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________________ गीता दर्शन भाग-44 कि बचेगा, कि क्या होगा! कि इसके शरीर में क्या कमी है और | बचाने की उत्सुकता एक वैज्ञानिक की उत्सुकता है। यह पत्नी भी क्या ज्यादा है, और क्या घट रहा है-इसे कुछ भी पता नहीं है। उत्सुक है कि यह आदमी बच जाए, लेकिन इसकी बचाने की गणित का इसे कोई भी पता नहीं है। लेकिन किसी अंतस्तल पर इसे उत्सुकता एक वैज्ञानिक की उत्सुकता नहीं है। पता है कि घटना समाप्त हो गई। जीवन बुझने के करीब है। इसे __ अगर यह आदमी मर जाएगा, तो डाक्टर भी दुखी होगा। दुखी कुछ भी पता नहीं है। इसके पास कोई यंत्र जानने के नहीं हैं। लेकिन | इसलिए होगा कि केस असफल हुआ। दुखी इसलिए होगा कि दवाएं इसकी अंतस-चेतना आंसुओं से भर गई है। इसकी अंतस-चेतना काम न कर पाईं। दुखी इसलिए होगा कि मेरा निदान उपयोगी न पर मृत्यु की छाया आ गई है। हुआ। दुखी इसलिए होगा कि कहीं कोई गणित में भूल हुई। दुखी डाक्टर समझाता भी है कि घबड़ाओ मत, अभी कोई घबड़ाने | इसलिए होगा। यह आदमी जो मर रहा है, उसके लिए एक केस है। की बात नहीं है, लेकिन घबड़ाहट नहीं रुकती। डाक्टर कहता है, इस पत्नी का दुख कुछ और ढंग का होगा। इस आदमी के मरने मरीज बच जाएगा, तो भी उस स्त्री की आंखों में भरोसा नहीं आता। के साथ यह कभी दुबारा वही नहीं हो सकेगी, जो थी। इस आदमी वह किसी और ही ढंग से जान रही है कि बचना असंभव है। के मरने के साथ ही उसके भीतर बहुत कुछ मर जाएगा, जो फिर और ऐसा नहीं कि इसके लिए पास होना ही जरूरी है। ऐसी | कभी पुनरुज्जीवित नहीं होगा। उसका कोई हिस्सा कट जाएगा और घटनाएं घटी हैं कि दूर बेटा मर रहा है, हजारों मील दूर, और मां गिर जाएगा। यहां तत्काल हजारों मील दूर फासले पर बोध से भर गई है कि कुछ वहीं हम समझें कि एक तीसरा आदमी भी बैठा हुआ है, वह एक अघट हो रहा है। अभी तो इस पर वैज्ञानिक भी शोध करते हैं और अखबार का रिपोर्टर है। वह खबर लेने आया है कि यह आदमी वे कहते हैं कि इसमें वैज्ञानिक आधार है। क्योंकि जिस बच्चे का | | कब मरे, मैं दफ्तर में जाकर खबर कर दूं। वह भी वहीं मौजूद है। हृदय अपनी मां के हृदय के साथ नौ महीने धड़का हो, उन दोनों के | | वह भी अपना कागज-कलम लिए बैठा है कि यह आदमी मरे और हृदय के बीच एक लयबद्धता है। और वह लयबद्धता ऐसी है कि | | मैं जल्दी से लिखू। वह भी उत्सुक है। वह भी उत्सुक है। उसकी समय और स्थान के फासले को नहीं मानती। और अगर दूर बेटे | | उत्सुकता और ही तीसरे ढंग की है। वह सोच रहा है कि किस ढंग का हृदय धड़क लगे और मत्य के करीब आ जाए तो मां के हृदय से ब्योरा लिखा जाए। किस ढंग से खबर दी जाए। किस ढंग से में भी धड़कन होती है: वह चाहे समझ पाए, चाहे न समझ पाए। अखबार के पढ़ने वाले लोग इस परी स्थिति को जान पाएंगे, जो अभी इस पर रूस में बहुत प्रयोग चलते हैं। तो उन्होंने बहुत | यहां घटित हो रही है। डाक्टर से उसके जानने का फासला और भी जमीन के भीतर ले जाकर पशुओं को, जमीन के भीतर पानी में | तीसरे ढंग का है। समुद्र में ले जाकर हजारों फीट नीचे; और यहां ऊपर उस पशु के | एक चौथा आदमी भी वहां मौजूद है, जो एक चित्रकार है। वह बेटे को मारा जा रहा है या उसके बेटे को काटा जा रहा है; और | | भी उत्सुक है इस आदमी में। लेकिन वह प्रतीक्षा कर रहा है कि मौत वहां उनके पशुओं के हृदय की धड़कनें, रक्तचाप का अध्ययन | कब आ जाए। क्योंकि वह मौत पर एक चित्र बनाना चाहता है। किया, तो वे चकित रह गए। यहां बेटा मरता है और वहां मां के | और जब मौत इस आदमी के सिर पर उतर आए, और इसकी मौत हृदय में सब कुछ उथल-पुथल हो जाती है। यह तो पशुओं की बात | | की छाया इस आदमी को घेर ले, तब वह अनुभव करना चाहता है है! उधर नीचे उन्होंने मां को मारा है, इधर बेटे को कुछ हो जाता | कि क्या होता है? रंग कैसे बदल जाते हैं? धूप-छाया कैसी भिन्न है; बेचैनी हो जाती है, उदासी छा जाती है। हो जाती है? वह भी उत्सुक है। वह भी उत्सुक है। लेकिन इन सब ___ इस पर हजारों प्रयोग हुए हैं। और एक बात उन्होंने तय कर ली की उत्सुकताएं अलग हैं। है कि प्रेम का अपना एक अलग ही आयाम है, जिसका ज्ञान से ___ अगर हम इन चारों से अलग-अलग पूछे, तो शायद हमें वहम कुछ लेना-देना नहीं है। | भी हो कि ये एक ही आदमी की खाट के पास मौजूद थे या चार __अब यह पत्नी भी जानती है कुछ, किसी और मार्ग से। यह अलग आदमियों के पास मौजूद थे। इन चारों के वक्तव्य बिलकुल डाक्टर भी मौजूद है, यह पत्नी भी मौजूद है। यह डाक्टर भी तत्पर | अलग होंगे। है, यह भी उत्सुक है कि यह आदमी बच जाए, लेकिन इसकी । शायद वह स्त्री कोई वक्तव्य ही न दे पाए। डाक्टर जो कहेगा, 250
SR No.002407
Book TitleGita Darshan Part 04
Original Sutra AuthorN/A
AuthorOsho Rajnish
PublisherRebel Publishing House Puna
Publication Year1996
Total Pages392
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size17 MB
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