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________________ संन्यास की घोषणा अब सब मिल गया, और लगता है, कुछ भी नहीं मिला। हो जाते हैं हाथ। दिन-रात मेहनत करके जब वह संगीत पैदा कर निष्काम कर्म उस व्यक्ति को उपलब्ध होता है, जो फलाकांक्षा | पाता है, तो क्षणभर भी तो नहीं टिकता। सारा श्रम-संगीत-हवा की इस व्यर्थता को अनुभव कर लेता है कि पाकर भी फल कुछ में गया, और गया, और खो गया। इधर पैदा नहीं हुआ, वहां लीन पाया नहीं जाता है। फल को पा लेना भी निष्फलता है, ऐसी जिसकी हो गया। प्रतीति और समझ गहरी हो जाए, वह कर्म से नहीं भागेगा, कृष्ण तानसेन जैसे व्यक्ति को जिंदगीभर की साधना के बाद अगर कहते हैं, वह कर्म करता रहेगा। लेकिन तब कर्म उसे अभिनय से कृष्ण यह बात कहें कि दूसरा मार्ग सरल है तानसेन ! तानसेन की ज्यादा नहीं होगा। समझ में नहीं पड़ेगा। पहला मार्ग तत्काल समझ में पड़ जाएगा। कृष्ण कहते हैं, दूसरा मार्ग अर्जुन, सरल है। जिंदगीभर जो की थी मेहनत, जो श्रम, वह कहां है? पानी पर भी इसमें एक बात आपसे कहना चाहूंगा कि यह कृष्ण अर्जुन से | लकीर देर से मिटती है, संगीत का स्वर तो और भी जल्दी खो कहते हैं कि दूसरा मार्ग सरल है। यह विशेष रूप से अर्जुन से कही | | जाता है! गई बात है। यह जरूरी नहीं है कि सबके लिए दूसरा मार्ग सरल गाए गीत! रवींद्रनाथ से कोई कहे कि दूसरा मार्ग सरल है, तो हो। किसी के लिए पहला मार्ग भी सरल हो सकता है। इसलिए मुश्किल पड़ेगा समझना। रवींद्रनाथ को पहली बात समझ में आ कोई इस खयाल में न पड़े कि यह बात सामान्य है। यह अर्जुन के सकती है, कि सब गाए गीत हवा में खो गए। कहीं कुछ बचा नहीं। लिए एड्रेस्ड है। अर्जुन के ढंग के जो व्यक्ति हैं, उनके लिए दूसरा | | सब खो जाता है। मार्ग सरल है। यह भी खयाल में ले लें। क्योंकि यह जो चर्चा है, | लेकिन अर्जुन से बात बिलकुल ठीक है। अर्जुन के व्यक्तित्व के अर्जुन से सीधी है। यह सबसे नहीं है। सबसे कोई चर्चा होनी भी | बिलकुल अनुकूल है। अर्जुन की सारी व्यवस्था जीवन की कर्म की बहुत कठिन है। है, स्वप्न की नहीं। और उसका कर्म ऐसा है, अगर वह किसी की - किसी के लिए पहला मार्ग भी सरल हो सकता है। किस के लिए | | छाती में छुरा भोंक दे, तो कर्म डेफिनिट हो जाता है; संगीत की तरह होगा? उस व्यक्ति के लिए पहला मार्ग सरल होगा, जिसके जीवन | | खो नहीं जाता। वह मुर्दा लाश सामने पड़ी रह जाती है; और वह का प्रशिक्षण कर्म का न हो, जिसके जीवन का प्रशिक्षण स्वप्न का | | छुरा सदा के लिए डेफिनिट हो जाता है। वह कृत्य स्थिर मालूम होता हो। जैसे एक कवि। एक कवि का सारा शिक्षण जो है जीवन की | | है। हालांकि जो और गहरा जानते हैं, वे कहते हैं, वहां भी कोई भेद व्यवस्था का, वह स्वप्न का है। नहीं है। लेकिन वह बहुत गहरे देखने की बात है। एक चित्रकार। उसके जीवन की जो सारी व्यवस्था है, उसका जो अर्जुन की जो शिक्षा है, उस शिक्षा में कर्म जो है, वह बहुत प्रशिक्षण है, वह जैसे बड़ा हुआ है, वह स्वप्न का है। असल में जो | | कठोर और ठोस है। उसकी हिंसा की शिक्षा है। वह क्षत्रिय है। वह जितना बड़ा स्वप्न देख सके, उतना ही बड़ा चित्रकार हो सकता है। |सैनिक है। वह मारना और मरना ही जानता है। यह किसी की गर्दन जो जितना सपने में डूब सके, उतना बड़ा कवि हो सकता है। | काट देना, सितार पर तार छेड़ देने जैसा नहीं है—साधारणतः। __एक संगीतज्ञ। वह ध्वनि में स्वप्नों को तैरा रहा है। वह ध्वनि के अंततः तो ऐसा ही है। अंततः तो सितार का तार टूट जाए, कि माध्यम से सपनों को रूपांतरित कर रहा है। उसकी सारी साधना आदमी की गर्दन टूट जाए, अंततः अल्टिमेटली कोई फर्क नहीं है। स्वप्न को ध्वनि में रूपांतरित करने की है। वह सपने हवा में तैरा पर इमीजिएटली, अभी तो बहुत फर्क है। रहा है; हवा में उड़ा रहा है, सपनों को पंख दे रहा है। ___ अर्जुन की जो जीवन की सारी की सारी बनावट है, वह कर्म की अगर कृष्ण ने यह बात एक कवि से, एक संगीतज्ञ से, एक है, स्वप्न की नहीं है। सपने उसने कभी नहीं देखे; उसने कृत्य किए चित्रकार से कही होती, तो कृष्ण यह कभी नहीं कहते कि दूसरा | हैं। उसने कविताएं नहीं लिखी हैं; उसने हत्याएं की हैं। उसने तार मार्ग सरल है। पहला मार्ग सरल होता। पर संगीत नहीं उठाया; उसने तो धनुष पर बाण खींचे हैं। कर्मठ एक संगीतज्ञ को यह समझना सदा आसान है कि कर्म पानी पर | होना उसकी नियति है, उसकी डेस्टिनी है। खींची गई रेखाओं से खो जाते हैं। कितनी मेहनत से सितार पर ___ इसलिए कृष्ण उससे कहते हैं, अर्जुन! मार्ग तो दोनों ही ठीक हैं, जिंदगीभर वह श्रम करता है! लहूलुहान हो जाती हैं अंगुलियां। पत्थर फिर भी दूसरा सरल है। यह अर्जुन से कही जा रही है बात कि दूसरा 277
SR No.002405
Book TitleGita Darshan Part 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorOsho Rajnish
PublisherRebel Publishing House Puna
Publication Year1996
Total Pages464
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size19 MB
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