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________________ एस धम्मो सनंतनो भी बदल जाते हैं। सुबह तुम सोचते थे कि सत्तर प्रतिशत मन कह रहा है, संन्यास ले लो। सांझ होते-होते साठ प्रतिशत कह रहा है कि संन्यास ले लो। दूसरे दिन पचास प्रतिशत कह रहा है, लो; पचास प्रतिशत कह रहा है, न लो। लेने के बाद पता चले कि सत्तर प्रतिशत मन कह रहा है कि गलती कर दी कि ले लिया। __ मन एक से दूसरे में डांवाडोल होता रहता है। मन का स्वभाव डांवाडोल होना है। जिसने सोचकर लिया, उसने अधूरेपन से लिया। पार्लियामेंटरी निर्णय है। इसका कोई बहुत भरोसा नहीं है। जिसने बिना सोचे लिया, उसने सर्वांगीणता से लिया। उसके भीतर बहुमत और अल्पमत का मतलब नहीं है। उसने सर्वमत से लिया। जो सर्वमत से संन्यास लेगा, सहज ही रूपांतरण घटित होगा। रंजना को वैसा हुआ। ऐसा सबको हो सकता है। थोड़ी हिम्मत चाहिए, थोड़ा साहस चाहिए। और जब ऐसा हो जाए, तो फिर कहीं भी रहो, इससे कुछ फर्क नहीं पड़ता। जो गीत पैदा हुआ, वह जारी रहेगा। जो नाच जन्मा, वह तुम्हारे पैरों में समा गया। वह तुम्हारे प्राणों में समा गया। फिर पास या दूर से कुछ भेद नहीं पड़ता। ___ बहुत हैं, जो यहां पास होकर भी दूर हैं। और बहुत हैं, जो दूर होकर भी पास होंगे। पास और दूर का कोई अर्थ नहीं है। असली सवाल आत्मा से आत्मा के पास होना है। हो गए हैं वो दीए की रोशनी लेकर फरार मिल गयी मिलनी थी हमको जो सजाए-ऐतबार। ' पत्थरों में फूल खिलते हैं यहां तो आजकल इक नयी तासीर लेकर आयी है फस्ले-बहार। एक भी चेहरा सही चेहरा नजर आता नहीं इस कदर छायी है सारे शहर पे गर्दो-गुबार। काश कोई आईने सा आईना मिलता हमें आईनाखाने में यूं तो आईने हैं बेशुमार। घोंसले में रख के उड़ते हैं परों को आजकल ये परिद कितने ज्यादा हो गए हैं होशियार। पक्षी भी होशियार हो गए हैं। पंखों को घोंसले में ही रख जाते हैं कि कहीं रास्ते में खो न जाएं। फिर उड़ते हैं। ऐसे होशियार झंझट में पड़ते हैं। घोंसले में रख के उड़ते हैं परों को आजकल ये परिदे कितने ज्यादहा हो गए हैं होशियार। __ होशियारी भी कभी-कभी बड़ी गहरी नासमझी होती है। और कभी-कभी नासमझी भी बड़ी गहरी होशियारी होती है। परमात्मा के संबंध में जो पागल होने को तैयार हैं, वे ही समझदार हैं। 270
SR No.002389
Book TitleDhammapada 12
Original Sutra AuthorN/A
AuthorOsho Rajnish
PublisherRebel Publishing House Puna
Publication Year1991
Total Pages350
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size8 MB
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