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गीता दर्शन भाग-3
धीरे-धीरे काटने को?
को समझने की जरूरत है। और जब मन कहे, समय कहां है, तो समय काटने का अर्थ है, जीवन को काट रहे हैं। क्योंकि समय सच में चौबीस घंटे का ब्यौरा लगाकर देखना कि सच में समय नहीं जीवन है, और एक गया हुआ क्षण वापस नहीं लौटता। और आप है? समय बहुत है। कहते हैं, समय काटना है! होटल में बैठकर काटेंगे। मित्रों से और एक मजे की बात है समय के संबंध में कि सबके पास गपशप करके काटेंगे। और एक क्षण गया हुआ वापस नहीं बराबर है। कोई गरीब-अमीर नहीं है। सबके पास बराबर है। लौटता। एक क्षण कटा हआ पनः नहीं मिलेगा। और एक क्षण कटा यद्यपि सभी समय का बराबर उपयोग नहीं करते हैं। कि एक क्षण जीवन की रेत खिसक गई, जीवन कम हुआ। इमर्सन से कोई पूछता था, तुम्हारी उम्र कितनी है? तो इमर्सन ने · बड़ा मजेदार है आदमी। एक तरफ कहता है कि उम्र कैसे बढ़ | कहा कि तीन सौ साठ वर्ष! अब इमर्सन, ईमानदार और सच्चा जाए। सारे पश्चिम में चिकित्सक लगे हैं खोजने में, उम्र कैसे बढ़ | आदमी झूठ बोलेगा नहीं। जिसने पूछा, उसने समझा कि लगता है, जाए! उम्र बढ़ जाए, तो पूछता है, समय कैसे कटे! क्या, कर क्या | मेरे सुनने में कोई भूल हो गई। उसने कहा, माफ करें। मैं ठीक से रहे हैं? चिकित्सक उम्र बढ़ाते चले जाते हैं और आदमी मनोरंजन | सुन नहीं पाया। कान पास लाया। इमर्सन ने जोर से कहा कि तीन के साधन खोजता है कि समय कैसे कटे!
सौ साठ वर्ष! उस आदमी ने कहा कि आप मजाक तो नहीं कर रहे! __ अब अमेरिका में बहुत चिंता है इस बात की। क्योंकि एक तरफ | | क्योंकि झूठ तो आप नहीं बोल सकते। मजाक तो नहीं कर रहे! तीन लोग मांग करते हैं कि काम के घंटे कम करो। घंटे कम हो गए हैं। सौ साठ! ज्यादा से ज्यादा आप साठ साल के मालूम पड़ते हैं। कभी बारह घंटे थे; आठ घंटे हुए, छः घंटे हुए, पांच घंटे हुए। पांच इमर्सन ने कहा कि अच्छा, तो तुम दूसरे हिसाब से नाप रहे हो। घंटे काम के हो गए हैं। आदमी कहता है, और घंटे कम करो। काम | | हमारा हिसाब और है। साठ साल में आदमी जितना जीता है, हम कम। संभावना है कि जैसे ही सब आटोमैटिक हो जाए, यंत्रचालित | उससे छः गुना ज्यादा जी चुके हैं। एक-एक क्षण का हमने छः गुना हो जाए, तो समय और भी कम हो जाए। शायद आधा घंटा, | | ज्यादा उपयोग किया है। हम उस हिसाब से कहते हैं, तीन सौ साठ घंटाभर एक आदमी काम कर आए, तो बहुत हो। | साल। अगर तुम भी साठ साल के हो, तो हम तीन सौ साठ साल
अब उस स्थिति में हम आ गए कि जब हमारी हजारों साल की के हैं। क्योंकि तमने किया क्या है? जीए कहां हो?" आकांक्षा पूरी होती है कि हम काम से मुक्त होते हैं। करीब-करीब तो वह आदमी पूछने लगा कि समझ लें कि आप छ: गुना जी उस अवस्था में, जिसमें देवता अगर स्वर्ग में रहते होंगे, तो आदमी लिए। पा क्या लिया? और हम छः गुना कम जीए, तो क्या खो पहुंच गया। काम नहीं करना पड़ेगा। तो अब अमेरिका के सभी दिया? तो इमर्सन ने कहा, मेरी आंख में देखो, मुझे देखो, दो दिन चिंतक परेशान हैं कि समय कैसे कटे! समय को कैसे काटिएगा? मेरे पास रुक जाओ। काम तो काट दिया, अब समय को काटिए!
वह आदमी दो दिन इमर्सन के पास था। फिर उसके पैर छूकर, और डर इस बात का है कि काम से इतना नुकसान कभी नहीं माफी मांगकर गया कि भूल हो गई कि मैंने आपसे पूछा कि क्या
था, जितना खाली समय बच जाएगा, तो हो जाने वाला है। पा लिया। आज मैं पहली दफा जीवन में जानकर जा रहा हूं कि मैंने क्योंकि खाली आदमी क्या करेगा? वह खाली आदमी उपद्रव | साठ साल सिर्फ गंवाए हैं; कुछ पाया नहीं। करेगा। वह उपद्रव कर रहा है। इसलिए जितना समृद्ध समाज, दो दिन उसने देखी इमर्सन की शांति, देखी वह झील, जहां कोई उतना उपद्रवी, उतने हत्यारे, उतने डकैत, उतने चोर, उतने बेईमान | | एक रिपल, एक छोटी-सी तरंग भी नहीं उठती। देखा दो दिन पैदा कर देता है। उसका कारण है कि वे क्या करें? समय कहां | | इमर्सन के पास बैठकर कि उसके आस-पास शीतल विकिरण हो काटें? खाली बैठे रहें?
रह्म है; उसके पास भी बैठकर जैसे स्नान हो जाता है। देखा इमर्सन लेकिन उन आदमियों से भी अगर कहो कि प्रभु-स्मरण एक | के कमरे में सोकर और पाया कि सिर्फ इमर्सन के कमरे में सोने से घंटा, तो वे भी तत्काल उत्तर देते हैं—बिना सोचे यह उत्तर आता | भी उसके सपनों का गुणात्मक रूप बदल गया है; उसकी नींद की है-समय कहां है!
क्वालिटी बदल गई है। इमर्सन के साथ जंगल में चलकर देखा कि नहीं; ऐसा लगता है कि मन आत्मवंचक है। इस आत्मवंचना जंगल वही नहीं मालूम होता है। इस जंगल में वह पहले भी निकला
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