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________________ ® आधुनिक मनुष्य की साधना @ आदमियों के लिए विकसित की गई थीं, वे पृथ्वी से खो गए हैं।। | यह बड़ी नई घटना है। और इस नई घटना को सोचकर ध्यान की आदमी दूसरा है। यह जो इलाज है, यह आपके लिए विकसित नहीं | सारी पद्धतियों में रेचन, कैथार्सिस का प्रयोग जोड़ना अनिवार्य हो हुआ था। आपने इस बीच नई बीमारियां इकट्ठी कर ली हैं। गया है। इसके पहले कि आप ध्यान में उतरें, आपका रेचन हो जाना तीन हजार, चार हजार, पांच हजार साल पहले ध्यान के जो जरूरी है। आपकी धूल हट जानी जरूरी है। प्रयोग विकसित हुए थे, वे उस आदमी के लिए थे, जो मौजूद था। वह आदमी अब नहीं है। उस आदमी का जमीन पर कहीं कोई निशान नहीं रह गया है। अगर कहीं दूर जंगलों में थोड़े से लोग लेकिन वे मित्र समझदार हैं। और उन्होंने लिखा है मिल जाते हैं, तो हम उनको जल्दी से शिक्षित करके सभ्य बनाने कि आप हमें धोखा न दे पाएंगे। इस उछल-कूद से की पूरी कोशिश में लगे हैं। और हम सोचते हैं, हम बड़ी कृपा कर कोई भी लाभ होने वाला नहीं है। रहे हैं, उनकी सेवा कर रहे हैं। अभी एक महिला मेरे पास आई थी। अपना जीवन लगा दिया है आदिवासियों को शिक्षित करने में। वह मेरे पास आई थी कि कुछ 5 क बात तो पक्की है कि उन्होंने उछल-कूद नहीं की। रास्ते बताइए कि हम आदिवासियों को कैसे सभ्य बनाएं! मैंने ५ और वही उछल-कूद जो बच गई है, उनके इस प्रश्न उससे पूछा कि पहले तू मुझे यह बता कि जो सभ्य हो गए हैं, ज्यादा में निकली है। वे कर लेते, तो हलके हो जाते। और से ज्यादा आदिवासी भी सभ्य होकर यही हो पाएंगे, और क्या | बंदर उनके पास निश्चित है और गहरा है। चैन नहीं पड़ी उनको रात होगा! तो तुझे क्या परेशानी हो रही है? और ये जो सभ्य लोग जाकर। वे बेचैन रहे होंगे रातभर; शायद सोए भी न हों; क्योंकि दिखाई पड़ रहे हैं, क्या इनसे तुझे तृप्ति है कि थोड़े आदिवासियों बड़े क्रोध से प्रश्न लिखा है। प्रश्न कम है, गाली-गलौज ज्यादा है। को इन्हीं जैसा बना देने से कोई दुनिया का गौरव और कोई इससे तो बेहतर था कि यहां निकाल ली होती, तो रात हलके सो सुख-शांति बढ़ जाएगी? गए होते और प्रश्न में गाली-गलौज न होती। तो वह बहुत घबड़ा गई। उसने कहा, मैंने अपने जीवन के तीस और मैं आपको धोखा दे रहा हूं! क्या प्रयोजन हो सकता है? साल इसी में लगा दिए, लेकिन मुझे कभी किसी ने यह कहा नहीं। | और आपके नाचने से मुझे क्या लाभ होगा? और आप बंदर की यह मैं सोचती है, तब तो घबड़ाहट होती है कि शिक्षित होकर तरह उछल-कूद कर लेंगे, तो किसका हित सधने वाला है? ज्यादा से ज्यादा यही होगा। मगर जो शिक्षित हो गए हैं, उनको | लिखा है कि आप हमें धोखा न दे पाएंगे। क्या लाभ है! पर तुम्हें धोखा देने की जरूरत भी क्या है? प्रयोजन भी क्या है? .. मगर उस महिला की भी अपनी मजबूरी है। अपनी कामवासना | पर वे यह कह रहे हैं कि हम धोखे में न आएंगे। वे असल में यह को दबा लिया है। विवाह नहीं किया है; किसी से कभी प्रेम नहीं कह रहे हैं कि हम धोखे में न आएंगे। वे यह कह रहे हैं कि हम जैसे किया; ब्रह्मचर्य को मानने वाली है। क्रोध नहीं करती है; अक्रोध हैं, हम ऐसे ही रहेंगे। हम किसी को बदलने का कोई मौका न देंगे। का व्रत लिया है। झूठ नहीं बोलती है; सच बोलने की कसम खाई मत दें। आपकी मर्जी है। आप अपने से प्रसन्न हों, तो यहां मझे है। इस तरह सब भांति अपने को रोक रखा है। अब वह जो भाप सनने आने की भी क्या जरूरत है। आप जैसे हैं भले हैं। आपको इकट्ठी हो गई है, उसका क्या करना? वह जो जीवन ऊर्जा इकट्ठी | यहां परेशान होने की भी क्या जरूरत है! आपको ध्यान में आने हो गई है, उसका क्या करना? की भी क्या जरूरत है! लेकिन अगर आने की कोई जरूरत है, तो वह पागल की तरह आदिवासियों की सेवा में लगी है, बिना अगर चिकित्सक के पास आप जाते हैं, तो बीमार हैं, इस बात की इसकी फिक्र किए कि सेवा का परिणाम क्या होगा! तुम्हारी भाप तो खबर देते हैं। निकली जा रही है, लेकिन जिन पर निकल रही है, उनका परिणाम ___ मैं एक चिकित्सक हूं, इससे ज्यादा नहीं। अगर आप मेरे पास क्या है? क्या फायदा होगा? | आते हैं, तो आप बीमार होने की खबर देते हैं। और आपकी बीमारी आदमी जैसा आज है, ऐसा आदमी जमीन पर कभी भी नहीं था। को अगर अलग करने के लिए मैं कोई दवा बताऊं, तो आप कहते 1171
SR No.002409
Book TitleGita Darshan Part 06
Original Sutra AuthorN/A
AuthorOsho Rajnish
PublisherRebel Publishing House Puna
Publication Year1996
Total Pages432
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size18 MB
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