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आखिरी प्रश्न :
अप्प दीपो भव !
भगवान ! आप अपने शिष्यों में चुनकर एक मेरे नाम के पीछे ही जी क्यों लगाते हैं? और क्या यह मेरे लिए उचित नहीं होगा कि मैं इसके प्रति अपना विनम्र विरोध प्रगट करूं?
पूछा है आनंद मैत्रेय ने ।
अलग-अलग लोगों को चोट करने के मेरे अलग-अलग ढंग हैं मैत्रेय जी !
आज इतना ही ।