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________________ * गीता दर्शन भाग-4 चक्के में जो आरा अभी ऊपर दिखाई पड़ रहा है, जो स्पोक ऊपर | न हों। और यह भी हो सकता है कि हमने देखे भी हों, तो हम भूल दिखाई पड़ रहा है, वह थोड़ी देर में नीचे चला जाएगा, और फिर | | गए हों; हमारी स्मृति बड़ी कमजोर है। ऊपर आ जाएगा। वे ही आरे बार-बार घूमते रहेंगे। वे ही वासनाएं | | वोल्तेयर की किसी मामले में बहुत बदनामी हो गई थी फ्रांस में। बार-बार चक्के कि तरह घूमती रहेंगी। वे ही वृत्तियां बार-बार | तो वोल्तेयर के मित्रों ने कहा कि कुछ उपाय करो। इस बदनामी को पुनरुक्त होती रहेंगी। | मिटाने का कुछ इंतजाम करो। कोई वक्तव्य दो। वोल्तेयर ने कहा, जीवन एक चक्र है। संसार शब्द का अर्थ ही होता है, दि व्हील, | | पंद्रह दिन हो गए बदनामी हुए, लोग अब तक भूल भी चुके होंगे। चक्र, जो घूमता रहता है। उसमें कुछ भी नया नहीं है। इस संसार | मेरे वक्तव्य से नाहक फिर याद आ जाएगी! जाने दें। . में कुछ भी नया नहीं है, क्योंकि इस संसार की पूरी व्यवस्था ही यही है सच। स्मृति ही कितनी है! पुनरुक्ति की है, रिपीटीशन की है। लेकिन हर बार ऐसा लगता है एक आदमी मेरे पास आए। बहुत विचारशील हैं, सुशिक्षित हैं। कि कुछ नया हो रहा है। | एक राज्य के शिक्षा मंत्री हैं। मुझसे उन्होंने कहा कि मुझे न परमात्मा जब कोई नया युवक प्रेम में पड़ता है, तो आपको पता है, वह की तलाश है, न किसी आत्मा की खोज, न मुझे मोक्ष चाहिए। मैं सोच सकता है कि पहले भी किसी ने प्रेम किया होगा जमीन पर? | | आपके पास सिर्फ इसलिए आया हूं कि मुझे नींद नहीं आती। अगर कभी नहीं। पहली दफा प्रेम घट रहा है! और जब पहली दफे कोई | मुझे नींद आ जाए, तो मैं आपका परम ऋणी रहूंगा। बस मुझे इतना कवि कोई कविता गुनगुनाता है, तो वह मान सकता है कि कोई और | ही कुछ ध्यान करवा दें कि मुझे नींद आने लगे। भी कवि हुआ होगा कभी? नहीं मान सकता। यही नहीं मानने के __ मैंने कहा, यह तो बहुत ही आसान है। नींद आने से ज्यादा लिए तो बेचारा कहता है कि पुराने काव्य में क्या रखा है! नए काव्य | | आसान और क्या बात हो सकती है! सब भांति सोए हुए आदमी की बात ही और है। यह काव्य ही और है। | को नींद लगवा देना कोई कठिन बात है। जगाना मुश्किल है! आप जब कोई नया विचारक एकाध सूझ की बात करता है, तो शायद | | तो ऐसे काम के लिए आए, जो हो जाएगा। पर मैंने कहा कि ठीक सोचता है, बड़ा मौलिक, बहुत ओरिजिनल बात कह रहा है। वही | कह रहे हैं, आपको कुछ और नहीं, सिर्फ नींद चाहिए? उन्होंने भूल; वही भूल। जब कोई क्रांतिकारी खड़े होकर कहता है कि | कहा, बस, इसी पर मेरे प्राण अटके हैं। ऐसा हो जाता है रात दुनिया को बदल देंगे; नई दुनिया चाहिए; तो उसे पता नहीं कि यह | जागते-जागते कई दफे कि सिर फोड़ लूं, मर जाऊं। यह क्या कर बात हजारों दफे आदमी कह चुका है। रहा हूं! सब सो रहे हैं और मैं जग रहा हूं! मैंने तो सुना है, अदम और ईव, जब पहली दफा इदन के बगीचे और बड़ा मजा यह है कि जगने वाले को तकलीफ इससे जरा से परमात्मा ने उनको निकाला, तो दरवाजे पर उन्होंने जो पहला कम होती है कि वह जग रहा है, इससे जरा ज्यादा होती है कि सब शब्द कहा, वह यह कहा कि नाउ वी आर पासिंग श्रू ए सो रहे हैं! अगर सब जग रहे हों...। रेवोल्यशन हम एक क्रांति से गजर रहे हैं। पहले आदमी ने जो मैंने उन्हें कहा. तो एक बहत छोटा-सा प्रयोग कर लें। इतना पहली बात कही अपनी पत्नी से, वह यह थी कि अब हम एक बड़ी छोटा-सा प्रयोग कर लें रात सोते वक्त। अब तक आपने सोने की क्रांति से...। और सच, इससे बड़ी क्रांति क्या हो सकती है, स्वर्ग कोशिश की है और नींद नहीं आई। आज से आप जगने की के दरवाजे से निकाला जाना! कोशिश करें, सोने की नहीं। उन्होंने कहा, इससे क्या होगा! वैसे लेकिन क्रांतिकारी सोचता है कि मुझसे पहले कोई क्रांतिकारी | ही तो नींद नहीं आती, और जगने की कोशिश! मैंने कहा कि मैं नहीं हुआ। सभी क्रांतिकारी ऐसा ही सोचते रहे हैं। क्रांति से पुरानी || सिर्फ आपके गणित को उलटा कर रहा हूं। आप अब तक सोने की चीज दुनिया में खोजनी मुश्किल है, दि ओल्डेस्ट। और मौलिक कोशिश करते रहे और नींद नहीं आई। मैं कहता हूं, आप जगने की होने का दावा इतना सनातन है कि सिर्फ नासमझ कर सकते हैं। कोशिश करें। नींद न आ पाए, इसका खयाल रखें। जैसे ही नींद समझदार कोई मौलिक होने का दावा नहीं कर सकता। आए, पानी छिड़कें, उठकर खड़े हो जाएं, झटका मारें, व्यायाम कुछ भी नया नहीं है। लेकिन जब नया आरा ऊपर आता है, तो | | करें; लेकिन नींद न आने दें। बड़ा नया मालूम पड़ता है। हो सकता है, हमने दूसरे आरे देखे ही वे तीसरे-चौथे दिन मेरे पास आए। कहने लगे, क्या गजब कर 84
SR No.002407
Book TitleGita Darshan Part 04
Original Sutra AuthorN/A
AuthorOsho Rajnish
PublisherRebel Publishing House Puna
Publication Year1996
Total Pages392
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size17 MB
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