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________________ Sim भागना नहीं-जागना है AM हो सकता। भागेंगे कहां? जहां भाग रहे हैं, पूर्ण में वह भी त्यागा | जो न पाया जा सकता है और न छोड़ा जा सकता है, उसका नाम जा चुका है। मक्का भागेंगे? मदीना भागेंगे? काशी भागेंगे? संसार है। सपने न पाए जा सकते हैं, न छोड़े जा सकते हैं। असत हरिद्वार भागेंगे? अगर त्याग पूर्ण है, तो भागना असंभव है। अगर न पाया जा सकता है, न छोड़ा जा सकता है। असत के प्रति केवल भोग भी पूर्ण है, तो भागना असंभव है। भागने की कोई जरूरत | | जागा जा सकता है, वन कैन बी ओनली अवेयर। सपने के प्रति नहीं है। सिर्फ जागा जा सकता है। जो आदमी सपना छोड़कर भाग रहा है, सब अधूरे का खेल है, सब आधे का खेल है। तो जो | वह काफी गहरे सपने में अभी है। क्योंकि जिसको सपना छोड़कर हाफ-हार्टेड, जो आधे हृदय से भोग रहे हैं, उनको पकड़ने का भागना पड़ रहा है, उसे इतना तो पक्का है कि सपना सपना नहीं उपाय है। जो आधे हृदय से त्याग रहे हैं, उनको छोड़ने का उपाय है। भागने योग्य तो मालूम ही हो रहा है। इतना सच तो दिखाई है। लेकिन जो पूरे हृदय से जी रहे हैं, उनको न भागने को कुछ है, पड़ता ही है। न त्यागने को कुछ है। उनको तो सिर्फ जानने को ही कुछ __ कृष्ण को समझेंगे तो दिखाई पड़ेगा। कृष्ण अर्जुन को भागने से है—जागने को ही। ही बचाने की चेष्टा में संलग्न हैं। यह पूरी गीता भागने वालों के प्रश्न भागने का नहीं है, प्रश्न जागने का है। प्रश्न देखने का है, | | खिलाफ है। यह पूरी गीता इस बात के खिलाफ है कि जो भागने दर्शन का है। प्रश्न गहरे में झांकने का है। प्रश्न यह नहीं है कि पदार्थ वाले हैं, वे वही पागलपन को उलटी दिशा में कर रहे हैं, जो पकड़ने से भाग जाओ, क्योंकि कहीं भी भागोगे तो पदार्थ है। प्रश्न यह है | वाले करते हैं। लेकिन सिर्फ पागलपन उलटा हो जाए, शीर्षासन कि पदार्थ में गहरे झांको, ताकि परमात्मा दिखाई पड़े; तब भागने | करने लगे, तो इससे पागलपन नहीं रह जाता, ऐसा नहीं है। कोई की कोई जरूरत न रह जाएगी। पागल शीर्षासन करके खड़ा हो जाए, तो पागलपन मिट जाता है, • आकृतियों से जो भागेगा, वह जाएगा कहां? दूसरी आकृतियों | ऐसा नहीं है। के पास पहुंच जाएगा। स्थानों से भागेगा, दूसरे स्थानों में पहुंच | | भोगी त्यागी हो जाते हैं, संसारी संन्यासी हो जाते हैं, उलटे हो जाएगा। मकानों से भागेगा, दूसरे मकानों में पहुंच जाएगा। लोगों | जाते हैं, तो कोई अंतर नहीं पड़ता। हां, दिशा उलटी दिखाई पड़ने से भागेगा, दूसरे लोगों में पहुंच जाएगा। भागकर जाएंगे कहां? | लगती है, आदमी वही होता है। ढंग उलटे हो जाते हैं, आदमी वही जहां भी भागेंगे वहां संसार है। संसार से नहीं भागा जा सकता। हर होता है। जगह पहुंचकर पता चलेगा, संसार है। फिर वहां से भी भागो, फिर __ कृष्ण गीता में एक बहुत ही अनूठी बात कह रहे हैं। और वे यह वहां से भी भागो-भागते रहो। कह रहे हैं कि संसारी और संन्यासी विपरीत नहीं हैं। एक-दूसरे से __ अगर हम चांद-तारों की रोशनी की गति भी पा जाएं, तो भी उलटे नहीं हैं। संसार से भागकर कोई संन्यासी नहीं होता, संसार संसार के बाहर न भाग सकेंगे। अभी तक कोई चांद-तारा नहीं भाग में जागकर कोई संन्यासी होता है। और जागना हो, तो यहीं जाग सका, अभी तक कोई रोशनी की किरण नहीं भाग सकी संसार के जाओ। कहीं भी भागो, इससे कोई अंतर नहीं पड़ता। जागने के बाहर। अनंत-अनंत यात्रा है रोशनी की किरणों की। लेकिन होगी | | लिए कोई खास जगह नहीं है, कहीं भी जागा जा सकता है। सपने संसार के भीतर ही, भाग नहीं सकतीं। असल में जहां तक भाग मिटाने के लिए खास सपने देखने की जरूरत नहीं है, किसी भी सकते हैं, वहां तक तो संसार होगा ही। नहीं तो भागेंगे कैसे? रास्ता | सपने में जागा जा सकता है। कहां पाएंगे? एक आदमी सपना देख रहा है चोर का, एक आदमी सपना देख जाग सकते हैं। ज्ञानी जागता है, अज्ञानी भागता है। हां, अज्ञानी रहा है साधु का। क्या साधु वाले सपने से जागना आसान है, बजाय के भागने के दो ढंग हैं। कभी वह स्त्री की तरफ भागता है, कभी | | चोर वाले सपने के? दोनों सपने हैं। जागना एक-सा ही है। कोई स्त्री की तरफ से भागता है। कभी धन की तरफ भागता है, कभी | | अंतर नहीं पड़ता। साधु होने के सपने से जागने में भी यही करना धन छोड़ने के लिए भागता है। कभी मुंह करके भागता है संसार की | पडेगा कि जानना पडेगा. यह सपना है। और चोर के सपने से भी तरफ, कभी पीठ करके भांगता है। न मुंह करके कभी संसार को | | जागने के लिए यही करना पड़ेगा कि जानना पड़ेगा कि यह सपना उपलब्ध कर पाता है, न पीठ करके कभी संसार को छोड़ पाता है। है। सपने को सपने की भांति जानना ही जागना है। और सपने को 113
SR No.002404
Book TitleGita Darshan Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorOsho Rajnish
PublisherRebel Publishing House Puna
Publication Year1996
Total Pages512
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size22 MB
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