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________________ Nim+ मृत्यु के पीछे अजन्मा, अमृत और सनातन का दर्शन +AM शरीर में प्रवेश करता है। मरण और जन्म के बीच के किसी दिन हम वैसा कैमरा बहुत ठीक से विकसित कर पाए-जो समय में आत्मा का क्या केवल अस्तित्व रहता है या | कि हो ही जाएगा, क्योंकि चित्र तो सूक्ष्म शरीरों के लिए ही जाने अभिव्यक्ति भी? उस अवस्था में आत्मा का स्वरूप | लगे हैं और यहां का चित्र किसी दिन उस कैमरे से लिया जाए कैसा होता है? जो सूक्ष्म शरीरों को भी पकड़ता हो, तो लोग इतने ही नहीं दिखाई पड़ेंगे, जितने बैठे हैं। और भी बहुत से लोग दिखाई पड़ेंगे, जो हमें दिखाई नहीं पड़ रहे हैं। 15 क शरीर को छोड़ने के बाद दूसरे शरीर में प्रवेश के | महावीर की सभाओं के लिए कहा जाता है कि उनमें बड़ी भीड़ ५ बीच जो अंतराल है, उस अंतराल में कोई अभिव्यक्ति | होती थी। लेकिन उस भीड़ में बहुत तरह के व्यक्ति सम्मिलित होते भी होती है कि सिर्फ अस्तित्व होता है! अभिव्यक्ति | थे। उसमें वे तो सम्मिलित होते थे, जो गांवों से सुनने आए थे; वे भी होती है। लेकिन वह अभिव्यक्ति, जैसी अभिव्यक्ति से हम | भी सम्मिलित होते थे, जो आकाश से सुनने आए थे। परिचित रहे हैं शरीर के भीतर, वैसी नहीं होती। उस अभिव्यक्ति सदा, सब जगह वे चेतनाएं भी मौजूद हैं। कभी वे चेतनाएं अपनी का माध्यम पूरा बदल जाता है। वह अभिव्यक्ति सूक्ष्म शरीर की तरफ से भी कोशिश करती हैं कि आपको दिखाई पड़ जाएं। कभी वे अभिव्यक्ति होती है। उसे भी देखा जा सकता है—विशेष ट्यूनिंग चेतनाएं आप कोशिश करें तो भी दिखाई पड़ सकती हैं। लेकिन उनसे में। जैसे रेडियो सुना जा सकता है—विशेष टयूनिंग में। उसे भी | | उनके दिखाई पड़ने का संबंध विशेष है, सामान्य नहीं है। स्पर्श किया जा सकता है-विशेष व्यवस्था से। एक शरीर से दूसरे शरीर की यात्रा के बीच में शरीर तो होता है, लेकिन साधारण शरीर, जिसे हम जानते हैं वैसा शरीर, तो हम क्योंकि सूक्ष्म शरीर अगर न हो तो नया शरीर ग्रहण नहीं किया जा दफना आते हैं, वह नहीं रह जाता। लेकिन वही अकेला शरीर नहीं सकता। सक्ष्म शरीर को अगर विज्ञान की भाषा में कहें, तो वह है हमारे भीतर। उसके भीतर और शरीर और शरीर भी हैं। उसके | बिल्ट-इन-प्रोग्रैम है; नए शरीर को ग्रहण करने की योजना है, भीतर शरीरों का एक जाल है। साधारण मृत्यु में सिर्फ पहला शरीर | ब्लूप्रिंट है। नहीं तो नए शरीर को ग्रहण करना मुश्किल हो जाएगा। गिरता है। उसके पीछे छिपा दूसरा शरीर हमारे साथ ही यात्रा करता आपने अब तक इस जिंदगी तक जो भी संग्रह किया है-संस्कार, है। सूक्ष्म शरीर कहें, कोई भी नाम दे दें, एस्ट्रल बाडी कहें, कोई अनुभव, ज्ञान, कर्म-जो भी आपने इकट्ठा किया है, जो भी आप भी नाम दे दें-वह हमारे साथ यात्रा करता है। उस शरीर में ही | हैं, वह सब उसमें है। हमारी सारी स्मृतियां, सारे अनुभव, सारे कर्म, सारे संस्कार कभी आपने देखा, रात जब आप सोते हैं, तो रात सोते समय संगृहीत होते हैं। वह हमारे साथ यात्रा करता है। जो आपका आखिरी विचार होता है, वह सुबह उठते वक्त आपका उस शरीर को देखा जा सकता है। बहत कठिन नहीं है उसे पहला विचार होता है। नहीं देखा हो तो थोडा खयाल करना। रात देखना। बहुत कठिन नहीं है, बहुत ही सरल है। और जैसे-जैसे सोते वक्त नींद के उतरने के आखिरी क्षण में, इधर नींद उतर रही दुनिया आगे बढ़ी है सभ्यता में, थोड़ा कठिन हो गया है, अन्यथा है, उस वक्त आपका जो विचार होगा, वह सुबह जब नींद टूट रही, इतना कठिन नहीं था। कुछ चीजें खो गई हैं, हमें दिखाई पड़नी | तब आपका पहला विचार होगा। रात का आखिरी विचार, सुबह मुश्किल हो गई हैं। सिर्फ हम आदी नहीं रहे उनको देखने के। उस का पहला विचार होगा। वह रातभर कहां था? आप तो सो गए थे। दिशा से हमारे मन हट गए हैं। उस दिशा में हमने खोज-बीन बंद अब तक उसे खो जाना चाहिए था। वह आपके सूक्ष्म शरीर में कर दी है। अन्यथा वह सूक्ष्म शरीर बहुत सरलता से देखा जा प्रतीक्षा करता रहा-आप फिर उठे, वह फिर आपको पकड़े। सकता था। अभी भी देखा जा सकता है। और अभी तो वैज्ञानिक | ___ जैसे ही यह शरीर छूटता है, आप एक बिल्ट-इन-प्रोग्रैमआधारों पर भी देखने की बड़ी सफल चेष्टाएं की गई हैं। उस सूक्ष्म | | जिंदगीभर की आकांक्षाओं, वासनाओं, कामनाओं का सब संगृहीत शरीर के सैकड़ों-हजारों चित्र भी लिए गए हैं। समस्त वैज्ञानिक | | ब्लूप्रिंट, एक नक्शा-अपने सूक्ष्म शरीर में लेकर यात्रा पर निकल उपकरणों से जांच भी की गई है। जाते हैं। वह नक्शा प्रतीक्षा करेगा, जब तक आप नए शरीर को यहां हम इतने लोग बैठे हैं। हम इतने ही लोग नहीं बैठे हैं। अगर ग्रहण करें। जैसे ही शरीर ग्रहण होगा, फिर जो-जो संभावना शरीर
SR No.002404
Book TitleGita Darshan Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorOsho Rajnish
PublisherRebel Publishing House Puna
Publication Year1996
Total Pages512
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size22 MB
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