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* रूपांतरण का सूत्रः साक्षी-भाव *
मरते वक्त अति दुखी है। और मरते वक्त लेनिन अपनी वसीयत में और किसी पर उसका भरोसा नहीं है। किसी पर भरोसा नहीं हो लिखता है कि स्टैलिन के हाथ में सत्ता न रहे। और दुखी इसीलिए सकता। क्योंकि वह खुद धोखा देकर, खुद लेनिन को धोखा देकर है। जब तक वह बीमार था, तब तक स्टैलिन ने सत्ता हथिया ली। | कब्जे में आया है। इसलिए जितने लोगों ने उसको सहायता दी, वह और भी बड़ा राजसिक व्यक्ति है। लेनिन ने क्रांति की, लेकिन सबको उसने मरवा डाला। क्योंकि जो आदमी भी उसको सहायता सत्ता स्टैलिन के हाथ चली गई।
| देगा, ताकतवर सिद्ध होगा, वह उसको खतम कर देगा। क्रांतिकारी अक्सर सत्ता नहीं भोग पाते, क्योंकि उनकी शक्ति | इसलिए पिछले चालीस साल में, जिनमें स्टैलिन ताकत में था, और उनकी ऊर्जा सत्ता हथियाने में नष्ट हो जाती है। जब तक वे | | उसमें उसने हर आदमी को, जिसने उसको साथ दिया और जो सीढ़ी सत्ता पाते हैं, तब तक भीतर से कमजोर हो जाते हैं। जब सत्ता उनके | बना और जिसने उसको ऊपर भेजा, उसने जल्दी उसकी गर्दन हाथ में आती है, तब कोई शक्तिशाली व्यक्ति, जिसकी शक्ति | अलग की। क्योंकि यह आदमी अगर अपने लिए सीढ़ी बन सकता अभी बची है, वह कब्जा कर लेता है।
है, तो कल किसी दूसरे को भी चढ़ाने में सीढ़ी बनेगा। ___ हर क्रांति में यह होता है कि जो लोग क्रांति करते हैं, वे फेंक दिए। | स्टैलिन जैसे लोगों का कोई मित्र नहीं हो सकता। क्योंकि मित्र जाते हैं। और जो क्रांति नहीं करते, वे मालिक हो जाते हैं। अक्सर | इतने पास आ जाएगा कि खतरनाक है। स्टैलिन से दूर ही लोग रह होगा ऐसा। बाप कमाएगा और बेटा उसको खर्च करेगा। क्योंकि | | सकते हैं, पास नहीं हो सकते। और परम दुख में मर रहा है। बाप कमाने में खर्च हो जाते हैं।
स्टैलिन की लड़की ने बाद में संस्मरण लिखे हैं। उसने संस्मरण लेनिन दुख से मरा और वसीयत करके गया। लेकिन वसीयत | | में लिखा है कि मेरे पिता जितने दुखी थे, ऐसा दुखी आदमी मैंने को कौन सुनने वाला है! ताकत स्टैलिन के हाथ में थी। वसीयत | कहीं देखा नहीं। दुखी होगा ही। दबा दी गई।
सात्विक कर्म भीतर के सुख से निकलते हैं। और हर कर्म लेकिन स्टैलिन दुखी मरता है; दुखी जीता है। दुख वहां तक | आपके सुख को हजार गुना कर देगा। क्योंकि हर कर्म आपके सुख पहुंच जाता है कि बाद-बाद के दिनों में कहा जाता है कि उसने | | की प्रतिध्वनि को आप तक लौटाता है। अपना एक डबल रख छोड़ा था, ठीक स्टैलिन की शक्ल का आप जो देते हैं अपने कर्म में, वह हजार गुना होकर आप पर आदमी। हिटलर ने भी अपना एक डबल रख छोड़ा था। स्टैलिन | बरसने लगता है। यह सारा जगत एक प्रतिध्वनि है। आप एक गीत खुद बाहर नहीं जाता था, क्योंकि लोगों को इतना कष्ट दिया है कि | गाते हैं, तो सब तरफ से गीत गूंजकर आप पर गिरता है। आप एक वह सुरक्षित नहीं था।
गाली देते हैं, तो गाली लौट आती है हजार गुनी होकर। जो कांटे अब यह बड़े मजे की बात है, बड़ी विडंबना है, कि स्टैलिन ने बोता है, कांटे काटता है। जो फूल बोता है, वह फूल काट लेता है। सारी जिंदगी यही तो कोशिश की कि यशस्वी हो जाऊं, बड़ा सात्विक कर्म सुख लाएगा, एक। ज्ञान लाएगा, दो। यह बड़ी शक्तिशाली हो जाऊं। और जब शक्ति हाथ में आई, तब कमरे में | अनूठी बात है। छिपकर उसको रहना पड़ता था। उसकी जगह सलामी वगैरह लेने | | सात्विक कर्म ज्ञान क्यों लाएगा? ज्ञान मिलना चाहिए शास्त्र से, उसका डबल जाता था। क्योंकि अगर गोली मार दी जाए, तो दूसरा गुरु से। लेकिन कृष्ण कहते हैं, सात्विक कर्म ज्ञान लाएगा। यह आदमी मरेगा, स्टैलिन सुरक्षित रहेगा।
| किस ज्ञान की बात कर रहे हैं? कहा जाता है कि मर जाने के बाद भी दो-तीन महीने तक रूस ___ जब आप कोई सात्विक कर्म करते हैं, तब आप एकदम शांत हो में खबर नहीं दी गई कि स्टैलिन मर गया है। वह डबल काम करता | जाते हैं। कभी भी अच्छा काम करके देखें, और उस रात आप गहरी रहा। वह जो दूसरा नकली आदमी बनाकर रख छोड़ा था, वही | | नींद सोएंगे। कोई बुरा काम करके देखें, उस रात आप सो भी नहीं जाएगा; सभाओं में सलामी लेने, व्याख्यान देने, वह जाएगा। | | पाएंगे। कोई बुरा काम करें, वह भीतर खटकता ही रहेगा, कांटे की यह बड़ी अजीब ढंग की उपलब्धि
जहां स्वागत भी | तरह चुभता ही रहेगा। कोई भला काम करें, और एक हलकापन अपना न हो सके; जहां स्वागत के लिए दूसरे को भेजना पड़े! | | फैल जाता है; एक सुबह हो जाती है भीतर। छोटा-सा!
और स्टैलिन एक प्रेत की तरह हो गया, जो पीछे छिपा हुआ है। एक बीमार आदमी जा रहा हो और उसको आप हाथ का सहारा
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