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________________ ऐसा लगता है, आकाश से भी अधिक विशाल इनका व्यक्तित्व है, कर्पूर की तरह अपना सारा कर्तृत्व इन्होंने स्वाहा किया है, भारत भूमि का यह चिरंजीवी विजयी अभिमान है। इतिहास के बिना इनका सन्मान दूसरा कौन कर सकता है? । प्रा. डॉ. भाऊ लोखंडे बौद्ध-साहित्य के मूर्धन्य विद्वान प्रा. डॉ. भाऊ लोखंडे पालि, प्राकृत एवं संस्कृत भाषा जगत के ख्यातिनाम लेखक व संपादक हैं। आपके प्रकाशित साहित्य में 'मराठी संत साहित्य पर बौद्ध धर्म का प्रभाव', 'एशिया में बौद्ध धर्म,' 'अयोध्या किसकी? राम की, बाबर की, या बुद्ध की विशेष उल्लेखनीय हैं। प्रा. लोखंडे साहित्य से संबंधित विभिन्न संस्थाओं-समता वाङ्मय प्रकाशन समिति, बंबई, पालि प्राकृत संस्कृत अभ्यासमंडल, पुणे, फुले आंबेडकर साहित्य संसद आदि-से जुड़े हैं; अखिल भारतीय दलित साहित्य संसद के संस्थापक सदस्य हैं, सम्यक विचार संसद के सचिव पद पर हैं एवं 'निकाय' त्रैमासिक पत्र के संपादक हैं। सम्प्रति श्री लोखंडे पालि प्राकृत विभाग, नागपुर विश्वविद्यालय में रीडर पद पर कार्यरत हैं।
SR No.002389
Book TitleDhammapada 12
Original Sutra AuthorN/A
AuthorOsho Rajnish
PublisherRebel Publishing House Puna
Publication Year1991
Total Pages350
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size8 MB
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