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श्रद्धा है द्वार -
दौर पड़ना चाहिए। न पड़े, तो भी बेचैनी होती है कि कुछ गड़बड़ है। | कहा, मैं राजी हूं। लेकिन तुमसे मैं यह पूछता हूं कि अगर मेरी मौत
दुख आता है, तो परेशानी होती है; नहीं आता है, तो परेशानी | कल आएगी, तो उसके बाहर तुम निकाल पाओगे कि नहीं? उन होती है। सुख आता है, तो परेशानी होती है; नहीं आता है, तो | मित्रों ने कहा, मौत के बाहर हम कैसे निकाल पाएंगे। तो साक्रेटीज परेशानी होती है। अज्ञानी हर चीज को परेशानी बनाने की कला | ने कहा, फिर क्यों परेशान होते हो? इतनी परेशानी भी क्या! अगर जानता है, हठधर्मी जानता है। हठधर्मी कला है जिंदगी को परेशानी | मरना ही है, और मरना है ही, दिन दो दिन से क्या फर्क पड़ेगा। बनाने की। अगर जिंदगी को परेशानी बनाना है, तो हर चीज में हठ लेकिन दो दिन के लिए मुझे चोर क्यों बनाते हो! नाहक की हठधर्मी किए चले जाइए; जब जो हो, उसके खिलाफ लड़िए; और जब जो क्यों? ठीक है, मौत आती है, तो आ जाए। न हो, उसके खिलाफ भी लड़िए। और फिर आपकी पूरी जिंदगी | | फिर जहर पीस रहा है जो आदमी साक्रेटीज को देने के लिए। एक संताप, एक एंग्विश, एक नर्क बन जाएगी; बन ही गई है। । छह बजे जहर देना है, लेकिन सवा छह बज गया, तो साक्रेटीज
कृष्ण कह रहे हैं, इस हठधर्मी में कुछ भी सार नहीं है अर्जुन, | | खुद उठकर बाहर आया और उससे पूछा, बड़ी देर कर रहे हो! जान कि जो होता है, होता है। जो होता है, होता है-ऐसा जान। | उसने कहा, तुम पागल तो नहीं हो! मैं तो तुम्हारी वजह से ही देर
जीसस को जिस रात पकड़ा गया और लोग उन्हें सूली पर चढ़ाने कर रहा हूं कि थोड़ी देर और जी लो। साक्रेटीज ने कहा कि पागल के लिए ले जाने लगे। तो जीसस को सांझ कुछ लोगों ने खबर दी | | हो, कितनी देर जिला पाओगे! जब मौत आनी ही है, तो ठीक है; थी। खबर दी थी कि आप पकड़े जाएंगे, रात खतरा है, भाग जाएं। सूरज के रहते आ जाए, तो जरा मैं भी देख लूं कि मौत कैसी होती तो जीसस ने कहा, जो होने वाला है, होगा। फिर वे वहीं गैथस्मेन है। तू अंधेरा किए दे रहा है। के बगीचे में रुके रहे। फिर भी रात मित्रों ने कहा, अभी भी कुछ देर | | यह गैर-हठधर्मी का व्यक्तित्व ही ज्ञान का व्यक्तित्व है। नहीं हुई, अभी भी हम निकल सकते हैं। लेकिन जीसस ने कहा, जो तो कृष्ण कह रहे हैं, तू हठधर्मी मत कर। उतनी ही बात कह रहे होने ही वाला है, उससे कब कौन निकल पाया है! फिर दुश्मनों की हैं। और हठधर्मी कर, तो समर्पण न कर सकेगा। और हठधर्मी न आवाज सुनाई पड़ने लगी, मशालें दिखाई पड़ने लगीं कि लोग उन्हें कर, तो समर्पण कर सकता है। समर्पण वही कर सकता है, जो खोज रहे हैं। लोगों ने, शिष्यों ने, मित्रों ने कहा, देखते हैं, मशालें हठधर्मी नहीं करता है। वह आदमी समर्पण कभी नहीं कर सकता अंधेरे में दिखाई पड़ती हैं। मालूम होता है, वे आते हैं। तो जीसस ने है, जो हठधर्मी करता है। कहा, अगर उन्हें पहुंचना ही है, तो रास्ता जरूर उन्हें मिल जाएगा।
अब यह, यह ज्ञानी का लक्षण है।
साक्रेटीज को जहर दिया जा रहा है। अदालत ने साक्रेटीज से प्रश्नः भगवान श्री, एक मित्र पूछते हैं, कृष्ण जिस कहा कि तुम एथेंस छोड़कर चले जाओ, तो हम तुम्हें मुक्त कर श्रद्धा की बात करते हैं, वह श्रद्धा अंधश्रद्धा भी हो सकते हैं, जहर नहीं देंगे। साक्रेटीज से कहा कि अगर तुम एथेंस में सकती है। कृष्ण ने विवेक शब्द का उपयोग क्यों नहीं भी रहो और सत्य बोलना बंद कर दो, तो हम तुम्हें मुक्त कर दें और किया, जो श्रद्धा से कहीं ज्यादा सार्थक शब्द है? जहर न दें। साक्रेटीज ने कहा, मैं कछ भी नहीं कह सकता। सत्य कृपया इसे स्पष्ट करें। बोला जाना होगा, तो बोला जाएगा; और नहीं बोला जाना होगा, तो नहीं बोला जाएगा। मैं वायदा कल के लिए कैसे करूं? मुझे पक्का नहीं कि कल होगा भी कि नहीं होगा! तो मैं कैसे प्रामिस कर OT द्धा कभी भी अंधश्रद्धा नहीं हो सकती, सिर्फ विश्वास सकता हूं? मैं वायदा कैसे कर सकता हूं? तुम अपने जहर का 1 ही अंधविश्वास हो सकता है। सच तो यह है कि इंतजाम कर लो। मैं कोई वायदा नहीं कर सकता। कल का क्या
विश्वास अंधविश्वास होता ही है। श्रद्धा कभी अंधी पता, क्या होगा? जो होगा, मैं राजी हूं।
नहीं हो सकती है। नहीं हो सकने का कारण है। नहीं हो सकने का फिर मित्रों ने कहा कि यह तो बड़ी गलत बात है। हम रिश्वतखोरी कारण है। कारण यह है कि श्रद्धा मनुष्य के समग्र व्यक्तित्व की करके और आपको जेल से निकाले ले जाते हैं रात में। साक्रेटीज ने एकता है, पूर्ण व्यक्तित्व की एकता है। जैसा मैंने कहा, इंटिग्रेटेड
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