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________________ 0 गीता दर्शन भाग-60 मिली, हम कैसे आंकें ? क्योंकि बैंक बैलेंस तो कुछ है नहीं। बुद्ध | देते हैं। राजनीतिज्ञ भी कभी साधु के चरणों में आकर बैठता है। यह को कुछ मिला कि नहीं मिला, हम कैसे पहचानें ? क्योंकि इतिहास | आदमी अलग हट गया मैदान से। एक दुश्मन कम हुआ। इसने में कहीं कोई मूल्यांकन नहीं हो सकता। जो मिला है, वह कुछ दूसरे लड़ाई छोड़ दी। यह बहने लगा धारा में। आयाम, किसी दूसरे डायमेंशन का है। इस जगत में उसकी कोई | तो आपको लगता है कि आप विपरीत धारा में बहेंगे निरहंकारी पहचान नहीं है। होकर, तो गलत लगता है। आप अहंकारी होकर धारा के विपरीत लेकिन फिर भी हमको उसकी सुगंध लगती है। बुद्ध के उठने बह रहे हैं, जीवन की धारा के विपरीत। निरहंकारी होकर आप में, बैठने में हमें लगता है कि कुछ मिल गया है। उनकी आंखों में | जीवन की धारा में बहेंगे। हां, और अहंकारियों के विपरीत आप लगता है कि कुछ मिल गया है। उनका मौन, उनकी शांति, उनका जाएंगे, लेकिन इससे कोई अड़चन न होगी। अड़चन हो सकती है, आनंद! जीवन में उनका अभय, जीवन के प्रति उनकी गहन अगर आप निरहंकार से भी संसार का धन, संसार की प्रतिष्ठा और आस्था! मृत्यु से भी जरा-सा संकोच नहीं। खो जाने की सदा पद पाना चाहते हों। तो हो सकती है। तैयारी। जैसे वह पा लिया हो, जो खोता ही नहीं है। अमृत का कोई सुना है मैंने, एक सम्राट प्रार्थना कर रहा था एक मंदिर में। वर्ष अनुभव उन्हें हुआ है। उसकी हमें सुगंध, उसकी थोड़ी झलक, का पहला दिन था और सम्राट वर्ष के पहले दिन मंदिर में प्रार्थना उसकी भनक, उनके स्पर्श से, उनकी मौजूदगी से लगती है। लेकिन | करने आता था। वह प्रार्थना कर रहा था और परमात्मा से कह रहा संसार की भाषा में उसे तौलने का कोई उपाय नहीं, कोई तराजू नहीं, था कि मैं क्या हूं! धूल हूं तेरे चरणों की। धूल से भी गया बीता हूं। कोई कशिश नहीं कि नाप लें, जांच लें, क्या मिला है। पापी हं। मेरे पापों का कोई अंत नहीं है। दष्ट हं. कर हं. कठोर हं। सफलता तो निरहंकार की है। सच तो यह है कि सिर्फ मैं कुछ भी नहीं हूं। आई एम जस्ट ए नोबडी, ए नथिंग। बड़े भाव निरहंकार ही सफल होता है। लेकिन वे फल, जो निरहंकार की से कह रहा था। सफलता में लगते हैं, आंतरिक हैं, भीतरी हैं। संसार की सफलता और तभी पास में बैठा एक फकीर भी परमात्मा से प्रार्थना कर निरहंकार की सफलता नहीं है। लेकिन संसार की कोई सफलता रहा था और वह भी कह रहा था कि मैं भी कुछ नहीं हूं। आई एम सफलता ही नहीं है। नोबडी, नथिंग। सम्राट को क्रोध आ गया। उसने कहा, लिसेन, हूं तो यह मत पूछे। और यह भी मत पूछे कि इतने जहां लोग इज़ क्लेमिंग दैट ही इज़ नथिंग? एंड बिफोर मी! सुन, कौन कह अहंकार से भरे हैं, अगर हम इन सबके विपरीत बहने लगें, तो बड़ी | रहा है कि मैं कुछ भी नहीं हूं? और मेरे सामने। जब कि मैं कह रहा अड़चन होगी! आप गलती में हैं। अहंकार का मतलब ही होता है, | | हूं कि मैं कुछ भी नहीं हूं, तो कौन प्रतियोगिता कर रहा है? धारा के विपरीत बहना। अहंकार का मतलब होता है कि नदी से । जो आदमी कह रहा है, मैं कुछ भी नहीं है, वह भी इसकी फिक्र विपरीत बहना। नदी की धार बह रही है पश्चिम की तरफ, तो आप | में लगा हुआ है कि कोई दूसरा न कह दे कि मैं कुछ भी नहीं हूं। बह रहे हैं पूरब की तरफ। अहंकार का मतलब ही होता है, उलटे | कोई प्रतियोगिता न कर दे। अब जब तुम कुछ भी नहीं हो, तो अब जाना। क्योंकि लड़ने में अहंकार का रस है। जब धारा से कोई | क्या दिक्कत है! अब क्या डर है! लेकिन कहीं दूसरा इसमें भी आगे विपरीत लड़ता है, तभी तो पता चलता है कि मैं हूं। जब आप नदी न निकल जाए। में धारा के साथ बहते हैं, तो कैसे पता चलेगा कि आप हैं! जब । अहंकार के खेल बहुत सूक्ष्म हैं। तो अगर आप किसी निरहंकारी आप लड़ते हैं धारा से, तब पता चलता है कि मैं हूं। से कहें कि तुमसे भी बड़े निरहंकारी को मैंने खोज लिया है, तो तो अहंकार है, जीवन की धारा के विपरीत। निरहंकार है, धारा | उसको भी दुख होता है, कि अच्छा, मुझसे बड़ा? मुझसे बड़ा भी के साथ। माना कि और सब लोग जो ऊपर की तरफ जा रहे हैं धारा | कोई विनम्र है? तुम गलती में हो। मैं आखिरी हूं। उसके आगे, में, आप उनसे नीचे की तरफ जाएंगे। लेकिन आप यह मत सोचिए | | मुझसे बड़ा विनम्र कोई भी नहीं है। उसको भी पीड़ा होती है। कि इससे वे दुखी होंगे। इससे वे प्रसन्न होंगे, क्योंकि एक | निरहंकारी को भी लगता है कि मुझसे आगे कोई न निकल जाए! कांपिटीटर कम हुआ, एक प्रतियोगी अलग हटा। तो फिर यह अहंकार की ही यात्रा रही। फिर यह निरहंकार झूठा है, इसलिए आप जरा देखें, अहंकारी भी निरहंकारियों को सम्मान | थोथा है।
SR No.002409
Book TitleGita Darshan Part 06
Original Sutra AuthorN/A
AuthorOsho Rajnish
PublisherRebel Publishing House Puna
Publication Year1996
Total Pages432
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size18 MB
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