________________
एस धम्मो सनंतनो
किए हों, कम से कम बाहर उसने तख्ती तो लगा दी थी कि जो चीज दस रुपए की है, वह पांच रुपए में बिक रही है। चाहे वह पहले भी पांच रुपए में बिकती रही हो!
मगर भीड़ भारी हो गयी थी। खासकर स्त्रियां ऐसी जगह जरूर पहुंच जाती हैं। सस्ती कोई चीज मिलती हो, तो वे फिर यह भी नहीं सोचतीं कि अपने को इसकी जरूरत भी है या नहीं! सस्ती मिल रही हो, तो वे बचा ही लेती हैं पैसा उतना!
बड़ी भीड़ थी। मुल्ला अकेला पुरुष था। लेकिन पत्नी ने उसको भेजा था, तो आना पड़ा था। पत्नी जरा बीमार थी; खुद नहीं आ सकी। और सारे मोहल्ले की पत्नियां जा रही थीं; स्त्रियां जा रही थीं! तो उसने कहाः मुल्ला! तुम्हें जाना ही पड़ेगा। सारा गांव जा रहा है; हम ही चूक जाएंगे। मैं बीमार पड़ी हूं। अभागा है दिन आज कि मैं बीमार हूं। तुम चले जाओ। ___ जाना पड़ा था। बड़ी देर खड़ा रहा। स्त्रियों की भीड़-भक्का! उसमें अकेला पुरुष! ज्यादा धक्कम-धुक्की भी नहीं कर सके। और स्त्रियां खूब धक्कम-धुक्की कर रही हैं। और वे जा रही हैं और एक...।
दो घंटे देखता रहा। उसने सोचाः यह तो दिनभर बीत जाएगा, मैं दुकान के भीतर ही नहीं पहुंच पाऊंगा! तो उसने सिर नीचे झुकाया और दोनों हाथों से स्त्रियों को चीरना शुरू किया, जैसा आदमी पानी में तैरता है; ऐसा नीचे सिर झुकाकर वह एकदम घुसा!
स्त्रियां बड़ी चौंकी। दो-चार ने उसको धक्का भी मारा और कहाः नसरुद्दीन कैसे करते हो? एक सज्जन पुरुष की तरह व्यवहार करो!
नसरुद्दीन ने कहाः सज्जन पुरुष की तरह व्यवहार दो घंटे से कर रहा हूं। अब तो एक सन्नारी का व्यवहार करूंगा! अब सज्जन से काम चलने वाला नहीं है। अब तो सन्नारी का व्यवहार करूंगा, तो ही पहुंच पाऊंगा; नहीं तो नहीं पहुंच सकता।
राजनीति में जो जितना मूढ़ हो, जितना पागल हो और जितना सिर घुसाकर पड़ जाए एकदम पीछे, वही पहुंच पाता है। समझदार तो कभी के घर लौट आएंगे, कि भई, यहां अपना बस नहीं है। यह अपना काम नहीं है। समझदार तो अपनी मालाएं ले लेंगे और राम-राम जपेंगे। यहां अपना काम नहीं है! नासमझ...! ___ सारी दुनिया भरी है नासमझों से। कोई तो होगा। इसलिए व्यक्तियों से मुझे कुछ लेना-देना नहीं है। व्यक्ति तो सिर्फ उदाहरण मात्र हैं।
और राजनीति से भी सीधा मुझे कोई विरोध नहीं है। विरोध है तो इसीलिए कि वह धर्म का झूठा परिपूरक है।
लोग समझें कि धर्म क्या है, ताकि अपने भीतर के आनंद को उपलब्ध हो सकें। और यह तभी हो सकता है, जब वे राजनीति से मुक्त हो जाएं। यह तभी हो सकता है; जब उनकी महत्वाकांक्षा गिर जाए। __ इसलिए विरोध है।
120