SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 14
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ 'गुरु गोविंद दोऊ खड़े काके लागो पाय। बलिहारी वा गुरु की जिन गोविंद दियो दिखाय।।' एक अनजान, अनोखे दृष्टिकोण से तड़पते मन की हलचल यहां प्रकट की गई है। हर कोई इससे सहमत हो कर हामी भरने लग जाए, ऐसी अपेक्षा भी कतई नहीं है। परंतु यह भी एक नजरिया ओशो को छू कर देखने का हो सकता है। इतनी सी बात जताना जरूरी लगा। इस शैली को जानबूझ कर हमें अख्तियार करना पड़ा। क्योंकि ____ 'हिम्मत से सच कहो तो बुरा मानते हैं लोग। ___ और रो रो के बात करने की आदत हमें नहीं।।' __ ऐसी एक सौ एक बातें घनघोर अंधेरों को चीर कर अपने सामने लाते हैं ओशो, तब संभ्रम पैदा होता है अंतर्मन में। ओशो का कौन सा रूप अंतिम है? कौन से ओशो पूरे हैं? कौन सी सूरत? कौन सी सीरत अंतिम है? समाजवाद वाले, साम्यवाद वाले या गहन गंभीर मौन में डूबे हुए चेतनाधारी ध्यान समाधि वाले? हर तरह के भेस बदल कर दुनिया का तमाशा देखने वाले ओशो? या दुनिया में कहीं भी अन्याय की खबर लगे, अपनी निर्मम वाणी का वज्राघात करने वाले ओशो? कौन सी तसवीर सही है उनकी? ___ "देख कबीरा रोया" कह कर सामान्य आदमी के दुखों में कबीर की तरह आंसू बहाने वाले ओशो की तसवीर? कि “पग धुंघरू बांध" नाचने वाली मीरा के साथ खुमारी में मगन हो कर थिरकने वाले फकीर ओशो की तसवीर? या फिर गणतंत्र का गला घोंट कर जम्हूरियत को बेवा करने वाले रेगन को “रौंग बॉक्स में" खड़ा करवा कर घुटने टेकने पर मजबूर करने वाले, सॉक्रेटीज का विष-प्याला और जीसस की सूली एक साथ संभाले हुए, हाथ में हथकड़ियां पहनने वाले सबसे बेगुनाह मुल्जिम की तसवीर? केवल दो साल के अर्से के अंदर ओरेगॉन के वीरान रेगिस्तान को “ओयसिस” के जन्नत में बदल देने वाले दरवेश जादूगर की तसवीर? पूना पॅक्ट से लेकर दुनिया के खूखार हुकूमतों के खिलाह निहत्थे खड़े हो कर एटम के मालिक को झकझोरने वाले अहिंसक बुद्धपुरुष की तसवीर? या फिर सैकड़ों रोल्सरायस और करोड़ों-अरबों-खरबों के नगर ओरेगॉन रजनीशपुरम से पंछी की तरह घोंसले से उड़ जाने वाले अपरिग्रही निर्मोही संन्यासी राजहंस की तसवीर? ओशो मनीषी की कौन सी तसवीर हसीन है? कौन सी तसवीर मोह लेती है मन को? दुनिया में किससे मिलाएं इस आदमकद, आकर्षक और बेमिसाल तसवीर को? बड़ी दुविधा है। किसी से मेल नहीं खाती यह तसवीर। कैसी बेबसी है हम जहां में तेरी तसवीर लिए फिरते हैं तेरी सूरत से नहीं मिलती किसी की सूरत
SR No.002389
Book TitleDhammapada 12
Original Sutra AuthorN/A
AuthorOsho Rajnish
PublisherRebel Publishing House Puna
Publication Year1991
Total Pages350
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size8 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy