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एस धम्मो सनंतनो
हाथ नहीं है। लेकिन अब पद पर पहुंचकर उन्होंने कहना शुरू कर दिया कि आर.एस.एस. का इसमें कोई हाथ नहीं है। कि गोडसे तो आर.एस.एस. का सदस्य ही नहीं रहा था, जब उसने हत्या की।
यह हो सकता है कि गोडसे सदस्य न रहा हो हत्या करते वक्त, सिर्फ इसीलिए ताकि अगर कोई अड़चन हो, तो जिम्मेदारी आर.एस.एस. पर न आए। वह सिर्फ इतना ही बताती है बात कि वह आर.एस.एस. को बचाने की आकांक्षा रही होगी भीतर–कि संस्था बदनाम न हो। अगर मैं पकड़ भी जाऊं, तो संस्थां पर कोई लांछन न लगे।
लेकिन बड़े मजे की बात है! गांधी के भक्त महात्मा गांधी की समाधि पर फूल चढ़ाते हैं और यहां अब आर.एस.एस. को बढ़ावा दे रहे हैं! क्योंकि आर.एस.एस. ने ही उनको प्रतिष्ठित किया है, उनको पद पर बिठाया है। . इस दुनिया में सारी खोज पद की है, यश की है, नाम की है। किसी को और किसी बात से मतलब नहीं है। सबको एक बात से मतलब है कि मैं किसी तरह सिद्ध करके दिखा दूं कि मैं महान हूं। और जो भी व्यक्ति सिद्ध करके दिखाना चाहता है कि महान है, उसके भीतर हीनता की ग्रंथि है; इनफीरियारिटी कांप्लेक्स है; और कुछ भी नहीं।
बुद्ध ने कहाः जिसके भीतर से नाम-रूप की ममता चली जाए; जिसे न तो यश की आकांक्षा हो, न पद की आकांक्षा हो। जिसके भीतर सूक्ष्म-स्थूल दोनों में से किसी के प्रति कोई लगाव न रह जाए। ऐसा जो ममता से मुक्त है, वही भिक्षु है।
'और पद-प्रतिष्ठा, नाम-रूप, सबके खो जाने पर जो शोक न करे...।'
क्योंकि यह बहुत आसान है : जब तुम पद पर होते हो, तब तुम कह सकते हो कि मुझे पद इत्यादि की कोई चिंता नहीं है। मुझे पद चाहिए नहीं। पद पर होने वाले लोग अक्सर ऐसी बातें कहने लगते हैं कि हमें पद से क्या! पद में क्या रखा! ___ पद पर जो पहुंच जाते हैं, वे अक्सर विनम्रता दिखाने लगते हैं। तुमने अक्सर देखा होगा ः छोटे पद पर लोग ज्यादा उपद्रवी होते हैं। बड़े पद पर लोग कम उपद्रवी हो जाते हैं। क्योंकि अब प्रतिष्ठा हो ही गयी; अब यह मजा भी ले लो साथ में कि हम प्रतिष्ठा से भी मुक्त हैं। हमें यश का कोई लेना-देना नहीं है। __ तुमने देखा, पुलिस वाला ज्यादा झंझट खड़ी करता है। इंस्पेक्टर थोड़ी कम। पुलिस कमिश्नर और थोड़ी कम। जितने बड़े पद पर होता है आदमी, उतनी कम झंझट करता है।
मैंने सुना है : एक अंधा भिखारी राह पर बैठा है। रात है। और राजा और उसके कुछ साथी राह भूल गए हैं। वे शिकार करने गए थे। उस गांव से गुजर रहे हैं। कोई
और तो नहीं है, वह अंधा बैठा है झाड़ के नीचे अपना एकतारा बजा रहा है। और अंधे के पास उसका एक शिष्य बैठा है। वह उससे एकतारा सीखता है; वह भी
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