SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 197
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ एस धम्मो सनंतनो जाएगा, तो कैसा होगा। तुम्हें तो सिर्फ इतना ही दिख पाता है कि कुछ गड्डे खोदे जा रहे हैं; कुछ नींवें भरी जा रही हैं; कुछ ईंटें लायी जा रही हैं। तुम्हें कुछ और दिखायी नहीं पड़ता। हजारों साल लगते हैं। लेकिन समय आ गया है। विक्टर ह्यूगो का एक प्रसिद्ध वचन है : जब किसी विचार के लिए समय आ जाता है, तो दुनिया की कोई शक्ति उसे रोक नहीं सकती। समय की बात है। वसंत आ गया है इस फूल के खिलने का। दुनिया थक गयी है प्रयोग कर-करके एकांगी। और हर बार एकांगी प्रयोग असफल हुआ है। अब हमें बहुरंगी प्रयोग कर लेना चाहिए। अब हम ऐसा संन्यासी पैदा करें, जो संसारी हो। और ऐसा संसारी पैदा करें, जो संन्यासी हो। __अब हम ऐसे ध्यानी पैदा करें, जो प्रेम कर सकें। और ऐसे प्रेमी पैदा करें, जो ध्यान कर सकें। दूसरा प्रश्नः क्या मैं शूद्र होकर भी आपका शिष्य हो सकता हूं? क्या मुझ एकलव्य को आप स्वीकार करेंगे? पहली तो बात ः मैं द्रोणाचार्य नहीं हैं। द्रोणाचार्य, मेरे लिए, थोड़े से गंदे नामों में से एक है। और गंदा इसीलिए नाम हो गया—एकलव्य को अस्वीकार करने के कारण। द्रोणाचार्य को गुरु भी नहीं कहना चाहिए। और अगर वे गुरु रहे होंगे, तो उसी अर्थों में जिस तरह स्कूल के मास्टर को हम गुरु कहते हैं। उनमें कुछ गुरुत्व नहीं था। शुद्ध राजनीति थी। एकलव्य को इनकार कर दिया, क्योंकि वह शद्र था। लेकिन उससे भी ज्यादा भीतर राजनीति थी। वह थी कि वह अर्जुन से आगे निकल सकता था, ऐसी क्षमता थी उसकी। राजपुत्र से कोई आगे निकल जाए, और शूद्र आगे निकल जाए क्षत्रिय से-यह द्रोणाचार्य के ब्राह्मण को बर्दाश्त न था। फिर नौकर थे राजा के। उसके बेटे को ही दुनिया में सबसे बड़ा धनुर्धर बनाना था। जिसका नमक खाया, उसकी बजानी थी। गुलाम थे। एकलव्य को इनकार किया-यह देखकर कि इस युवक की क्षमता दिखायी पड़ती थी कि यह अर्जुन को पानी पिला दे! इसने पानी पिलाया होता। इसने वैसे भी पानी पिला दिया। इनकार करने के बाद भी पिला दिया पानी! 182
SR No.002389
Book TitleDhammapada 12
Original Sutra AuthorN/A
AuthorOsho Rajnish
PublisherRebel Publishing House Puna
Publication Year1991
Total Pages350
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size8 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy