________________ खुद अपना उदाहरण देकर ओशो ने एक आजादी हमारे दिलों और दिमागों को दी है। एक पूरे दौर को उन्होंने मुक्ति दे दी है। इस मरी हुई दुनिया में उन्होंने जान डाल दी है, इसकी नसों में प्यार बहाकर। मैं तो बार-बार यही कहता हूं कि हमें धन्यवाद देना चाहिए इस आदमी का, जो यह अनमोल पूंजी युगों-युगों के बच्चों के लिए छोड़ गया है। डा. मुल्कराज आनंद सुप्रसिद्ध लेखक व समीक्षक A REDEL BOOK ISBN 81-7261-120-X