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________________ mm+ अर्जुन का जीवन शिखर-युद्ध के ही माध्यम से HAIR होता है वह नहीं, जिससे होता है वह! जो किया था, वह अच्छा था, कि असाधु ने जो किया था, वह लेकिन मनुष्य की सारी नीति कृत्य पर निर्भर है। कहती है, यह अच्छा था! काम बुरा है और यह काम अच्छा है। अच्छे काम करो और बुरे ___ मैं अभी पश्चिम के एक विचारक का एक हैरानी से भरा हुआ काम मत करो। कौन-सा काम बुरा है? कौन-सा काम अच्छा है? वक्तव्य पढ़ रहा था। उसने यह पूछा है कि अगर एक आदमी दूसरे क्योंकि कोई भी काम एटामिक नहीं है, आणविक नहीं है; काम | महायुद्ध के पहले हिटलर को गोली मार दे, तो यह कृत्य अच्छा है एक श्रृंखला है। समझें उदाहरण से। | या बुरा? बात तो ठीक पूछता है। अगर एक आदमी दूसरे महायुद्ध आप रास्ते से गुजर रहे हैं, एक आदमी आत्महत्या कर रहा है। | के पहले हिटलर को गोली मार दे, तो यह कृत्य शुभ है या अशुभ? आप उसे बचाएं या न बचाएं? स्वभावतः, आप कहेंगे कि | क्योंकि यह आदमी करोड़ों आदमियों को मरने से बचा रहा है, बड़ी आत्महत्या करने वाले को बचाना चाहिए, कृत्य अच्छा है। लेकिन | बर्बादी को रोक रहा है। लेकिन इस आदमी को सजा होती और आप उसे बचा लेते हैं और कल वह पंद्रह आदमियों की हत्या कर | सारी दुनिया में इसके कृत्य का विरोध होता कि इसने गलत काम देता है। आप नहीं बचाते, तो पंद्रह आदमी बचते थे। आपने | किया है। बचाया, तो पंद्रह आदमी मरे। कृत्य आपका अच्छा था या बुरा? तो जो लोग कृत्य से सोचते हैं और हम सभी लोग सोचते हैं, कृत्य एक सीरीज है अंतहीन। आप समाप्त हो जाएंगे, आपका दुनिया के समस्त नीतिशास्त्र कृत्य पर जोर देते हैं कि यह ठीक है कृत्य समाप्त नहीं होगा, वह चलता रहेगा। आप मर जाएंगे, और और यह गलत है। आपने जो किया था, वह चलता रहेगा। कृष्ण इससे उलटी बात कह रहे हैं। वे कह रहे हैं कि यह सवाल ___आपने एक बेटा पैदा किया। यह बेटा पैदा करना अच्छा है या नहीं है कि तुमने जो किया है, वह ठीक है या गलत। गहरे में सवाल बुरा? यह बेटा कल हिटलर बन सकता है। यह एक करोड़ | दूसरा है, और वह सवाल यह है कि तुम कौन हो? तुम क्या हो? आदमियों को मार डाल सकता है। लेकिन यह बेटा कल हिटलर तुम्हारी मनोदशा क्या है? इस पर सब निर्भर है। बनकर एक करोड़ आदमियों को मार डाले, तो भी कृत्य अच्छा है मेरे देखे भी, कृत्य पर आधारित जो नीति है, बहुत बचकानी है, या बुरा ? क्योंकि वे एक करोड़ आदमी क्या करते अगर बचते, इस चाइल्डिश है। लेकिन हम सभी ऐसा सोचते हैं। हम सभी ऐसा पर सब निर्भर होगा। लेकिन यह श्रृंखला तो अनंत होगी। सोचते हैं। __ कृत्य इंडिविजुअल नहीं है। कृत्य के पास कोई आणविक | । कृष्ण कह रहे हैं, व्यक्ति की भावदशा क्या है ? और वे एक सूत्र इंतजाम नहीं है; वह तो बड़ी श्रृंखला की एक कड़ी है। बस, एक | दे रहे हैं कि अगर लाभ और हानि बराबर है, अगर सुख और दुख कड़ी है और आगे श्रृंखला अंतहीन है। आप चले जाएंगे और कृत्य | समान हैं, अगर जय और पराजय में कोई अंतर नहीं, तो तू जो भी जारी रहेगा। जैसे कि हमने पत्थर फेंका एक झील में, पत्थर डूब | करेगा, उसमें कोई पाप नहीं है। क्या करेगा, इसकी वे कोई शर्त ही गया। लेकिन पत्थर का झील से जो संघात हुआ था, वह जो लहर | | नहीं रखते। कहते हैं, फिर तू जो भी करेगा, उसमें कोई पाप नहीं है। उठी थी-पत्थर तो डूबकर झील में बैठ गया लेकिन वह जो | | विचारणीय है, और गहरी है बात। क्योंकि कृष्ण यह कह रहे हैं संघात हुआ था, जो लहर उठ गई थी, वह उठ गई। अब वह लहर | | कि दूसरे को चोट पहुंचाने की बात तभी तक होती है, जब तक लाभ चल पड़ी। अब वह लहर और लहरों को, और लहरों को, और | और हानि में अंतर होता है। जिसे लाभ और हानि में अंतर ही नहीं लहरों को, उठाती रहेगी। पत्थर कभी का शांत होकर बैठ गया और | है....शर्त बड़ी मुश्किल है। क्योंकि लाभ-हानि में अंतर न हो, यह लहर अनंत चलती रहेगी, अनंत तटों को छूती रहेगी। करीब-करीब बड़ी गहरी से गहरी उपलब्धि है। कृत्य ऐसा ही है। ऐसा व्यक्ति, जिसे लाभ और हानि में अंतर नहीं है, क्या ऐसा __ आप करते हैं, आप तो बाहर हो जाते हैं करके, कृत्य चल पड़ता | | कोई भी कृत्य कर सकता है, जिसे हम पाप कहते हैं! जिसे जय न-सा कृत्य ठीक है, जब तक हम पूरे विश्व का और पराजय समान हो गई हों, जिसे असफलता और सफलता अंत न पा लें, तब तक तय नहीं हो सकता। जब तक कि सब सृष्टि खेल हो गए हों, जो दोनों को एक-सा स्वागत, स्वीकार देता हो, समाहित न हो जाए, तब तक तय करना मुश्किल है कि महात्मा ने जिसकी दोनों के प्रति समान उपेक्षा या समान स्वीकृति हो, क्या है। इ 175
SR No.002404
Book TitleGita Darshan Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorOsho Rajnish
PublisherRebel Publishing House Puna
Publication Year1996
Total Pages512
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size22 MB
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