दियहं दारुणदूसहेहि जं दीहकालसंवासयाए जं दीहतरं आउं कंदप्प जं दुक्कडंति मिच्छा, जं दुकति मिच्छा, (स.श.) १९ (ध.सं.) २६८ (आरा. १) ८५३ जं दुचरमस्स चरिमे (पंच.) १०५९ जं दुचरिमस्स चरिमे (दा. वि.) १५ | जं दुक्करदुक्करकार ति जं दुक्खं संपतो अनंत जं दुद्धाइग्गहणं, | जं दूसमभावाओ जं दूहव दूसह दुकलात जं देवट्टिया इमम्मि जं देवाण वि पुज्जो, जं देसविरइरूवं, सव्वविरइ जं देहपमाण उवरि, 935 (सु.गु.) ५ (ज्ञा.कु.) २८ (उ.चि.) ७४ ( ल.सा.) १०७ (बृ.सं.) १५१ (बृ.सं.) १६६ (आ.प्र.) ५७ (प्र.जी.) १८ ( द्वा.कु.) १०१४ (पा.ल.) १५२ (प्र.प.) १९९ (स.श.) ८२ (धूर्ता.) ४६७ (त.त.) ८ (जी.अ.) ६ (जी.प्र.) ७१ (प्र.प.) ८७२ जंपंति महुरवयणं, वयणं (प्र.प.) ४६२ (आ.प्र.) २२ (न.प.) ७२ (न.प.) ७१ (पु.मा.) ७८ ( षष्ठि.) ५० (पु.मा.) ६१ (न.प.) ८४ (बृ.सं.) २४६ जं दोलावत्तीए भणिअं जं घणघण्णसुवण्ण, जं धम्मजयाहारं, उवसम जं धम्मद्दुममूलं, जं नंदिसेणमणिणो जंन करइ अइभावं उम्मग्ग जं न जनिया जिणाणं, जं न तया कीर्य, नेव जंन तयट्ठा कीयं नेव (प.द.) ५० (आर. २) २३४ (स.भा.) २३ (उव.) ४२ (स्था) २१ (सं.प्र.) १३१२ जनाए सुय जिणहर (ध्या.श.) २ | जं नागदत्तदइया, रन्ना (ध.सं.) १३६० जं नाणं तं करणं, (सा.उ. ) १९ जं नाण १ दंसण २ चरित (कर्म) १६२ जं नाम किंचि दुक्खं, (उ. प.) ७७९ जं नाम किंचिदुक् (न.प.) १२० जनामा देवीओ, नामा (क.को.) ११ जंनामा देवीओ, तंनामा (उ. प.) २३३ जनामा से देवी, तंनामा (न.भा.) ४४ जं नारयाण दुक्ख (जी.प्र.) ६९ (आरा. १) १०८ (दा.मा.) ८९ (सं.सि) १०९ (सं.सि) ११० जं नारयाण दुक्खं, उक्कत्तण (वि.मं.) ३४ (आय. १८६८ (कर्म.) १६६ (पं.सं.) ५८६ नत्थि आगमम्मी जं नत्थि सव्वबाहाओ जं नमिया सयलनिवा, जं नरए नेरइआ खवंति जं नरए नेरइआ दुक्खं जं नरए नेइया, दुक्खं | जं नरए नेइया, दुहाई जं न लहड़ सम्मतं, जं न हु भणिओ बंधो, " जं नारयाण दुक्खं तिरियाणं जं निजे वि तुमं, जं निज्ज जिणधम्मं जं नियदेहं सीमंतिणीण जं नियमिय अप्पाणं जं निहियमत्थजायं पुच्छंतं जं निहियमत्थजायं पुच्छंत जनेरइओ कम्मं खवेइ जं नेरइयं नारयभवम्मि जंनो कोहा माणा जं पंचसु समिईसुं जं पंचहि समिइर्हि तीहि जंपंति अस्थि समए | जंपंति अलिअवयणं जंपंति महुरवयणं, वयणं (आ.प्र.) १० (पं.प.) १३५ (वि. सा.) ३२५ (जी.अ.) २९१ (आरा. २) ९५६ (चे.म.) ६१३ (प्र.कु.) २ (र.सं.) १४७ (देश.) ९१ (वै.श.) ४९ (उव.) १२४ (भा.कु.) १८ (स्था.) १५ (उ.चि.) १०९ (चं.प.) ७७ (गाथा. ) ४९२ (ध. कुं.) १५ (जी.प्र.) २५ (दी.प.) ९९ (दी.प.) १०१ ( दी. प.) १०९ (आरा. १) ८४५ (पु.मा.) ३८४ जी.प्र.) १०१ (य.शि.) ३० ( (गु.श.) २६ (पै.र.) ४८ (सं.मा.) ७६ (सं.प्र.) १११० (प्र.सा.) ९९२ (श्रा.प्र.) १५९ (क. प्रा. १) ६४ (प्रत्या. ) ३२ (आय. १) १८६ (आ.प्र.) १३ (स.सू.) ११० (वि.नि.) १९ (उ.चि.) १११
SR No.002422
Book TitlePrakrit Padyanam Akaradikramen Anukramanika 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorVinayrakshitvijay
PublisherShastra Sandesh Mala
Publication Year2009
Total Pages446
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size22 MB
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