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निर्वाण उपनिषद
दिखाई पड़ जाता है। बड़ा हो, तो पड़ोसी भी समा जाता है, फिर दिखाई नहीं पड़ता। जितना बड़ा हो जाए, उतना ही कम दिखाई पड़ता है। ___ इसलिए हमने चालाकियां की हैं और विराट। विराट करने की कोशिश की है अहंकारों को। जाति, राष्ट्र, धर्म, समाज-और अहंकार इस ढंग से हो जाता है कि फिर ठीक है, फिर कोई दिक्कत नहीं। मैं जोर से चिल्ला सकता हूं कि भारत दुनिया का सबसे श्रेष्ठ राष्ट्र है। कोई उपद्रव नहीं करेगा, कम से कम भारत में तो नहीं ही करेगा। क्योंकि वह उसका भी अहंकार है। वह कहेगा, बिलकुल ठीक है, उचित कहते हैं आप। पाकिस्तान में पाकिस्तान महान बना रहेगा, चीन में चीन महान बना रहेगा। और सबके अहंकार तृप्त होते रहते हैं। रस, पोषण पाते रहते हैं।
अहंकार जीता है ममता के विस्तार से, मेरे के विस्तार से। जितना बड़ा मेरे का घेरा होगा, उतना मेरा 'मैं बड़ा हो जाएगा और सुरक्षित होगा। इसलिए क्या-क्या मेरा है, इसको हम फैलाते चले जाते हैं। ममता, मेरे के फैलाव का नाम है। आप कितनी चीजों को मेरा कह सकते हैं, उतना ही आपका अहंकार पुष्ट होगा। लेकिन किसी चीज को मेरा कहना हो, तो पहले उसे माया से रंजित करना होता है। उसे इल्यूजरी करना पड़ता है। क्योंकि बिना इल्यूजन के कोई चीज को मैं मेरी नहीं कह सकता। ..
जिस जमीन पर मैं खड़ा होकर कहता हूं, मेरी जमीन। मैं कैसे कह सकता हूं? जब मैं नहीं था, तब भी यह जमीन थी; और जब मैं नहीं रहूंगा, तब भी यह जमीन रहेगी। और यह जमीन अगर हंस सकती होगी, तो हंसती होगी, क्योंकि इस पर खड़े होकर न मालूम कितने लोगों ने कहा होगा, मेरी जमीन।
और वे सब खो गए, और जमीन अपनी जगह पड़ी है। ___ अगर मुझे मेरे का विस्तार करना है, तो मुझे बहुत ही हिप्नोटिक इल्यूजन में अपने को सम्मोहित ।
पडेगा। एक भ्रम में, जिसमें मझे सत्य को देखने की जरूरत नहीं. असत्य खडे करने पड़ेंगे। और जितने असत्य झूठ मैं खड़े कर सकूँगा अपने पास, उतने ही मेरे का विस्तार होगा और उतना ही मेरे भीतर मैं मजबूत होगा। एक बहुत अदभुत खेल में हम लगे हैं। कैसा जाल हम बुनते हैं। माया का अर्थ है, हिप्नोटिक इल्यूजन! जैसा आपने देखा न, कभी कोई जादूगर एक झोले में से पौधा निकालता है। पौधा एकदम बड़ा हो जाता है, उसमें आम लग जाते हैं, वह आपको आम तोड़कर दे देता है। न कोई झाड़ है वहां, न वहां कोई आम है। ___ मुल्ला नसरुद्दीन एक जादूगर से मिलने गया था। जा तो रहा था दूसरे काम से, लेकिन जादूगर बीच में मिल गया। और जादूगर ने जैसे ही मुल्ला को देखा, उसने अपना डमरू बजाया। तो मुल्ला चौंका। डमरू बजाकर उसने अपने झोले में से एक पौधा निकाला। पौधा बड़ा हुआ। उसमें आम लगे। मुल्ला पास गया। मुल्ला ने कहा, गजब की चीज है, मैजिक बैग, जादू का थैला। क्या दाम हैं इसके? उसने कहा, पहले इसका पूरा राज तो समझ लो। पौधे को एक तरफ रख दिया। अंदर हाथ डाला। खरगोश एक निकाला, और अंदर हाथ डाला, चीजें निकलती आईं। जो उसने कहा, वही निकाला। __मुल्ला ने कहा, बहुत बढ़िया। जा रहे थे खरीदने कुछ सामान। मैजिक बैग खरीद लिया। निकले थे कुछ और काम से, लेकिन जब मैजिक बैग मिल रहा हो, तो कौन नहीं खरीदेगा? सोचा, वह फिर पीछे कर लेंगे। जरूरी चीजें फिर भी की जा सकती हैं, गैर-जरूरी चीजें चूकी नहीं जा सकती। खाना एक दिन
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