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॥ श्री शंखेश्वर पार्श्वनाथाय नमः ॥
॥ प्रभु श्रीमद्विजय राजेन्द्रसूरीश्वराय नमः ॥
प. पू. कलिकाल सर्वज्ञ श्रीहेमचंद्राचार्यजी अष्टम शताब्दि उपलक्षार्थ ॥ ॐ अर्हते नमः ॥
कलिकालसर्वज्ञ श्रीहेमचंद्राचार्यरचित
आ. श्री पद्मसूरिजी कृत हिन्दी - अनुवाद सहित
योगशास्त्र
स्वोपज्ञ
व्याख्या
दिव्याशीष
आ. श्री विद्याचंद्रसूरीश्वरजी • मुनिराज श्री रामचंद्र विजयजी
संपादक ..
मुनि श्री जयानंद विजयजी
.. प्रकाशक ..
श्री गुरु रामचंद्र प्रकाशन समिति, भीनमाल, (राज.)
मुख्य संरक्षक ..
मुनि श्री जयानंद विजयजी आदि ठाणा की निश्रा में २०६५ में पालीताना में चातुर्मास एवं उपधान करवाया उस लेहर कुंदन ग्रुप
श्रीमती गेरोदेवी जेठमलजी बालगोता परिवार, मंगलवा मुंबई, दिल्ली, चेन्नई, हरियाणा