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________________ कामना-शून्य चेतना पहुंचे। जरा चूके, कि गए! एकाध दिन भूल गए, एकाध दिन तो | छोटा-मोटा काम नहीं है। लेकिन यह बुद्धिमत्ता है प्रज्ञाचक्षु वाली, बहुत दूर है, पांच-सात सेकेंड भूल गए, गए! अंधे आदमी वाली। शरीर हृदय को चलाता रहता है। खून आप नहीं चलाते, शरीर जिस अर्थ में मैंने कहा है कि शरीर की अपनी प्रज्ञा है, वह और चलाता है। आपको चलाना पड़े, तो बड़ी मुश्किल हो जाए। सच | | अर्थ है-इस अर्थ में। और अभी जब मैं कह रहा हूं कि शरीर अंधा तो यह है कि एक छोटे-से आदमी के शरीर में, एक पांच फीट के | | है, वह इस अर्थ में कि अगर आप शरीर की क्रियाओं के पास शरीर में इतना काम चलता है कि वैज्ञानिक कहते हैं कि अगर इतना | मौजूद नहीं हैं, तो शरीर आदतों से चलने लगता है। पूरा काम हमें फैक्टरी में करना पड़े, तो दस वर्गमील की फैक्टरी एक आदमी सिगरेट पी रहा है। अक्सर सिगरेट पीने वाला बनानी पड़े। इतना काम आप नहीं चला रहे हैं, शरीर चला रहा है। | आदत से पीता है। कब उसका हाथ भीतर चला जाता है खीसे में, लेकिन आटोमैटिक, यंत्र की तरह चला रहा है। कब पाकेट बाहर निकाल लेता है, इसका उसे कोई होश नहीं होता। उसकी अपनी इंटेलिजेंस है। इंटेलिजेंस का मतलब है कि उसे | कब उसके मुंह में सिगरेट लग जाती है, माचिस जल जाती है, भी फिक्र करनी पड़ती है हजार तरह की, लेकिन वह है मेकेनिकल। सिगरेट जल जाती है, धुआं बाहर-भीतर होने लगता है, इसका उसे जैसे आपके हाथ में घाव हो गया। दूसरे दिन मवाद इकट्ठी हो जाती होश नहीं होता। यह बिलकुल यंत्रवत चलता है। होश आ जाए, है। यह आपने इकट्ठी नहीं की; यह शरीर ने भेजी है। आपको पता | | तो धुआं बाहर-भीतर करने की स्टुपिडिटी करने वाला आदमी जरा है, मवाद क्यों इकट्ठी हो जाती है! पता भी नहीं होगा कि क्यों इकट्ठी | मुश्किल से मिलेगा। क्योंकि कर क्या रहा है? कर इतना ही रहा है हो जाती है। | कि धुएं को बाहर ले जा रहा है, भीतर ले जा रहा है। जिसे आप मवाद कहते हैं, वह खून के सफेद कण हैं, व्हाइट __ अब धुएं को बाहर-भीतर करना, पैसा खर्च करके खून को पार्टिकल्स हैं। खून में दो तरह के कण हैं, सफेद और लाल। लाल जहरीला करना, उम्र को कम करना बेहोशी में ही हो सकता है; कण कमजोर कण हैं, डेलीकेट हैं। सफेद कण शक्तिशाली कण | होश में नहीं हो सकता। और या फिर आदमी स्युसाइडल हो, हैं, मजबूत हैं। शरीर में घाव हो गया; शरीर फौरन सफेद कणों को | आत्मघाती हो, तो हो सकता है। लेकिन आत्मघात भी बेहोशी में भेजता है घाव के आस-पास, सेफ्टी मेजर के लिए। | ही हो सकता है; होश में नहीं हो सकता। जैसे कि आपके गांव पर हमला हो जाए, तो आप मिलिट्री के | | जरा कोशिश करें एक दिन सिगरेट होशपूर्वक पीने की। सिगरेट दस्ते को खड़ा कर देते हैं गांव के बाहर। सैनिक भेज देते हैं। | पीएं, आंख बंद करके मेडिटेट करें धुएं पर–कि यह भीतर गया; औरत-बच्चों को हटा लेते हैं फौरन पीछे, कि हटो। हट जाओ। | यह बाहर गया; यह भीतर गया। थोड़ी देर में लगेगा, कि मैं आदमी दुकानें अलग कर लो। मिलिट्री के जवानों को खड़ा कर देते हैं। | | हूं कि पागल हूं! यह मैं कर क्या रहा हूं? बहुत मूढ़ता मालूम हमला हो गया! . | पड़ेगी, बहुत ईडियाटिक। लेकिन काफी मूढ़ हैं; इसलिए मूढ़ता पर जब शरीर पर घाव होता है, तो बाहर से हमला हो गया। शरीर | | भी धंधे चलते हैं। अपने मिलिट्री के जवानों को फौरन वहां भेज देता है। वे सफेद कण अमेरिका की सीनेट ने पीछे, दो-तीन वर्ष पहले तय किया कि जवान हैं उसके। जिसको आप मवाद कहते हैं, वह मवाद नहीं है। | सब सिगरेट पर लाल अक्षरों में, बड़े अक्षरों में लिख दो कि वह शरीर के सफेद कण हैं खून के, जिनकी पर्त को वह वहां भेज | | स्वास्थ्य के लिए हानिप्रद है। दिस इज़ हार्मफुल टु हेल्थ, बड़े देता है। उनकी पर्त पूरे घाव को घेर लेती है। उस पर्त को पार करके | अक्षरों में लिख दो। बाहर के कीटाणु अब शरीर में प्रवेश नहीं कर सकते। उस पर्त में | पहले सिगरेट के मालिकों ने बहुत विरोध किया कि इससे तो घिरकर भीतर शरीर अपना काम शुरू कर देता है, नई चमड़ी को | | बहुत नुकसान हो जाएगा। मुकदमे चलाए। अदालत में ले गए निर्माण करने का। जब तक चमड़ी निर्मित न हो जाए, तब तक | | मामले को कि इससे तो बहुत नुकसान हो जाएगा। क्योंकि आदमी मवाद की पतली पर्त बाहर के कीटाणुओं को शरीर के भीतर प्रवेश | | अगर हर बार सिगरेट के डब्बे पर पढ़ेगा कि यह स्वास्थ्य के लिए नहीं करने देगी। वे फाइटर्स हैं। हानिप्रद है, तो सिगरेट के धंधे का नुकसान हो जाएगा। लेकिन लेकिन यह सब है। शरीर की भी अपनी बुद्धिमत्ता है। यह कोई| मनोवैज्ञानिकों ने कहा, घबड़ाओ मत। जो धुएं को बाहर-भीतर कर 107
SR No.002405
Book TitleGita Darshan Part 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorOsho Rajnish
PublisherRebel Publishing House Puna
Publication Year1996
Total Pages464
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size19 MB
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