________________
* गीता दर्शन भाग-7 *
में लगाता है।
बहुत मधुर बात कही है। उसने कहा है, इतिहास बनाना ज्यादा और तीन ही तरह के व्यक्ति हैं इस जगत में। तीनों गुण सभी के | आसान है बजाय इतिहास लिखने के। क्योंकि इतिहास तो गधे भी भीतर हैं। लेकिन सभी के भीतर तीनों गुण समान मात्राओं में नहीं हैं। बना सकते हैं। किसी के भीतर सत्वगुण प्रमुख है, तो सत्वगुण दो को दबा देता है। | इतिहास बनाने में क्या लगता है ? गोडसे बनने में क्या दिक्कत इसको ठीक से समझ लें।
है? एक पिस्तौल चाहिए, एक छुरा चाहिए, एक हथगोला काफी जिस व्यक्ति के भीतर सत्वगुण प्रमुख है, जिसे शांति, सुख, है। कुछ भी उपद्रव तो कर ही सकते हैं। इतिहास निर्मित होना शुरू ज्ञान की तलाश है, उस व्यक्ति का रजोगुण, उस व्यक्ति का | हो जाता है। अब जब तक गांधी की याददाश्त रहेगी, तब तक तमोगण भी इसी तलाश में संलग्न हो जाता है। उस व्यक्ति के पास गोडसे को भलने का कोई उपाय नहीं। गोडसे ने किया क्या है? जितनी कर्मठता है, जितनी शक्ति है, जितनी ऊर्जा है रज की, वह | करने के नाम पर बहुत ज्यादा नहीं है। उपद्रव किया जा सकता है। सारी ऊर्जा वह ज्ञान की तलाश में लगा देता है। वह सारी ऊर्जा, __ जिनमें भी रजोगुण भारी है, वे किसी न किसी तरह के उपद्रव में, वह सारा कर्म सुख की खोज में लग जाता है। और उस व्यक्ति के | किसी तरह की मिस्चीफ में संलग्न होते हैं। अगर वे बुरे हो जाएं, तो भीतर जितना तम है, जितना आलस्य है, वह सब भी ज्ञान की | डाकू हो जाएंगे। अगर बुरे न हों, भाग्य से ठीक शिक्षा-संस्कार मिल तलाश में, सुख की तलाश में, विश्राम की जो जरूरत पड़ेगी, उसमें | जाए, तो राजनेता हो जाएंगे। डाकुओं को थोड़ी अकल हो जाए, तो लग जाता है।
| राजनेता हो जाएंगे। राजनेताओं की थोड़ी अकल खो जाए, तो डाकू अगर किसी व्यक्ति में तम प्रमुख है, तो उसके पास छोटी-मोटी | | हो जाएंगे। उनमें परिवर्तन जरा भी दिक्कत का नहीं है। वे करीब ही बुद्धि अगर हो, थोड़ी-बहुत समझ हो, तो वह समझ को भी अपने खड़े हैं। वे सगे, मौसेरे भाई-भाई हैं। आलस्य को सिद्ध करने में लगाता है। वह अपनी समझ को भी इस ___ अगर छोटा-मोटा हत्यारा हो, तो हत्यारा रह जाएगा। अगर बड़ा तरह उपयोग करता है कि आलस्य का रेशनलाइजेशन हो जाए, वह हत्यारा हो, तो तैमूर, चंगेज और हिटलर के बुद्धियुक्त मालूम होने लगे। वह कहेगा, करने से क्या सार है? | | अगर छोटी-मोटी किसी की संपत्ति पर कब्जा करे, तो चोर समझा करके क्या कर लोगे? करने से क्या मिलने वाला है? | जाएगा। अगर बड़े साम्राज्यों पर कब्जा कर ले, तो सम्राट हो
उसके पास जो भी रजोगुण है, जो भी ऊर्जा है, शक्ति है, वह जाएगा। और साधु उसका गुणगान करेंगे, प्रशस्ति लिखेंगे। इस शक्ति को भी इस भांति नियोजित करेगा कि वह कर्म न बन | | रजोगुणी अपनी सारी शक्ति को लगा देता है, सारी समझ को, पाए। वह क्रियाएं तो करेगा, लेकिन क्रियाएं ऐसी होंगी, जो उसे | सारे विश्राम को, एक ही काम में कि कुछ करना है। वह करना कहां
और आलस्य में ले जाएं। वह आदमी चलेगा, तो चलकर शराबघर | | ले जाएगा, उस करने का क्या अर्थ होगा, करने का कोई परिणाम पहुंच जाएगा। उसकी क्रिया चलने में लगेगी, लेकिन जाएगा वह | | शुभ होगा, अशुभ होगा, इसका बहुत प्रयोजन नहीं है। शराबघर। अगर उसको शराब खरीदनी हो, तो वह दिन में मेहनत __ मनोवैज्ञानिक कहते हैं कि हिटलर बचपन में चित्रकार होना भी करेगा। लेकिन मेहनत करके खरीदेगा शराब।
चाहता था, पेंटर होने की आकांक्षा थी। और बैठकर बड़े चित्र अगर किसी व्यक्ति में रजोगुण प्रमख हो, तो वह अपनी सारी | | बनाता रहता था। लेकिन कई एकेडमी में गया वह, लेकिन सभी चेतना को, सारी शक्तियों को भाग-दौड़ में लगा देगा। क्रिया प्रमुख | जगह से उसको निराश वापस लौटना पड़ा। वह कुशल चित्रकार हो जाएगी। करना ही जैसे लक्ष्य हो जाएगा। कुछ करके दिखाना | नहीं हो सकता था। मनोवैज्ञानिक कहते हैं कि काश, उसको किसी है। वह अपना सुख भी छोड़ सकता है उसके लिए, अपना विश्राम | | एकेडमी ने जगह दे दी होती, तो वह कागज रंगने में समय बिता भी छोड़ सकता है। लेकिन कुछ करके दिखाना है। | देता, दुनिया का इतना उपद्रव नहीं होता। हो सकता था लाल रंग
इतिहास ऐसे ही लोग बनाते हैं, जिनमें रजोगुण प्रमुख है। से कागज रंगता, लेकिन इतने खून से जमीन न रंगता। राजनेता रजोगुणी है। कुछ करके दिखाना है। नाम छोड़ जाना है। | लेकिन वह चित्रकार नहीं हो सका। वह बेचैनी उसको रह गई। इतिहास के पृष्ठों पर लिखा जाए।
| उसके कुछ कर के दिखाना था। उसे कुछ बड़ा होना था। और वह और ध्यान रहे, तायनबी ने, एक बहुत बड़े इतिहासज्ञ ने, एक बेचैनी धीरे-धीरे राजनीति की तरफ मुड़ गई। फिर वह खतरनाक
46